फीचर्डविदेश

टेक्नोलॉजी और इनोवेशन साझेदारी के स्तंभ: भारत-सिंगापुर संबंधों को नई ऊंचाई पर ले जाने का संकल्प

पीएम मोदी और सिंगापुर के पीएम लॉरेंस वोंग की मुलाकात, AI, क्वांटम, डिजिटल कनेक्टिविटी और स्पेस साइंस में सहयोग पर सहमति

नई दिल्ली:भारत और सिंगापुर के बीच रिश्तों में एक नया अध्याय जुड़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग ने गुरुवार को दिल्ली में द्विपक्षीय वार्ता की, जिसके बाद दोनों देशों ने टेक्नोलॉजी और इनोवेशन को साझेदारी के मुख्य स्तंभ बनाने का फैसला किया। यह मुलाकात खास इसलिए भी मानी जा रही है क्योंकि इस वर्ष भारत और सिंगापुर अपने कूटनीतिक संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्रौद्योगिकी और नवाचार, भारत और सिंगापुर के बीच सहयोग की सबसे मजबूत नींव हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि दोनों देशों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), क्वांटम टेक्नोलॉजी और अन्य डिजिटल क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया है।

डिजिटल कनेक्टिविटी में भारत-सिंगापुर की मिसाल

प्रेस वार्ता में पीएम मोदी ने UPI और PayNow को डिजिटल कनेक्टिविटी का “सफल उदाहरण” करार दिया। उन्होंने बताया कि आज से 13 नए भारतीय बैंक इस कनेक्टिविटी प्लेटफॉर्म से जुड़ गए हैं। इससे दोनों देशों के बीच लोगों और कारोबारियों को सीमा-पार लेनदेन में और सुविधा मिलेगी।

भारत और सिंगापुर का यह डिजिटल सहयोग न केवल फिनटेक सेक्टर में बल्कि ग्लोबल स्तर पर भी मॉडल के रूप में देखा जा रहा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि UPI–PayNow इंटीग्रेशन दोनों देशों को “कैशलेस इकॉनमी” की दिशा में और मजबूती देगा।

अंतरिक्ष क्षेत्र में नई उड़ान

भारत और सिंगापुर ने अंतरिक्ष विज्ञान में भी एक बड़ा कदम उठाया है। दोनों देशों के बीच हुआ नया समझौता “स्पेस साइंस” के क्षेत्र में सहयोग को और गहरा करेगा। पीएम मोदी ने कहा कि यह समझौता आने वाले समय में साझा अनुसंधान, उपग्रह प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष मिशनों में भारत-सिंगापुर के सहयोग का मार्ग प्रशस्त करेगा।

इसके अलावा, युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए इस वर्ष के अंत में भारत-सिंगापुर हैकाथॉन का अगला राउंड आयोजित करने पर भी सहमति बनी है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह हैकाथॉन दोनों देशों के नवाचारी युवाओं को एक साझा मंच देगा, जहां उनकी प्रतिभा और स्टार्टअप आइडियाज को बढ़ावा मिलेगा।

2024 की सिंगापुर यात्रा का जिक्र

प्रधानमंत्री मोदी ने 2024 में अपनी सिंगापुर यात्रा को याद करते हुए कहा कि उस दौरान दोनों देशों के संबंधों को व्यापक रणनीतिक साझेदारी तक बढ़ाया गया था। मोदी ने कहा, “पिछले एक साल में हमारे संवाद और सहयोग में उल्लेखनीय गति आई है।”

पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग का गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा, “मैं पदभार ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री वोंग की पहली भारत यात्रा पर उनका हार्दिक स्वागत करता हूं। यह यात्रा इसलिए और भी खास है क्योंकि इस वर्ष हम अपने संबंधों की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं।”

व्यापार, निवेश और रक्षा सहयोग

प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंगापुर आज दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। भारत में सिंगापुर से बड़े पैमाने पर निवेश हुआ है और यह प्रवृत्ति लगातार बढ़ रही है।

दोनों देशों के रक्षा संबंध भी लगातार मजबूत हो रहे हैं। संयुक्त अभ्यासों, तकनीकी सहयोग और सुरक्षा पर साझा दृष्टिकोण ने इस संबंध को और सुदृढ़ बनाया है। साथ ही, “लोग-से-लोग संबंध” यानी सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान भी गहराई से जुड़ चुके हैं।

भविष्य के लिए विस्तृत रोडमैप

भारत और सिंगापुर ने अपने सहयोग को सिर्फ पारंपरिक क्षेत्रों तक सीमित न रखते हुए भविष्य की ज़रूरतों को देखते हुए एक विस्तृत रोडमैप तैयार किया है। इसमें एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग, ग्रीन शिपिंग, स्किल डेवलपमेंट, परमाणु ऊर्जा और अर्बन वाटर मैनेजमेंट जैसे उभरते हुए सेक्टर शामिल होंगे।

मोदी ने कहा कि बदलते वैश्विक परिदृश्य में भारत और सिंगापुर की साझेदारी केवल द्विपक्षीय स्तर पर ही नहीं बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक स्तर पर भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

भारत-सिंगापुर साझेदारी का यह नया अध्याय साफ संकेत देता है कि आने वाले वर्षों में दोनों देशों के बीच सहयोग और गहरा होगा। चाहे वह डिजिटल पेमेंट सिस्टम हो, स्पेस साइंस हो, या फिर ग्रीन टेक्नोलॉजी, हर क्षेत्र में भारत और सिंगापुर साथ मिलकर नई ऊंचाइयों को छुएंगे।

पीएम मोदी और पीएम लॉरेंस वोंग की यह मुलाकात न केवल 60 साल पुराने संबंधों को यादगार बना रही है बल्कि आने वाले दशकों के लिए “नेक्स्ट जेनरेशन पार्टनरशिप” की नींव भी रख रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button