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लाल किला विस्फोट मामले में बड़ा खुलासा : ‘कार चालक’ उमर नबी 6 दिसंबर को करना चाहता था बड़ा धमाका

डॉ. उमर नबी छह दिसंबर को, यानी बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के अवसर पर, एक बड़े और अधिक विनाशकारी धमाके की साजिश रच रहा था

नयी दिल्ली/श्रीनगर, 12 नवंबर: दिल्ली के ऐतिहासिक लाल किला के पास हाल में हुए विस्फोट की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। जांच एजेंसियों के अनुसार, कार चलाने वाला आरोपी डॉ. उमर नबी छह दिसंबर को, यानी बाबरी मस्जिद विध्वंस की बरसी के अवसर पर, एक बड़े और अधिक विनाशकारी धमाके की साजिश रच रहा था।

अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि प्रारंभिक पूछताछ और बरामद सबूतों से यह स्पष्ट हुआ है कि उमर नबी ने धमाके की तारीख को धार्मिक रूप से संवेदनशील माहौल को भड़काने के उद्देश्य से चुना था। एजेंसियों के अनुसार, उसकी योजना थी कि वह इस दिन दिल्ली या उसके आसपास किसी अत्यधिक भीड़भाड़ वाले स्थान पर विस्फोट करे, ताकि देश में भय, अस्थिरता और साम्प्रदायिक तनाव फैलाया जा सके।


लाल किला के पास हुआ था विस्फोट

गौरतलब है कि गत सप्ताह लाल किला के पास हुए कम तीव्रता वाले विस्फोट ने राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया था। दिल्ली पुलिस, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और विशेष प्रकोष्ठ (स्पेशल सेल) ने संयुक्त रूप से जांच शुरू की। घटना स्थल से बरामद विस्फोटक सामग्री और कार के भीतर मिले इलेक्ट्रॉनिक सर्किट से यह संकेत मिला कि यह केवल “ट्रायल ब्लास्ट” था, जिसके माध्यम से आरोपी अपने मुख्य हमले से पहले विस्फोटक की क्षमता और प्रतिक्रिया का परीक्षण कर रहा था।

जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी ने फर्जी रजिस्ट्रेशन नंबर वाली कार का इस्तेमाल किया था, जिसे उसने श्रीनगर से दिल्ली तक पहुंचाया था।


‘कार चालक’ से लेकर मास्टरमाइंड तक का पर्दाफाश

जांच अधिकारियों ने बताया कि डॉ. उमर नबी मूल रूप से जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग ज़िले का निवासी है। वह पेशे से फिजियोथेरेपिस्ट है, लेकिन पिछले दो वर्षों में उसकी कट्टरपंथी गतिविधियों में संलिप्तता तेजी से बढ़ी।
एजेंसियों के अनुसार, उमर नबी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों और एन्क्रिप्टेड ऐप्स के ज़रिए विदेशी आतंकी संगठनों के समर्थकों से संपर्क साधा था।

सूत्रों का कहना है कि नबी को ऑनलाइन प्रचार और धार्मिक वीडियो के माध्यम से प्रभावित किया गया था। उसने धीरे-धीरे ‘जिहादी नेटवर्क’ से जुड़ना शुरू किया और विस्फोटक तैयार करने के बुनियादी तरीके सीख लिए।

जांच एजेंसियों का दावा है कि उसके पास से डिजिटल ब्लूप्रिंट्स, रासायनिक फ़ॉर्मूलों के नोट्स और विदेशी नंबरों से की गई बातचीत के रिकॉर्ड भी बरामद हुए हैं।


छह दिसंबर का प्रतीकात्मक चयन

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा —

“पूछताछ के दौरान उमर नबी ने स्वीकार किया कि छह दिसंबर की तारीख उसने प्रतीकात्मक रूप से चुनी थी। उसका उद्देश्य इस दिन किए गए हमले से व्यापक अस्थिरता फैलाना था। वह चाहता था कि देश में सांप्रदायिक तनाव बढ़े और उसके संगठन को प्रचार मिले।”

एजेंसियों को संदेह है कि उमर नबी के साथ दो अन्य सहयोगी भी साजिश में शामिल थे, जिनमें से एक की पहचान जम्मू-कश्मीर और दूसरे की पंजाब से जुड़ी बताई जा रही है। दोनों की तलाश जारी है।


एजेंसियों की संयुक्त जांच तेज

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल, एनआईए और इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की टीमें अब इस मामले को राज्य से बाहर फैले नेटवर्क के दृष्टिकोण से देख रही हैं। जांचकर्ताओं का कहना है कि उमर नबी द्वारा उपयोग किए गए विस्फोटक पदार्थ में पोटैशियम नाइट्रेट, सल्फर और अमोनियम मिश्रण शामिल था, जिसे आम रासायनिक सामान से तैयार किया गया था।

एनआईए की प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा गया है कि धमाके की डिज़ाइनिंग तकनीकी रूप से परिष्कृत थी और इसमें इलेक्ट्रॉनिक डिटोनेटर का इस्तेमाल हुआ था — जो अक्सर दूरस्थ नियंत्रण (remote triggering) के प्रयोग में लाया जाता है।

सुरक्षा एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि आरोपी ने यह तकनीकी सहायता कहाँ से प्राप्त की और क्या किसी अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का इसमें हाथ था।


दिल्ली में सतर्कता बढ़ी

घटना के बाद से दिल्ली पुलिस ने लाल किला, जामा मस्जिद, इंडिया गेट और संसद मार्ग जैसे प्रमुख इलाकों में सुरक्षा बढ़ा दी है। विशेष शाखा के अनुसार, सभी संवेदनशील स्थलों पर बम डिस्पोज़ल यूनिट्स और स्निफर डॉग स्क्वॉड की तैनाती की गई है।
इसके अलावा, 6 दिसंबर के आसपास राजधानी में सुरक्षा को लेकर विशेष अलर्ट जारी किया गया है।

दिल्ली पुलिस आयुक्त ने कहा —

“हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। सभी संवेदनशील स्थानों पर गहन जांच और निगरानी रखी जा रही है। नागरिकों से अपील है कि वे अफवाहों से दूर रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें।”


कश्मीर में भी छापेमारी

इस बीच, श्रीनगर और अनंतनाग में सुरक्षा बलों ने उमर नबी के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की। उसके कुछ परिचितों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।
स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने बताया कि नबी के घर से लैपटॉप, पेन ड्राइव और दो मोबाइल फोन जब्त किए गए हैं, जिनकी फोरेंसिक जांच चल रही है।

कश्मीर पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि —

“हमारी प्राथमिकता है कि उसके संपर्कों की श्रृंखला को पूरी तरह उजागर किया जाए। यह अकेले व्यक्ति की कार्रवाई नहीं लगती, बल्कि एक संगठित साजिश का हिस्सा प्रतीत होती है।”


राष्ट्रीय सुरक्षा पर गहरी नजर

गृह मंत्रालय ने इस घटना को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चेतावनी माना है और एनआईए को मामले की विस्तृत जांच का आदेश दिया है। अधिकारियों का कहना है कि राजधानी में इस तरह का ‘ट्रायल ब्लास्ट’ कर किसी बड़े आतंकी हमले की तैयारी बेहद गंभीर चिंता का विषय है।

गृह मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि एजेंसियों को कश्मीर से दिल्ली तक फैले एक छोटे मॉड्यूल के संकेत मिले हैं, जो कट्टरपंथी विचारधारा से प्रेरित होकर स्थानीय युवाओं को प्रभावित करने का प्रयास कर रहा था।


आगे की कार्रवाई

जांच एजेंसियां उमर नबी को दिल्ली लाकर सुरक्षा अदालत (special court) में पेश करने की तैयारी कर रही हैं। उसके खिलाफ आतंकवाद निरोधक अधिनियम (UAPA) और विस्फोटक अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

अधिकारियों ने बताया कि अगले कुछ दिनों में उसकी फंडिंग के स्रोत, संपर्क श्रृंखला और डिजिटल नेटवर्क से जुड़ी सूचनाएं सार्वजनिक की जा सकती हैं।


लाल किला विस्फोट अब एक साधारण घटना नहीं रह गया है। जांच में सामने आ रही नई जानकारियाँ इस ओर इशारा करती हैं कि राजधानी को अस्थिर करने और देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की गहरी साजिश रची गई थी।
अब पूरा देश इस बात पर निगाह रखे हुए है कि 6 दिसंबर से पहले एजेंसियाँ किस तरह इस नेटवर्क की जड़ों तक पहुँच पाती हैं और ऐसे तत्वों पर शिकंजा कस पाती हैं या नहीं।

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