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बिहार में मतगणना के व्यापक इंतज़ाम, निर्वाचन आयोग ने कहा — “केवल आधिकारिक नतीजों पर ही भरोसा करें”

243 विधानसभा क्षेत्रों में एकसाथ मतगणना, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी; अफवाह फैलाने वालों पर होगी कार्रवाई

नई दिल्ली, 13 नवंबर (भाषा)। निर्वाचन आयोग ने बृहस्पतिवार को घोषणा की कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना के लिए सभी 243 विधानसभा क्षेत्रों में व्यापक और अभेद्य सुरक्षा इंतज़ाम किए गए हैं। आयोग ने कहा कि 14 नवंबर (शुक्रवार) को होने वाली मतगणना पूरी पारदर्शिता, निगरानी और नियमों के अनुरूप की जाएगी।

आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि मीडिया संस्थान और सोशल मीडिया उपयोगकर्ता केवल आधिकारिक रूप से जारी परिणामों पर ही भरोसा करें, किसी भी अपुष्ट स्रोत या अनुमानित रुझान को प्रसारित करने से बचें।


243 मतगणना केंद्रों पर सख्त निगरानी

निर्वाचन आयोग के अनुसार, राज्य के सभी 243 मतगणना केंद्रों पर संबंधित निर्वाचन अधिकारी (आरओ) की अध्यक्षता में मतगणना होगी। प्रत्येक केंद्र पर एक मतगणना पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया है, जो संपूर्ण प्रक्रिया की देखरेख करेगा।

आयोग ने बताया कि मतगणना के दौरान उम्मीदवारों या उनके अधिकृत एजेंटों को उपस्थित रहने की अनुमति दी गई है, जिससे पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित हो सके। हर मतगणना स्थल पर सीसीटीवी कैमरे और वीडियोग्राफी के जरिए सभी गतिविधियों की रिकॉर्डिंग की जाएगी।


सुरक्षा के तीन स्तर — EVM से लेकर स्ट्रॉन्ग रूम तक निगरानी

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि मतगणना दिवस पर सुरक्षा की तीन स्तरीय व्यवस्था लागू की गई है।

  1. पहला घेरा: स्ट्रॉन्ग रूम के आसपास केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती।
  2. दूसरा घेरा: मतगणना केंद्रों के अंदर राज्य पुलिस और सशस्त्र बलों की व्यवस्था।
  3. तीसरा घेरा: प्रवेश द्वारों पर पहचान सत्यापन और कड़ी चेकिंग।

इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) और वीवीपैट (VVPAT) बॉक्सों को स्ट्रॉन्ग रूम से निकालने से लेकर परिणाम घोषित होने तक पूरी प्रक्रिया वीडियो रिकॉर्डिंग के दायरे में रहेगी।


वीवीपैट पर्चियों की गणना भी अनिवार्य

आयोग ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के पाँच मतदान केंद्रों में वीवीपैट (Voter Verifiable Paper Audit Trail) पर्चियों का मिलान किया जाएगा।
इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए विशेष दल गठित किए गए हैं ताकि मतगणना की सत्यता पर कोई संदेह न रहे।


“आधिकारिक परिणामों को ही मानें” — आयोग की अपील

मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने सभी मीडिया संस्थानों, राजनीतिक दलों और आम नागरिकों से अपील की है कि वे केवल आयोग की वेबसाइट, राज्य निर्वाचन कार्यालय या अधिकृत पोर्टलों से जारी आंकड़ों को ही प्रकाशित करें।

उन्होंने कहा —

“आयोग ने मतगणना से संबंधित हर चरण के लिए स्पष्ट दिशानिर्देश जारी किए हैं। अफवाहें फैलाने या असत्य आंकड़े साझा करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”

आयोग ने यह भी कहा कि सोशल मीडिया पर गलत या भ्रामक सूचनाएँ फैलाने वालों पर साइबर निगरानी टीमें सक्रिय रहेंगी और आवश्यकता पड़ने पर आईटी एक्ट की धाराओं के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।


मतगणना कर्मियों को प्रशिक्षित किया गया

राज्य निर्वाचन कार्यालय ने बताया कि सभी मतगणना कर्मियों को मतगणना प्रक्रिया, EVM हैंडलिंग, राउंडवार एंट्री और परिणाम संकलन की ट्रेनिंग दी जा चुकी है
प्रत्येक मतगणना टेबल पर एक सुपरवाइज़र, एक सहायक और एक डेटा एंट्री ऑपरेटर की तैनाती होगी।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि हर राउंड के बाद परिणामों को आयोग की वेबसाइट और मीडिया सेंटर पर रीयल टाइम अपडेट किया जाएगा, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।


राजनीतिक दलों को भी दिए गए निर्देश

निर्वाचन आयोग ने सभी प्रमुख राजनीतिक दलों से भी अपील की है कि वे अपने कार्यकर्ताओं को संयम बरतने, अफवाहें न फैलाने और परिणामों की घोषणा तक धैर्य बनाए रखने के निर्देश दें।
आयोग ने कहा कि मतगणना केंद्रों के बाहर जश्न, नारेबाज़ी या विजय रैली पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा, ताकि कानून-व्यवस्था की स्थिति प्रभावित न हो।


डिजिटल मॉनिटरिंग और हेल्पलाइन व्यवस्था

मतगणना के दौरान आयोग ने एक विशेष डिजिटल मॉनिटरिंग सेल स्थापित किया है, जो राज्यभर से प्राप्त सूचना, फोटो, वीडियो और शिकायतों की रीयल टाइम निगरानी करेगा।
नागरिक 1950 हेल्पलाइन नंबर या आयोग की वेबसाइट के माध्यम से किसी भी अनियमितता की सूचना दे सकेंगे।


पारदर्शिता और विश्वास का संदेश

आयोग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस बार की मतगणना प्रक्रिया में तकनीकी और प्रशासनिक दोनों स्तरों पर उच्चतम पारदर्शिता मानकों का पालन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा —

“हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर वोट की गणना निष्पक्ष, सुरक्षित और पारदर्शी तरीके से हो। लोकतंत्र के इस महापर्व में जनता के विश्वास को बनाए रखना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है।”


संक्षेप में, बिहार में कल होने वाली मतगणना के लिए सभी तैयारियाँ पूरी हो चुकी हैं। आयोग ने दोहराया कि केवल आधिकारिक परिणामों पर भरोसा करें, किसी भी अनुमानित रुझान या असत्य जानकारी से बचें — ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया की गरिमा और पारदर्शिता बनी रहे।

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