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श्री गुरु राम राय स्कूल की प्रधानाचार्य निलंबित – छात्र के प्रवेश से इनकार और दुर्व्यवहार बना कारण, सीईओ की सख्ती से हुआ त्वरित एक्शन

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देहरादून। श्री गुरु राम राय पब्लिक स्कूल, ईसी रोड देहरादून की प्रधानाचार्य शैला जोशी को स्कूल प्रबंधन ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशों की अनदेखी, छात्र को प्रवेश न देने और अभिभावकों से दुर्व्यवहार की गंभीर शिकायतों के चलते की गई है।

प्रबंधन द्वारा जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि प्रधानाचार्य अपने पद की गरिमा और जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में असफल रहीं, जिसके चलते यह अनुशासनात्मक कदम उठाया गया। उन्हें निर्देश दिया गया है कि वे जांच में सहयोग हेतु एसजीआरआर कालिदास रोड स्थित शाखा में उपस्थित रहें और स्कूल से संबंधित सभी दस्तावेज एवं कार्यभार शिक्षक कुमारेशा शर्मा को सौंपें।

इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब एक छात्र को नौवीं कक्षा में प्रवेश देने से इनकार कर दिया गया और उसके अभिभावकों पर अन्य विद्यालय में प्रवेश लेने का दबाव बनाया गया। अभिभावक ने इसकी शिकायत मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय में दर्ज कराई, जिसमें यह भी उल्लेख किया गया कि स्कूल घर के पास होने के कारण वे अपने बच्चे को यहीं पढ़ाना चाहते थे, लेकिन प्रधानाचार्य के अड़ियल रवैये ने उन्हें मानसिक रूप से काफी परेशान किया।

इस प्रकार की कई और शिकायतें भी सामने आईं, जिनमें अभिभावकों ने प्रधानाचार्य पर दुर्व्यवहार के आरोप लगाए। इस संबंध में मुख्य शिक्षा अधिकारी वीके ढौंडियाल ने न केवल सभी शिकायतों को गंभीरता से लिया, बल्कि मामले में संवेदनशीलता दिखाते हुए छात्र को उसी विद्यालय में प्रवेश दिलाने और अभिभावकों पर किसी तरह का दबाव न बनाए जाने के स्पष्ट निर्देश दिए।

उल्लेखनीय है कि सीईओ ढौंडियाल ने प्रधानाचार्य को व्यक्तिगत रूप से बुलाकर स्पष्टीकरण देने को कहा, लेकिन न तो वह कार्यालय पहुंचीं और न ही फोन पर संतोषजनक जवाब दे पाईं। ऐसी स्थिति में स्कूल प्रबंधन ने प्रशासनिक अनुशासन बनाए रखने के लिए आवश्यक कार्रवाई करते हुए उन्हें निलंबित कर दिया।

मुख्य शिक्षा अधिकारी वीके ढौंडियाल की इस त्वरित और न्यायसंगत कार्यवाही के लिए विशेष सराहना की जानी चाहिए। उन्होंने न केवल अभिभावकों की चिंता को प्राथमिकता दी, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि किसी छात्र का शैक्षणिक अधिकार प्रशासनिक जिद का शिकार न बने। यह उदाहरण शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता और संवेदनशीलता की मिसाल के रूप में देखा जा सकता है।

File Photo : CEO VK Dhoundiyal

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