अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति घोटाला: उत्तराखंड में 17 कॉलेज निशाने पर, दर्ज होंगे मुकदमे, 91 लाख की गड़बड़ी उजागर

देहरादून। अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति में गड़बड़ी को लेकर उत्तराखंड में बड़ा खुलासा हुआ है। प्रारंभिक जांच में राज्य के 17 शिक्षण संस्थानों पर गंभीर अनियमितताओं के आरोप सामने आए हैं। इन कॉलेजों पर सैकड़ों छात्रों की स्कॉलरशिप हड़पने का आरोप है, जिससे अब तक करीब 91 लाख रुपये की हेराफेरी की पुष्टि हो चुकी है। अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने इस मामले में एफआईआर दर्ज कराने की तैयारी भी शुरू कर दी है।
राज्य के अल्पसंख्यक कल्याण सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल ने जानकारी दी कि वर्ष 2021-22 और 2022-23 के लिए छात्रवृत्ति योजना की 92 संस्थानों में जांच कराई गई थी। इनमें से 17 संस्थानों में 1058 छात्रों द्वारा गलत तरीके से स्कॉलरशिप लेने के साक्ष्य मिले हैं। यह सभी छात्र उक्त संस्थानों में पंजीकृत बताए गए हैं।
इन अनियमितताओं की जांच केंद्र सरकार के निर्देश पर की गई, जिसमें देशभर के राज्यों को अल्पसंख्यकों की छात्रवृत्ति योजनाओं में गड़बड़ियों की रिपोर्ट मांगी गई थी। उत्तराखंड में सभी 13 जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देशित किया गया था कि वे एसडीएम की अध्यक्षता में जांच समिति बनाकर निर्धारित समय के भीतर रिपोर्ट दें।
अब तक की जांच में यह खुलासा हुआ है कि उधम सिंह नगर, हरिद्वार, नैनीताल और रुद्रप्रयाग जिले के कुल 17 शिक्षण संस्थान इस फर्जीवाड़े में शामिल पाए गए हैं। इनमें उधम सिंह नगर के 6, हरिद्वार के 7, नैनीताल के 2 और रुद्रप्रयाग के 2 कॉलेज शामिल हैं।
सभी जिलों की रिपोर्ट राज्य सरकार को प्राप्त हो चुकी है और विभाग अब नेशनल स्कॉलरशिप पोर्टल पर जानकारी साझा करने की प्रक्रिया में है। भारत सरकार ने 17 जून तक रिपोर्ट सौंपने का समय दिया है। उत्तराखंड सरकार निर्धारित समय से पहले ही रिपोर्ट प्रस्तुत करने की स्थिति में है।
फिलहाल अल्पसंख्यक कल्याण विभाग जांच रिपोर्ट की अंतिम समीक्षा कर रहा है और संबंधित संस्थानों पर मुकदमा दर्ज कराने की प्रक्रिया को अंतिम रूप दे रहा है। यदि विस्तृत जांच आगे बढ़ती है, तो और भी संस्थानों की संलिप्तता सामने आ सकती है।
गौरतलब है कि मई माह में केंद्र सरकार द्वारा उत्तराखंड सरकार को इस संदर्भ में अनियमितताओं के संकेत दिए गए थे, जिसके बाद सचिव धीराज सिंह गर्ब्याल ने सभी जिलाधिकारियों को जांच के निर्देश दिए थे। यह मामला अब राज्य का एक बड़ा घोटाला बनता जा रहा है, जिस पर आने वाले दिनों में कड़ी कार्रवाई तय मानी जा रही है।