
राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बुधवार को भावुक हो गए। उन्होंने यहां तक कह दिया कि इस माहौल में मैं और जीना नहीं चाहता। खरगे ने सभापति जगदीप धनखड़ से अपने राजनीतिक जीवन के बारे में भाजपा सांसद घनश्याम तिवारी की ओर से की गई कुछ टिप्पणियों को सदन की कार्यवाही से हटाने का आग्रह किया। सभापति ने आश्वासन दिया कि वह मंगलवार को सदन में तिवारी द्वारा की गई टिप्पणियों पर गौर करेंगे और खरगे को ठेस पहुंचाने वाला कोई भी शब्द रिकॉर्ड में नहीं रहेगा।
खरगे ने राज्यसभा में कहा कि तिवारी ने उनके राजनीतिक सफर का जिक्र किया और कहा कि ‘उनका (खरगे का) पूरा परिवार’ राजनीति में था। खरगे ने कहा, ‘‘उन्होंने ‘परिवारवाद’ के बारे में एक टिप्पणी की। अभी मैं कह सकता हूं कि वास्तव में परिवारवाद कहां है।’’ नेता प्रतिपक्ष ने कहा ‘‘मैं अनुरोध करता हूं कि इस टिप्पणी को (रिकॉर्ड से) हटा दिया जाना चाहिए।’’ उन्होंने आगे कहा कि अपने परिवार में वह पहली पीढ़ी के राजनेता हैं और उनके माता-पिता राजनीति में नहीं थे। उन्होंने कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद के अपने राजनीतिक जीवन के बारे में भी कुछ बातें कहीं। खरगे ने कहा, कल मैं यहां लास्ट मोमेंट में नहीं था।