
देहरादून, 17 सितंबर: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को मुख्यमंत्री आवास में राजकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने मुलाकात की और अपनी विभिन्न मांगों का विस्तृत ज्ञापन प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने शिक्षकों की समस्याओं को गंभीरता से सुनते हुए कहा कि उनकी मांगों का समाधान प्राथमिकता के आधार पर किया जाएगा।
शिक्षकों की प्रमुख मांगें
राजकीय शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन में सेवा शर्तों से लेकर पदोन्नति, स्थानांतरण, सुविधाओं और शिक्षा व्यवस्था को लेकर कई बिंदुओं को उठाया। उनका कहना था कि लंबे समय से लंबित मांगों को अब सरकार की ओर से ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
संघ ने विशेष रूप से शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करने, विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को दूर करने और सेवारत शिक्षकों के हितों की सुरक्षा पर बल दिया।
मुख्यमंत्री का आश्वासन
शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों को समाज का मार्गदर्शक मानती है और उनकी समस्याओं का समाधान सरकार की प्राथमिकता में है।
उन्होंने तत्काल निर्देश जारी करते हुए कहा कि सचिव कार्मिक की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति बनाई जाए, जिसमें सचिव शिक्षा, महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा और शिक्षक संघ के प्रतिनिधि शामिल हों। यह समिति शिक्षकों के मांग पत्र और नियमावली का अध्ययन कर एक सप्ताह के भीतर बैठक कर आगे की कार्रवाई तय करेगी।
शिक्षा को लेकर सरकार का दृष्टिकोण
मुख्यमंत्री धामी ने इस अवसर पर कहा कि उत्तराखंड सरकार शिक्षा की गुणवत्ता को बेहतर बनाने और विद्यार्थियों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त वातावरण देने के लिए लगातार प्रयासरत है।
उन्होंने कहा कि शिक्षक न केवल बच्चों का भविष्य गढ़ते हैं बल्कि राज्य और राष्ट्र की दिशा तय करने में उनकी भूमिका अहम है। इसीलिए शिक्षकों की समस्याओं का समाधान करना सिर्फ़ संगठन की मांग पूरी करना नहीं, बल्कि पूरे समाज और शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करना है।
बैठक में शामिल अधिकारी और पदाधिकारी
इस अवसर पर सचिव शैलेश बगौली, अपर सचिव बंशीधर तिवारी, राजकीय शिक्षक संघ के अध्यक्ष राम सिंह चौहान, महामंत्री रमेश पैन्यूली, उपाध्यक्ष राजकुमार चौधरी सहित अन्य पदाधिकारी और अधिकारी मौजूद रहे।
क्यों अहम है यह बैठक?
शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि राज्य के विद्यालयों में शिक्षकों की कमी, पदोन्नति और स्थानांतरण से जुड़ी समस्याएँ लंबे समय से उठती रही हैं। इससे न केवल शिक्षकों के मनोबल पर असर पड़ता है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता पर भी प्रभाव पड़ता है।
इस मुलाकात और मुख्यमंत्री के सकारात्मक रुख से शिक्षक संघ को उम्मीद जगी है कि उनकी लंबित समस्याओं का समाधान जल्द होगा।
आगे की राह
राज्य सरकार ने साफ किया है कि शिक्षकों की मांगों पर अमल करने के लिए नियमों और संसाधनों की उपलब्धता को ध्यान में रखकर कदम उठाए जाएंगे।
यदि समिति की रिपोर्ट पर त्वरित कार्रवाई होती है तो यह न केवल शिक्षकों को राहत देगी बल्कि राज्य के विद्यालयी शिक्षा तंत्र को भी मजबूती मिलेगी।



