पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 100वीं जयंती के मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अपने भाषण में एक बहुत बड़ा असर करने वाला और अगले सालों में सरकार के आम जन के प्रति भाव को स्पष्ट किया. उन्होंने अपने भाषण में शासन और सुशासन में फर्क भी समझाया. पीएम मोदी ने इस दौरान अटल जी की जयंती को लेकर डाक टिकट और एक स्मारक सिक्का भी जारी किया.
प्रधानमंत्री ने कहा कि सुशासन दिवस में सत्ता भाव नहीं बल्कि सेवा भाव है, यह बहुत बड़ी बात है कि सरकार के कार्य सेवा भाव से हो रहे हैं न कि सत्ता भाव से. उन्होंने कहा कि मैं अब आपको शासन, सुशासन और सेवा का एक उदाहरण देना चाहता हूं. पेंशन की योजना को स्वीकृत कर लागू करना शासन है, पेंशन को लोगों के खातों में सीधा DBT के माध्यम से भेजना सुशासन है, जिसे इसी सरकार ने किया. साथ ही जन-धन योजना के तहत 53 करोड़ लोग जिनमें अधिकतर ग़रीब, पेंशनधारी और अन्य सरकारी योजनाओं के लाभ पाने वाले थे, उनके खाते खुलवाना और उन्हें UPI और बैंक की सहायता से घर बैठे पैसा पहुंचाना ‘सेवा‘ है.
पीएम ने कहा कि शौचालय की योजना पहले से थी, लेकिन सुशासन के अंतर्गत उसको बेहतर किया. 14 करोड़ शौचालय बनाकर महिलाओं को इज़्ज़त की ज़िन्दगी दिलाना एक बड़ी ‘सेवा‘ है. घर-घर नल पहुंचाकर, देश की करोड़ों महिलाओं को पानी सिर पर रखकर लाने की मेहनत से छुटकारा दिलाना ‘सेवा‘ है. उन्होंने साथ ही कहा कि घर-घर गरीब महिलाओं के लिए गैस कनेक्शन की योजना बनाना और उन्हें धुएं से छुटकारा दिलाना ‘सेवा‘ है और तीन तलाक, राशन कार्ड इत्यादि कई काम हैं और आगे भी आएंगे, जिसमें ‘सेवा‘ भाव दिखाई देगा.