
देशभर में कई आपराधिक गतिविधियों के लिए कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई अब अपने गैंग का नेटवर्क महाराष्ट्र तक फैलाने की कोशिश में है। जानकारी के मुताबिक, वह मुंबई और पुणे के बेरोजगार और अस्थिर युवाओं को अपने गैंग में शामिल करने के मिशन पर काम कर रहा है। जांच एजेंसियों के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बिश्नोई गैंग बीते कुछ वर्षों में देश के कई राज्यों में पैर जमा चुका है और अब उसकी नजर महाराष्ट्र के युवाओं पर है।
फेम और दबदबे का लालच देकर युवाओं को बना रहा है शिकार
बताया जा रहा है कि लॉरेंस बिश्नोई की गैंग बेरोजगार युवाओं को सोशल मीडिया के ज़रिए टारगेट करती है। युवाओं को जल्दी पैसा कमाने, इलाके में पहचान बनाने और ‘रुतबा’ पाने का सपना दिखाकर उन्हें गैंग में शामिल होने के लिए राज़ी किया जाता है। पहले भी उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब से कई युवाओं को इस तरह गैंग में शामिल किया जा चुका है। अब यही रणनीति मुंबई और पुणे जैसे शहरों में अपनाई जा रही है।
पुणे में तेजी से उभरती गैंगवार संस्कृति
एजेंसी के सूत्रों का कहना है कि पुणे में रियल एस्टेट और जमीन से जुड़े कामों में तेजी के चलते कई छोटी-छोटी आपराधिक गैंग्स उभर आई हैं। इनमें से कई आपसी विवादों, ज़मीन कब्जाने और वसूली जैसे अपराधों में लिप्त हैं। इसी माहौल का फायदा उठाकर लॉरेंस बिश्नोई गैंग भी अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है।
सोशल मीडिया बना मुख्य हथियार
जांच एजेंसियों को ऐसे कई संकेत मिले हैं कि लॉरेंस की गैंग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल युवाओं को जोड़ने के लिए कर रही है। फर्जी प्रोफाइल्स, मैसेजिंग ऐप्स और वीडियो कॉल्स के ज़रिए युवाओं को टच में लाया जाता है और फिर उन्हें धीरे-धीरे गैंग में शामिल कर लिया जाता है।
मुंबई-पुणे पुलिस अलर्ट पर, कार्रवाई की तैयारी
सूत्रों की मानें तो मुंबई के कुछ युवाओं को लेकर भी संदेह है कि वे इस गैंग के संपर्क में हैं। इनपर पुलिस की नजर बनी हुई है और जांच एजेंसियां सक्रिय रूप से सोशल मीडिया मॉनिटरिंग कर रही हैं। रिक्रूटमेंट की गतिविधियों को रोकने के लिए मुंबई और पुणे पुलिस ने आवश्यक कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
यह घटनाक्रम न केवल युवाओं को अपराध की ओर धकेलने की साजिश को उजागर करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि किस तरह सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर अपराधी अपने नेटवर्क को फैला रहे हैं।