
नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए देश में जाति जनगणना कराने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और विपक्षी दल, विशेषकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी, लगातार इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर थे।
भारत में जाति जनगणना की मांग लंबे समय से चली आ रही है। बिहार में महागठबंधन सरकार के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातिगत सर्वेक्षण करवाया था, जिसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर जाति जनगणना की मांग और तेज हो गई थी।
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि सामाजिक ताने-बाने को ध्यान में रखते हुए और संविधान में स्पष्ट व्यवस्था के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकारों ने हमेशा जाति जनगणना का विरोध किया और 1947 से आज तक देश में जाति जनगणना नहीं हुई। उन्होंने यह भी कहा कि 2010 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने जाति जनगणना का आश्वासन दिया था, लेकिन कांग्रेस ने इस मुद्दे को केवल अपने राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल किया।
अश्विनी वैष्णव के बयान के मुख्य अंश:
- कांग्रेस सरकारों ने जाति जनगणना का विरोध किया।
- 1947 से आज तक जाति जनगणना नहीं हुई।
- 2010 में मनमोहन सिंह ने जाति जनगणना का आश्वासन दिया था।
विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रियाएं:
- तेजस्वी यादव (राजद): राजद नेता तेजस्वी यादव ने सरकार के फैसले को अपनी पार्टी की जीत बताते हुए कहा कि यह लालू प्रसाद यादव की जीत है। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना के आंकड़ों के बाद पिछड़ों और अतिपिछड़ों के लिए संसद और विधानसभा में सीटें आरक्षित होनी चाहिए, जो उनकी पार्टी की अगली लड़ाई होगी।
- नित्यानंद राय (केंद्रीय मंत्री): केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि सरकार का यह फैसला देश और समाज के समग्र विकास के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
- लालू प्रसाद यादव (राजद): लालू यादव ने भी सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि 1996-97 में उनकी सरकार ने जातिगत जनगणना का निर्णय लिया था, लेकिन बाद में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने इसे लागू नहीं किया। उन्होंने 2011 की जनगणना में भी जातिगत गणना की मांग उठाई थी और बिहार में महागठबंधन सरकार के दौरान जातिगत सर्वेक्षण कराया था। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना की मांग करने वालों को अब करारा जवाब मिला है।
सरकार के इस फैसले को बिहार चुनाव से पहले एक महत्वपूर्ण राजनीतिक कदम माना जा रहा है, जिससे सामाजिक और राजनीतिक समीकरणों पर गहरा प्रभाव पड़ने की संभावना है।
#WATCH दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “राजनीतिक मामलों की कैबिनेट समिति ने आज फैसला किया है कि जाति गणना को आगामी जनगणना में शामिल किया जाना चाहिए।” pic.twitter.com/VFD4uxXASQ
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 30, 2025