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दिल्ली में दमघोंटू हवा: औसत AQI 413 पार, ग्रैप-3 लागू होने के बावजूद नहीं सुधरे हालात

नई दिल्ली, 12 नवंबर: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार खतरनाक स्थिति में बना हुआ है। सरकार द्वारा ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के तीसरे चरण को लागू किए जाने के बावजूद हालात में सुधार नहीं हो रहा है। बुधवार को दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 413 दर्ज किया गया — जो “गंभीर” श्रेणी में आता है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यदि हवा की दिशा और गति में बदलाव नहीं हुआ, तो अगले कुछ दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं।


दिल्ली-एनसीआर में सांस लेना हुआ मुश्किल

दिल्ली के साथ-साथ एनसीआर के शहरों में भी प्रदूषण की स्थिति भयावह है।

  • नोएडा में AQI 414
  • ग्रेटर नोएडा में 398
  • गुरुग्राम में 365
    तक पहुंच गया है।
    इसका अर्थ है कि दिल्ली-एनसीआर के अधिकांश हिस्सों में हवा “बेहद खराब” से “गंभीर” श्रेणी में बनी हुई है।

दिल्ली के प्रमुख इलाकों में वायु गुणवत्ता का हाल

क्षेत्र AQI स्तर
अलीपुर 430
शादीपुर 391
द्वारका 210
आईटीओ 434
सीरीफोर्ट 437
मंदिर मार्ग 417
आर.के. पुरम 441
पंजाबी बाग 443
आया नगर 401
लोधी रोड 401

विशेष रूप से आर.के. पुरम, पंजाबी बाग और सीरीफोर्ट जैसे क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर बेहद गंभीर श्रेणी में दर्ज किया गया है।


पिछले दिनों में बढ़ता प्रदूषण स्तर

तारीख औसत AQI
9 नवंबर 370
10 नवंबर 362
11 नवंबर 428
12 नवंबर 413

हालांकि 11 नवंबर की तुलना में मामूली गिरावट दर्ज की गई है, लेकिन औसत स्तर अब भी बेहद खतरनाक बना हुआ है।


ग्रैप-3 के तहत लागू सख्त पाबंदियां

राजधानी में ग्रैप के तीसरे चरण को लागू करते हुए सरकार ने कई सख्त निर्णय लिए हैं:

  • क्लास 5 तक के स्कूलों को बंद कर ऑनलाइन कक्षाओं का आदेश।
  • सभी गैर-जरूरी निर्माण और ध्वस्तीकरण कार्यों पर रोक।
  • पुराने डीजल वाहनों के संचालन पर पूर्ण प्रतिबंध।
  • सीमेंट, रेत, मिट्टी और धूल से जुड़ी सामग्री की आवाजाही पर रोक।
  • अंतरराज्यीय डीजल बसों पर सीमित या बंद संचालन का प्रावधान।
  • आवश्यक सेवाओं को छोड़कर डीजल जनरेटरों के प्रयोग पर प्रतिबंध।
  • कार्यालयों को वर्क फ्रॉम होम या हाइब्रिड मोड अपनाने की सलाह।
  • स्टोन क्रशर और खनन गतिविधियों पर पूर्ण रोक।

दिल्ली सरकार का कहना है कि ये कदम जनस्वास्थ्य की रक्षा और वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए उठाए गए हैं।


सरकार और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया

दिल्ली पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि सरकार सभी एजेंसियों के साथ मिलकर वायु प्रदूषण से निपटने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया,

“हमें पराली जलाने, वाहन उत्सर्जन और धूल प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सख्त मॉनिटरिंग की जरूरत है। GRAP-3 लागू है, लेकिन जब तक सभी राज्य सहयोग नहीं करते, समस्या खत्म नहीं होगी।”

वहीं पर्यावरण विशेषज्ञों का कहना है कि मौजूदा हालात में हवा की रफ्तार बेहद धीमी है, जिससे प्रदूषक तत्व वायुमंडल में फंस जाते हैं। साथ ही तापमान गिरने और धूल जमने से स्मॉग (धुंध) की परत बन जाती है, जो प्रदूषण को और बढ़ा देती है।


लोगों को दी जा रही सावधानी की सलाह

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने नागरिकों को सलाह दी है कि वे

  • सुबह-शाम खुले में व्यायाम या सैर से बचें,
  • N95 या उससे बेहतर गुणवत्ता के मास्क पहनें,
  • एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करें,
  • घर के अंदर पौधे और वेंटिलेशन बनाए रखें,
  • बच्चों और बुजुर्गों को प्रदूषण से बचाकर रखें।

दिल्ली और आसपास के इलाकों में हवा की गुणवत्ता हर साल सर्दियों के मौसम में खराब होती रही है, लेकिन इस बार हालात और अधिक चिंताजनक हैं। GRAP-3 लागू होने के बावजूद प्रदूषण का स्तर 400 के पार बना रहना इस बात का संकेत है कि नीतियों के साथ-साथ सख्त क्रियान्वयन और अंतरराज्यीय समन्वय की भी आवश्यकता है।

जब तक दिल्ली-एनसीआर एकजुट होकर प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में ठोस कदम नहीं उठाते, तब तक “दमघोंटू दिल्ली” की यह तस्वीर शायद ही बदल पाए।

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