
देहरादून, 2 अगस्त 2025: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में मानसून के दौरान जलभराव की समस्या से निपटने के लिए जिला प्रशासन ने कमान संभाल ली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर जिलाधिकारी सविन बंसल के नेतृत्व में शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में हाई-प्रेशर डी-वाटरिंग पंप और क्यूआरटी (त्वरित प्रतिक्रिया टीमों) की तैनाती की गई है, जिससे जलजमाव की स्थितियों पर तुरंत काबू पाया जा रहा है।
शहर को 12 ज़ोन में बाँटकर बनी रणनीति, 3 क्यूआरटी टीमें सक्रिय
जलभराव से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए नगर निगम क्षेत्र को 12 भागों में विभाजित किया गया है। प्रत्येक ज़ोन में तैनात 3 क्यूआरटी टीमों की निगरानी की जिम्मेदारी सिटी मजिस्ट्रेट प्रत्यूष सिंह, एसडीएम हरिगिरी और एसडीएम कुमकुम जोशी को सौंपी गई है। ये टीमें सड़कों पर लगातार निगरानी कर रही हैं और जलभराव की शिकायतों पर तुरंत प्रतिक्रिया दे रही हैं।
17 हाई-स्पीड डी-वाटरिंग पंप कर रहे हैं जलनिकासी का काम
दसियों संवेदनशील स्थानों पर हाई-स्पीड डी-वाटरिंग पंपों को सक्रिय कर दिया गया है। ये पंप प्रिंस चौक, बल्लूपुर, आईटी पार्क, पंडितवारी, सीमाद्वार, रिस्पना कैचमेंट, आईएसबीटी, बंजारावाला, चंद्रबनी, कांवली रोड, बंगाली कोठी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में लगाए गए हैं। बारिश के दौरान जलभराव की सूचना मिलते ही क्यूआरटी इन पंपों की मदद से कुछ ही मिनटों में पानी की निकासी सुनिश्चित कर रही है।
विशेषतौर पर प्रिंस चौक पर हुई हालिया भारी बारिश में स्मार्ट सिटी परियोजना और पीआईयू के सहयोग से डी-वाटरिंग पंप के उपयोग से आवागमन को सुचारू किया गया।
स्थलीय निरीक्षण और दैनिक मॉनिटरिंग से बना नियंत्रण
जिलाधिकारी के निर्देशों पर क्यूआरटी टीमों द्वारा प्रतिदिन जलभराव वाले क्षेत्रों का भौतिक निरीक्षण किया जा रहा है। प्रिंस चौक, चंद्रबनी, रिस्पना, आईएसबीटी, आरकेडिया ग्रांट जैसे इलाकों में गश्त कर रही टीमों ने अतिवृष्टि के दौरान त्वरित निस्तारण की सफलता की पुष्टि की है।
मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी के अनुसार, अधिकांश क्षेत्रों में जलभराव की स्थिति नियंत्रित रही है और भारी वर्षा के बावजूद यातायात पूरी तरह सुचारू है।
डीएम के निर्देश—“मानसून तक पूर्ण सतर्कता, हर शिकायत पर हो त्वरित कार्रवाई”
जिलाधिकारी सविन बंसल ने सभी नोडल अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मानसून अवधि तक पूरी सतर्कता बरती जाए। जल निकासी में किसी प्रकार की चोकिंग या बाधा मिलने पर त्वरित तकनीकी और मैकेनिकल रिस्पॉन्स सुनिश्चित किया जाए। इसके तहत नगर निगम, स्मार्ट सिटी, जल संस्थान, लोनिवि सहित कुल 7 एजेंसियों को 17 डी-वाटरिंग पंप आवंटित किए गए हैं।
देहरादून बना ‘रैपिड रिस्पॉन्स मॉडल’ का उदाहरण
बारिश के दौरान तेजी से एक्शन लेते हुए जलभराव से राहत देने वाला देहरादून अब राज्य का एक मॉडल सिटी बन रहा है। प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया, तकनीकी संसाधनों की तत्परता और अधिकारियों की सतर्कता ने यह सुनिश्चित किया है कि मानसून के दौरान भी जनजीवन और आवागमन सामान्य बना रहे।