
शिमला | 18 जुलाई 2025: हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। राज्य में 250 से अधिक सड़कें बंद हो चुकी हैं, और भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने 21 से 23 जुलाई तक भारी से अति भारी बारिश का ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है। इस मानसून सीज़न में अब तक राज्य को 1,220 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है।
सड़कें, ट्रांसफॉर्मर और जलापूर्ति योजनाएं बुरी तरह प्रभावित
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (SEOC) के मुताबिक, मंडी जिले में सबसे अधिक 181 सड़कें बंद हैं, जबकि सिरमौर में 26 और कुल्लू में 23 सड़कें बाधित हैं।
इसके अलावा शुक्रवार सुबह तक 61 पेयजल योजनाएं और 81 बिजली ट्रांसफॉर्मर प्रभावित हो चुके हैं।
तीन दिन का ‘ऑरेंज’ अलर्ट: भारी से बहुत भारी बारिश की चेतावनी
आईएमडी ने कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला और सिरमौर जिलों में 21 से 23 जुलाई के बीच भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
इसके साथ ही कुछ इलाकों में येलो अलर्ट भी जारी किया गया है, जो संभावित खतरे को दर्शाता है।
लोगों को इस दौरान सतर्क रहने, पहाड़ी क्षेत्रों से बचने और अनावश्यक यात्रा न करने की सलाह दी गई है।
IMD के रंग आधारित अलर्ट कोड:
- 🟢 ग्रीन: कोई खतरा नहीं
- 🟡 येलो: सतर्क रहें
- 🟠 ऑरेंज: तैयार रहें
- 🔴 रेड: आपात प्रतिक्रिया की जरूरत
112 मौतें, 35 लापता, 199 घायल: मानसून बना संकट का कारण
20 जून को मानसून की दस्तक के बाद से 17 जुलाई तक राज्य में 112 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें से
- 67 मौतें बारिश से जुड़ी घटनाओं में,
- 45 मौतें सड़क हादसों में हुई हैं।
वहीं 199 लोग घायल हुए हैं और 35 लोग अब भी लापता हैं।
22 बादल फटने और 19 भूस्खलन की घटनाएं दर्ज
SEOC के मुताबिक इस मानसून सीजन में:
- 31 बार अचानक बाढ़ (flash flood) की घटनाएं हुईं,
- 22 बादल फटने (cloudburst) की घटनाएं दर्ज हुईं,
- 19 बार भूस्खलन (landslide) ने तबाही मचाई।
राज्य को अब तक 1,220 करोड़ रुपये से अधिक का अनुमानित नुकसान हुआ है।
बारिश के आंकड़े (गुरुवार शाम तक)
- जोगिंदरनगर – 40 मिमी
- सराहन – 38 मिमी
- जट्टन बैराज – 28.6 मिमी
- कोठी – 28.4 मिमी
- शिलारू – 26.4 मिमी
- मुरारी देवी – 26 मिमी
- नारकंडा और जोत – 23-23 मिमी
हिमाचल प्रदेश इस समय भीषण प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। सरकार, प्रशासन और आपदा राहत टीमें सतर्क हैं, लेकिन लगातार हो रही बारिश, सड़कों का बंद होना, और जनहानि की बढ़ती संख्या राज्य के सामने गंभीर चुनौती बन गई है। IMD के अलर्ट को गंभीरता से लेते हुए जनता से सहयोग और सतर्कता की अपील की गई है।