झारखंड: जमीन घोटाला मामले में गिरफ्तार झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की रिमांड 3 दिन और बढ़ गई है. इससे पहले हेमंत सोरेन 5 दिनों के लिए ईडी रिमांड पर थे. रिमांड की अवधि खत्म होने के बाद आज यानी सोमवार को उन्हें रांची की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया. रिमांड कॉपी में ईडी ने कहा कि हेमंत सोरेन जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं. ईडी की जांच में एक और बड़ी बात सामने आई है कि हेमंत सोरेन कब्जाई हुई जमीन पर एक बैंक्वेट हॉल बनाना चाहते थे. रिमांड के दौरान ईडी के अधिकारियों ने हेमंत सोरेन को विनोद सिंह के साथ गई व्हाट्सएप चैट दिखाई जिस पर पूर्व सीएम ने सिर्फ साइन करने से इनकार कर दिया बल्कि उन्होंने तथ्यों को छिपाते हुए जानकारी होने से भी इनकार कर दिया. इस चैट में सोरेन और विनोद सिंह ने कब्जाई हुई जमीन पर भविष्य के कारोबार की प्लानिंग की हुई थी.
हेमंत सोरेन की विनोद सिंह के साथ करीब 539 पेज की व्हाट्सएप चैट एजेंसी को मिली थी. जिसमें ना सिर्फ सरकारी जमीनों पर कब्जे की बातचीत के सबूत मिले हैं बल्कि अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग के गोरखधंधे का भी खुलासा हुआ है. ED को शक है कि ट्रांसफर पोस्टिंग से भी सोरेन ने मोटी कमाई की है. फिलहाल ईडी फाइल खंगालने में जुट गई है. इसके अलावा 201 पेज की नई व्हाट्सएप चैट में भी हेमंत सोरेन को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है. 6 अप्रैल 2021 को बिनोद सिंह ने हेमंत सोरेन से कब्जाई हुई जमीन पर एक बैंक्वेट हाल बनने के लिए नक्शा भेजा हुआ था. बताया जा रहा है कि कब्जाई गई 8.5 एकड़ जमीन पर ही बैंक्वेट बनना था. इस इलाके में इससे बड़ा जमीन का कोई टुकड़ा नहीं था. इसलिए हेमंत सोरेन ने रेवेन्यू सब इंस्पेक्टर भानु प्रताप की मदद से फर्जी कागज तैयार कर कब्जा किया. भानु प्रताप भी अभी ED की कस्टडी में है. लिहाजा, ED अब भानु प्रताप को फिर से हेमंत सोरेन के सामने बैठाकर पूछताछ करने का मन बना रही है.