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नई दिल्ली : बौद्ध धर्म के कार्यक्रम में शामिल होकर विवादों में आए आम आदमी पार्टी के नेता एवं मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने दिया इस्तीफ़ा

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आम आदमी पार्टी के नेता एवं मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने हाल में हिंदू देवी-देवताओं की पूजा न करने की शपथ लेकर चर्चा में आए थे, जिसके बाद से लगातार विवाद चल रहा था.

उन्होने ट्विटर के जरिये दो पन्ने का बयान जारी करके इस्तीफ़े का एलान किया.

उन्होंने लिखा कि आज महर्षि वाल्मीकि जी का प्रकटोत्सव दिवस है एवं दूसरी ओर मान्यवर कांशीराम साहेब की पुण्यतिथि भी है. ऐसे संयोग में आज मैं कई बंधनों से मुक्त हुआ और आज मेरा नया जन्म हुआ है. अब मैं और अधिक मज़बूती से समाज पर होने वाले अत्याचारों व अधिकारों की लड़ाई को बिना किसी बंधन के जारी रखूँगा ओर “बाबासाहेब द्वारा दिलाई वो 22 प्रतिज्ञाएं जिन्हें भाजपा सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग श्री थावर चंद गहलोत ने ‘डाॅ बाबासाहेब आंबेडकरः राइटिंग्स एंड स्पीचेज़, वाॅल्यूम-17’ में भी छपवाया था. यह प्रतिज्ञाएं हर साल देश के कोने-कोने में आयोजित हज़ारों स्थान पर करोड़ों लोगों द्वारा दोहराई जाती हैं.

“बाबासाहेब एवं उनके द्वारा दिलाई गई इन २२ प्रतिज्ञाओं से भाजपा को आपत्ति है, जिसका इस्तेमाल करके भाजपा गंदी राजनीति कर रही है. और इससे आहत होकर मैं अपने मंत्री पद से त्यागपत्र दे रहा हूं.”

साथ ही आज उन्होने पत्रकारों से कहा, कि 14 अक्टूबर, 1956 को बाबासाहेब आंबेडकर जी ने जब जातिगत उत्पीड़न और छुआछूत के ख़िलाफ़ बौद्ध धम्म की दीक्षा ली थी, वहां उन्होंने 22 प्रतिज्ञाएं अपने लाखों अनुयायियों को दी थी. और तब से आज तक पूरे देश ही नहीं दुनिया में भी हर साल हज़ारों जगह ऐसे आयोजन होते हैं. इन आयोजनों में हमारे करोड़ों लोग बौद्ध धम्म की इन 22 प्रतिज्ञाओं को दोहराते हैं

इन प्रतिज्ञाओं को मोदी सरकार ने भी छपवाया है. उन्होंने ही नागपुर की दीक्षा भूमि में शिलापट्ट पर इन २२ प्रतिज्ञाओं को लगवाया भी है. वहां गडकरी जी भी जाते हैं, वहां फड़नवीस जी भी गए हैं. इस बार के आयोजन में भारत सरकार के दो मौजूदा केंद्रीय मंत्री भी गए हैं. ऐसे में बीजेपी ने बेवजह इन २२ प्रतिज्ञाओं पर बवाल मचाया है

“इस मामले पर बिना वजह मेरे नेता अरविंद केजरीवाल को घसीटा गया है. उनका और मेरी पार्टी का दीक्षा दिवस से कोई लेना-देना नहीं है. बीजेपी ने इसे लेकर हमारे नेता और पार्टी को बदनाम करने की कोशिश की है. इससे मैं आहत हूं.

उन्होंने कहा ये भी कहाँ कि उसमें मैं ‘बाबासाहेब का सिपाही’ होने के नाते निजी हैसियत से शामिल हुआ था. उस कार्यक्रम में राजरतन जी ने वो प्रतिज्ञाएं दिलवाईं और सबने उसे दोहराया, करोड़ों लोग दोहराते हैं.”
लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने आरोप लगाया था कि इस कार्यक्रम में आम आदमी पार्टी के नेता राजेंद्र पाल गौतम ने हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया था.

बीजेपी ने आप को हिंदू विरोधी बताया था. हालांकि राजेंद्र पाल गौतम ने इन आरोपों से इनकार किया था.

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