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चुनाव से पहले नीतीश सरकार का बड़ा दांव: बिहार में मिल सकती है 100 यूनिट मुफ्त बिजली, प्रस्ताव तैयार

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चुनाव से पहले नीतीश सरकार का बड़ा दांव: बिहार में मिल सकती है 100 यूनिट मुफ्त बिजली, प्रस्ताव तैयार

पटना: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार ने एक बड़ा राजनीतिक दांव चलने की तैयारी कर ली है। राज्य में 100 यूनिट मुफ्त बिजली देने की योजना पर गंभीरता से विचार हो रहा है। इसे लेकर ऊर्जा विभाग ने एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर वित्त विभाग को भेज दिया है।

यह कदम राज्य की गरीब और मध्यमवर्गीय आबादी को राहत देने की दिशा में देखा जा रहा है, वहीं इसे आगामी चुनावों से पहले जन समर्थन मजबूत करने की रणनीति के रूप में भी देखा जा रहा है।

एनडीए ने बताया जनकल्याणकारी फैसला

भाजपा प्रवक्ता नीरज कुमार ने इस प्रस्ताव का स्वागत करते हुए कहा,

“एनडीए सरकार का यह एक ऐतिहासिक और जनकल्याणकारी कदम है। विपक्ष भले इसे सियासी चश्मे से देखे, लेकिन यह बिहार की जनता के लिए एक बड़ी राहत साबित होगा।”

महिला आरक्षण और बढ़ी हुई पेंशन के बाद अब मुफ्त बिजली योजना

बिहार सरकार ने हाल ही में महिलाओं के लिए सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण लागू किया था। यह आरक्षण केवल राज्य की मूल निवासी महिलाओं के लिए सुनिश्चित किया गया है।
साथ ही, सरकार ने वृद्ध, विधवा और दिव्यांगजनों को मिलने वाली मासिक पेंशन को 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये कर दिया है, जिससे 1 करोड़ 11 लाख लाभार्थियों को सीधे राहत मिली है।

मुख्यमंत्री ने पेंशन ट्रांसफर के दौरान लाभार्थियों से ऑनलाइन संवाद भी किया। पटना के पास सिकंदरपुर गांव के 66 वर्षीय रामेश्वर प्रसाद, जो खेतिहर मजदूर हैं, ने इस बढ़ी हुई पेंशन को “आर्थिक राहत” बताया।

कैबिनेट ने हाल ही में लिए थे 43 अहम फैसले

बिहार मंत्रिमंडल की हालिया बैठक में युवा आयोग के गठन समेत 43 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई थी। इन्हीं में महिलाओं के लिए सरकारी भर्तियों में आरक्षण और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं में सुधार भी शामिल रहे।


राजनीतिक विश्लेषण: चुनावी साल में जनहित की घोषणाओं की बौछार

राजनीतिक जानकार मानते हैं कि बिहार में जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं, सरकार जनता को लुभाने वाले फैसलों की श्रृंखला तेज कर रही है। मुफ्त बिजली, महिला आरक्षण, और बढ़ी पेंशन – ये तीनों ही घोषणाएं ग्रामीण, निम्न आय वर्ग और महिला मतदाताओं को सीधे तौर पर प्रभावित करती हैं।

हालांकि इस प्रस्ताव को अभी अंतिम मंजूरी नहीं मिली है, लेकिन यदि इसे हरी झंडी मिलती है तो यह राज्य में बिजली उपभोक्ताओं की लागत को काफी हद तक कम कर सकता है।

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