भारत के संसद में बैठे सदस्यों के आपराधिक रिकॉर्ड को लेकर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ADR ने अपनी रिपोर्ट जारी की है। आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि देश के 40 फीसदी सांसदों पर किसी न किसी तरह का आपराधिक मुकदमा चल रहा है। इनमें से 25 फीसदी पर तो हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण और महिलाओं के खिलाफ गंभीर अपराध का मामला भी दर्ज है।
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच ने लोकसभा और राज्यसभा की 776 सीटों में से 763 मौजूदा सांसदों के स्व-शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है। जारी की गई रिपोर्ट के मुताबिक, भाजपा के 398 सांसदों में से 98 सांसदों पर आपराधिक केस दर्ज हैं। कांग्रेस के 81 में से 26, तृणमूल के 36 में से 7, राजद के 6 में से 3, माकपा के 8 में से, YSR कांग्रेस के 31 में से 11, आम आदमी पार्टी के 11 में से एक और एनसीपी के 8 में से 2 सांसदों ने अपने ऊपर लगे गंभीर आपराधिक मामलों की घोषणा की है।
ADR की रिपोर्ट में बताया गया है कि भाजपा के 385 में से 139, कांग्रेस के 81 में से 43, तृणमूल के 36 में से 14, राजद के 6 में से 5, माकपा के 8 में से 6, आम आदमी पार्टी के 11 में से 3, YSR के 31 में से 13 और एनसीपी के 8 में से 3 सांसदों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले होने की बात स्वीकारी है। इसके मुताबिक, 763 मौजूदा सांसदों में कुल 40 फीसदी यानी की 306 सांसदों ने अपने ऊपर लगे आपराधिक मुकदमों की जानकारी दी है। 11 मौजूदा सांसदों ने हत्या, 32 सांसदों ने हत्या के प्रयास और 21 सांसदों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध से जुड़े आपराधिक मामलों की घोषणा की है।