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विश्व पर्यावरण दिवस पर मुख्यमंत्री ने किया पर्यावरण सेवियों का सम्मान, प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड का लिया संकल्प

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देहरादून : मुख्यमंत्री  पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित समारोह में पर्यावरण संरक्षण में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को सम्मानित किया।
इस दौरान उन्होंने प्लास्टिक मुक्त उत्तराखंड का संकल्प दिलाया और प्रदेशवासियों से प्रकृति संरक्षण हेतु सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया।

सुंदरलाल बहुगुणा पुरस्कारों से सम्मानित हुए पर्यावरण प्रहरी

  • सरकारी श्रेणी में ‘सुंदरलाल बहुगुणा प्रकृति एवं पर्यावरण संरक्षण पुरस्कार–2025’ से नगर निगम रुद्रपुर को सम्मानित किया गया। पुरस्कार उपनगर आयुक्त श्रीमती शिप्रा जोशी ने ग्रहण किया।

  • गैर-सरकारी श्रेणी में यह सम्मान  विजय जड़धारी एवं  प्रताप सिंह पोखरियाल को प्रदान किया गया, जो लंबे समय से प्रकृति संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत हैं।

नई पहलें: पोस्टर विमोचन और पोर्टल लोकार्पण

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने

  • उत्तराखंड प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के जागरूकता पोस्टर का विमोचन किया

  • इको टूरिज्म कॉर्पोरेशन द्वारा तैयार ऑनलाइन पोर्टल का लोकार्पण भी किया।

उन्होंने स्कूली बच्चों को कपड़े के बैग वितरित किए और वन विभाग को प्रत्येक वन प्रभाग में कम से कम 1000 फलदार वृक्ष लगाने के निर्देश दिए ताकि वन्यजीवों के लिए पर्याप्त आहार सुनिश्चित किया जा सके।

प्राकृतिक अवसरों पर पौधारोपण का आह्वान

मुख्यमंत्री ने जनता से अनुरोध किया कि वे जन्मदिन, वर्षगांठ और अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर पौधारोपण करें। उन्होंने कहा कि:

“उत्तराखंड की पहचान इसकी जैव विविधता, घने जंगलों, पवित्र नदियों और हिमालयी ग्लेशियरों से है। इन धरोहरों का संरक्षण हम सभी की जिम्मेदारी है।”

हरित विकास की दिशा में उत्तराखंड

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत, अक्षय ऊर्जा, ग्रीन हाइड्रोजन, स्वच्छ भारत, नमामि गंगे और प्लास्टिक मुक्त भारत अभियानों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण की वैश्विक दिशा तय कर रहा है

राज्य सरकार भी ‘हरेला’ जैसे लोक पर्वों को प्रकृति संरक्षण के महापर्व के रूप में मना रही है और ‘स्प्रिंग एंड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी (SARA)’ के माध्यम से पारंपरिक जल स्रोतों की रक्षा कर रही है।

पर्यावरणीय उपलब्धियाँ

मुख्यमंत्री के अनुसार:

  • बीते वर्ष में 6,500 से अधिक जल स्रोतों का संरक्षण और उपचार किया गया

  • 3.12 मिलियन क्यूबिक मीटर वर्षा जल का संचयन किया गया

  • चारधाम यात्रा समेत सभी बाहरी वाहनों में कूड़ेदान अनिवार्य किया गया

  • हाल ही में आयोजित राष्ट्रीय खेलों को ‘ग्रीन गेम्स’ की थीम पर आयोजित किया गया, जिसमें ई-वेस्ट से बने मेडल व रीसाइकल्ड किट शामिल थीं।

वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखंड देश के टॉप 5 कार्बन अवशोषण करने वाले राज्यों में शामिल है और जन सहभागिता से पर्यावरण संरक्षण को आंदोलन बनाया गया है।

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने ‘ग्रॉस एनवायरमेंट प्रोडक्ट (GEP)‘ जैसे नवाचारों की बात करते हुए कहा कि “विकास और पर्यावरण संतुलन एक साथ चल सकते हैं।”

इस अवसर पर प्रमुख वन संरक्षक डॉ. धनंजय मोहन, शासन, पुलिस एवं वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, विद्यार्थीगण एवं पर्यावरण प्रेमी नागरिक उपस्थित रहे। कार्यक्रम प्लास्टिक मुक्त भविष्य और हरित उत्तराखंड के संकल्प के साथ समाप्त हुआ।

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