देशफीचर्ड

ब्रिटेन और मालदीव की यात्रा पर रवाना हुए प्रधानमंत्री मोदी, व्यापार, रक्षा और क्षेत्रीय साझेदारी पर होगा फोकस

खबर को सुने

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को दो देशों – ब्रिटेन और मालदीव – की छह दिवसीय द्विपक्षीय यात्रा के लिए रवाना हो गए। इस महत्वपूर्ण यात्रा का उद्देश्य भारत के रणनीतिक, व्यापारिक और रक्षा सहयोग को नए स्तर पर ले जाना है।


ब्रिटेन यात्रा: भारत-यूके FTA पर निर्णायक बातचीत की उम्मीद

पीएम मोदी 23-24 जुलाई को ब्रिटेन में रहेंगे, जहां वह हाल ही में चुने गए ब्रिटिश प्रधानमंत्री केयर स्टार्मर से मुलाकात करेंगे। स्टार्मर उन्हें लंदन के समीप चेकर्स स्थित अपने आधिकारिक निवास पर मेज़बानी देंगे। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच मुक्त व्यापार समझौता (FTA) को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है, जिस पर पिछले कई महीनों से बातचीत जारी है।

विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने जानकारी दी कि समझौते के मसौदे पर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उनके ब्रिटिश समकक्ष जोनाथन रेनॉल्ड्स द्वारा हस्ताक्षर किए जा सकते हैं।

शिक्षा और तकनीक में होगा गहरा सहयोग

ब्रिटेन यात्रा के दौरान शिक्षा और तकनीकी सुरक्षा को लेकर कई अहम साझेदारियों की भी घोषणा होगी। साउथेम्प्टन यूनिवर्सिटी ने गुरुग्राम में भारत की नई शिक्षा नीति के तहत पहला विदेशी परिसर खोला है। कई अन्य संस्थान भी भारत में उपस्थिति दर्ज कराने की दिशा में बढ़ रहे हैं।

इसके अलावा, दोनों देश टेक्नोलॉजी सिक्योरिटी इनिशिएटिव (TSI) के तहत AI, टेलीकॉम, बायोटेक, सेमीकंडक्टर और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाएंगे।


इसके बाद मोदी जाएंगे मालदीव, स्वतंत्रता दिवस समारोह में होंगे मुख्य अतिथि

ब्रिटेन दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी 25-26 जुलाई को मालदीव पहुंचेंगे। वहां वह राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू से मुलाकात करेंगे और भारत समर्थित कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। पीएम मोदी 26 जुलाई को मालदीव के स्वतंत्रता दिवस समारोह के मुख्य अतिथि होंगे।

विदेश सचिव ने बताया कि यह राष्ट्रपति मुइज्जू के कार्यकाल में किसी भी राष्ट्र प्रमुख की पहली राजकीय यात्रा होगी। मालदीव भारत की ‘पड़ोसी प्रथम नीति’ और ‘महासागर विजन’ का अभिन्न हिस्सा है।

पिछले वर्ष भारत और मालदीव ने ‘व्यापक आर्थिक और समुद्री सुरक्षा साझेदारी’ के लिए संयुक्त दृष्टिकोण को स्वीकार किया था, जो अब द्विपक्षीय संबंधों का मजबूत आधार बन चुका है।


भारत के लिए रणनीतिक अवसर

यह द्विपक्षीय दौरा व्यापार, शिक्षा, तकनीक, और क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा के लिहाज़ से भारत के लिए एक अहम अवसर है। ब्रिटेन के साथ FTA की अंतिम बातचीत और मालदीव में रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करना— दोनों ही भारत के वैश्विक प्रभाव और पड़ोसी कूटनीति की दिशा में निर्णायक कदम माने जा रहे हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button