देशफीचर्ड

केरल तट पर जहाज डूबने से तेल रिसाव : भारतीय तटरक्षक बल का प्रदूषण प्रतिक्रिया अभियान जारी

खबर को सुने

कोच्चि : केरल के अलपुझा तट से लगभग 15 समुद्री मील दक्षिण-पश्चिम में लाइबेरियाई कंटेनर पोत एमवी एमएससी एल्सा 3 के डूबने के बाद भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने तेजी से प्रदूषण प्रतिक्रिया अभियान शुरू कर दिया है। 25 मई को पोत के डूबने के कुछ ही घंटों के भीतर आईसीजी निगरानी विमान ने समुद्र में तेल का रिसाव होते देखा, जिसके बाद तत्काल कार्रवाई की गई।

आईसीजी द्वारा पहले से ही तैनात प्रदूषण प्रतिक्रिया पोत ‘सक्षम’ को तुरंत घटनास्थल की ओर रवाना किया गया। साथ ही, एक आईसीजी डोर्नियर विमान ने हवाई आकलन कर तेल रिसाव क्षेत्र की निगरानी की और तेल फैलाव हटाने वाले विशेष पदार्थ (ओएसडी) का छिड़काव शुरू किया।

आईसीजी के अनुसार, तेल की परत 1.5 से 2 नॉट की गति से पूर्व-दक्षिण-पूर्व दिशा की ओर बह रही है। समुद्र की खराब स्थिति और तेज़ हवाओं ने अभियान को चुनौतीपूर्ण बना दिया है। साथ ही, क्षेत्र में लगभग 100 से अधिक कार्गो कंटेनर तैरते हुए देखे गए हैं, जिनमें से कई टूट गए और उनमें से हानिकारक सामग्री बाहर निकलने का खतरा बना हुआ है।

आईसीजी ने स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए कई कदम उठाए हैं:

  • जहाजों के मार्गों को बदल दिया गया है, ताकि वे खतरनाक क्षेत्र से न गुजरें।

  • सभी नाविकों को सावधानी बरतने की चेतावनी दी गई है।

  • आईसीजी के दो अपतटीय गश्ती पोत (ओपीवी) चौबीसों घंटे निगरानी कर रहे हैं।

  • विशेष रूप से डिज़ाइन किए गए प्रदूषण प्रतिक्रिया पोत ‘समुद्र प्रहरी’ और अतिरिक्त ओपीवी को ओएसडी उपकरणों के साथ तैनात किया गया है।

कोच्चि के मर्केंटाइल मरीन डिपार्टमेंट ने मर्चेंट शिपिंग एक्ट, 1958 के तहत जहाज के मालिक मेसर्स एमएससी को प्रदूषण दायित्व चेतावनी जारी की है। एमएससी ने इस संकट से निपटने के लिए टीएंडटी साल्वेज को नियुक्त किया है, जो कंटेनर रिकवरी, तेल हटाने और पर्यावरण सफाई का कार्य कर रहा है।

आईसीजी ने केरल राज्य प्रशासन को तटरेखा की सफाई के लिए सतर्क रहने और स्थानीय समुदायों को चेतावनी दी है कि वे तट पर बहकर आए किसी भी कार्गो या मलबे को न छुएं क्योंकि इनमें खतरनाक रसायन या विषैली वस्तुएं हो सकती हैं।

भारतीय तटरक्षक बल की तीव्र और सुसंगठित प्रतिक्रिया ने इस गंभीर पर्यावरणीय खतरे को नियंत्रित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। हालांकि स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है, लेकिन केंद्रीय और राज्य एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों से इस संकट को जल्द ही काबू में लाने की उम्मीद की जा रही है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button