
चंपावत। उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ विजिलेंस का अभियान लगातार जारी है। इसी कड़ी में शनिवार को विजिलेंस हल्द्वानी सेक्टर की टीम ने एक और बड़ी कार्रवाई करते हुए वन विभाग में कार्यरत दो फॉरेस्ट गार्डों को ₹20,000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई मस्टा वन बैरियर, ग्राम चौकी (जनपद चंपावत) में की गई।
फॉरेस्ट गार्डों की रिश्वतखोरी उजागर
विजिलेंस टीम ने जिन दो कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है, उनके नाम भुवन चंद्र भट्ट पुत्र रामदत्त भट्ट और दीपक जोशी पुत्र बसंत बल्लभ जोशी बताए गए हैं।
दोनों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया, जिसके बाद टीम ने मौके पर ही उन्हें हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी।
विजिलेंस सूत्रों के अनुसार, शिकायतकर्ता ने बताया कि उसने अपनी गौशाला के निर्माण के लिए जंगल में टूटे पड़े चीड़ के पेड़ की लकड़ी ले जाने की अनुमति मांगी थी। इसी दौरान दोनों फॉरेस्ट गार्डों ने डराने-धमकाने की रणनीति अपनाकर ₹40,000 की घूस की मांग की।
विजिलेंस ने रचा ट्रैप — पहली किस्त लेते ही गिरे गार्ड
शिकायतकर्ता ने पूरे प्रकरण की सूचना विजिलेंस विभाग, हल्द्वानी को दी। इसके बाद सतर्कता टीम ने ट्रैप प्लान तैयार किया और शनिवार को आरोपियों को पकड़ने के लिए मौके पर पहुंची। जैसे ही फॉरेस्ट गार्डों ने ₹20,000 की पहली किस्त शिकायतकर्ता से ली, विजिलेंस टीम ने तत्परता दिखाते हुए दोनों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
विजिलेंस टीम ने मौके से रिश्वत की रकम बरामद कर ली है। इसके बाद आरोपियों को थाना लाकर विस्तृत पूछताछ की जा रही है।
भ्रष्टाचार पर सख्त रुख — विजिलेंस की बड़ी सफलता
विजिलेंस अधिकारियों ने बताया कि यह कार्रवाई 25 अक्टूबर 2025 को की गई और इसे हाल के महीनों में सबसे सफल ट्रैप ऑपरेशन माना जा रहा है।
टीम अब यह भी जांच कर रही है कि क्या इस घूसखोरी के नेटवर्क में विभाग के अन्य कर्मचारी या अधिकारी भी शामिल हैं।
एक वरिष्ठ विजिलेंस अधिकारी ने बताया —
“वन विभाग में लंबे समय से भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रही थीं। इस मामले में मिली सफलता यह साबित करती है कि सतर्कता अधिष्ठान पूरी तरह सक्रिय है और किसी भी भ्रष्ट अधिकारी को बख्शा नहीं जाएगा।”
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज
विजिलेंस ने दोनों फॉरेस्ट गार्डों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Prevention of Corruption Act) के तहत मुकदमा दर्ज करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। फिलहाल दोनों आरोपियों से लगातार पूछताछ चल रही है, ताकि इस पूरे नेटवर्क की गहराई तक जांच की जा सके।
विजिलेंस अधिकारी ने कहा —
“किसी भी सरकारी विभाग में रिश्वतखोरी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जनता से अपील है कि यदि किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा घूस मांगी जाती है, तो तत्काल विजिलेंस हल्द्वानी सेक्टर या राज्य सतर्कता अधिष्ठान को सूचित करें। शिकायतकर्ता की पहचान पूरी तरह गोपनीय रखी जाएगी।”
प्रदेशभर में विजिलेंस की सख्ती से बढ़ा डर
हाल के महीनों में विजिलेंस ने ऊर्जा, सिंचाई, राजस्व और अब वन विभाग में लगातार छापेमारी कर कई भ्रष्ट कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है।
इस अभियान से सरकारी तंत्र में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक स्पष्ट संदेश गया है कि अब किसी भी स्तर पर रिश्वतखोरी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
स्थानीय ग्रामीणों ने विजिलेंस की इस कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा कि इससे वन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार पर अंकुश लगेगा।
संक्षेप में — चंपावत ट्रैप केस
| क्रमांक | विवरण | जानकारी |
|---|---|---|
| 1️⃣ | घटना स्थल | मस्टा वन बैरियर, ग्राम चौकी (जनपद चंपावत) |
| 2️⃣ | तारीख | 25 अक्टूबर 2025 |
| 3️⃣ | गिरफ्तार आरोपी | भुवन चंद्र भट्ट और दीपक जोशी (वन विभाग) |
| 4️⃣ | रिश्वत राशि | ₹40,000 मांगी गई, ₹20,000 लेते हुए पकड़े गए |
| 5️⃣ | विजिलेंस टीम | हल्द्वानी सेक्टर, सतर्कता अधिष्ठान |
| 6️⃣ | धारा | भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 |
| 7️⃣ | स्थिति | दोनों हिरासत में, जांच जारी |
चंपावत की यह कार्रवाई राज्य सरकार की शून्य सहनशीलता (Zero Tolerance) नीति की दिशा में एक ठोस कदम मानी जा रही है। विजिलेंस की सख्त कार्रवाई ने यह साफ कर दिया है कि उत्तराखंड में अब रिश्वत मांगने वालों की खैर नहीं।



