
नई दिल्ली। पाकिस्तान द्वारा अपने हवाई क्षेत्र (एयरस्पेस) के उपयोग पर लगाए गए प्रतिबंध का असर अब भारतीय विमानन कंपनियों पर सीधा दिखने लगा है। सीमित वैकल्पिक मार्गों के कारण कई अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द और विलंबित हो रही हैं।
इंडिगो ने अलमाटी और ताशकंद के लिए अपनी उड़ानें 27 अप्रैल से 7 मई तक अस्थायी रूप से रद्द कर दी हैं। कंपनी ने कहा कि यह निर्णय वर्तमान विमान बेड़े की परिचालन सीमाओं और प्रतिबंधों को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। इंडिगो प्रवक्ता ने यात्रियों से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि ग्राहक रिबुकिंग या रिफंड के विकल्प का लाभ उठा सकते हैं।
पाकिस्तानी एयरस्पेस बंद होने का सबसे बड़ा असर अब आगमन उड़ानों पर दिख रहा है। शुक्रवार को कई अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स चार से छह घंटे तक की देरी से भारत पहुंचीं।
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एअर इंडिया की न्यूयॉर्क-दिल्ली उड़ान (AI 102) चार घंटे देर से पहुंची।
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शिकागो-दिल्ली फ्लाइट (AI 126) पांच घंटे विलंबित रही।
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सैन फ्रांसिस्को-दिल्ली उड़ान छह घंटे की देरी से लैंड हुई।
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लंदन-दिल्ली फ्लाइट (AI 112) निर्धारित समय से करीब चार घंटे देर से आई।
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पेरिस से आने वाली AI 142 डेढ़ घंटे की देरी से लैंड हुई।
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विएना, एम्सटर्डम और फ्रेंकफर्ट से आने वाली फ्लाइट्स में प्रमुख देरी देखी गई।
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खाड़ी देशों जैसे दुबई, शारजाह, जेद्दा, अबू धाबी और बहरीन से उड़ानों में 1 से 3 घंटे तक की देरी हुई।
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बाकू (अजरबैजान) से दिल्ली की उड़ान साढ़े तीन घंटे, और त्बिलिसी (जार्जिया) से आने वाली फ्लाइट पांच घंटे देर से पहुंची।
इंडिगो और एअर इंडिया दोनों ने यात्रियों को इस स्थिति के बारे में सूचित करते हुए एडवाइजरी जारी की है:
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इंडिगो ने कहा कि प्रभावित यात्री वेबसाइट या कस्टमर केयर से संपर्क कर रिबुकिंग या रिफंड विकल्प चुन सकते हैं।
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एअर इंडिया ने स्पष्ट किया कि अब अमेरिका, यूरोप और खाड़ी देशों की उड़ानों को वैकल्पिक रूट अपनाने पड़ रहे हैं, जिससे यात्रा समय में वृद्धि होगी।
पहले बाकू-दिल्ली की उड़ान पाकिस्तान के ऊपर से होकर भारत में प्रवेश करती थी। लेकिन अब उसे ईरान के पूरे उत्तर-दक्षिण क्षेत्र को पार करते हुए अरब सागर के रास्ते भारत में आना पड़ता है। यह नया मार्ग करीब 30% अधिक दूरी तय कराता है, जिससे उड़ानों में देरी और ऑपरेशन कॉस्ट बढ़ गई है।