
देहरादून | ब्यूरो रिपोर्ट: उत्तराखंड सरकार अब राज्य की स्कूली शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार की दिशा में तेज़ी से कदम बढ़ा रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत राज्य में नई शैक्षणिक संरचना, सिलेबस और मूल्यांकन मानक विकसित किए जा रहे हैं। लेकिन इस प्रक्रिया में हो रही देरी पर शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने सख्त नाराजगी जताई है।
नया सिलेबस दो महीने में तैयार करने का अल्टीमेटम
शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट शब्दों में निर्देश दिए हैं कि
“कक्षा 1 से 8 तक के लिए नया पाठ्यक्रम अगले दो महीनों में हर हाल में तैयार होना चाहिए,
अन्यथा संबंधित अधिकारियों को जवाब देना होगा।”
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति का लाभ तभी बच्चों तक पहुंचेगा, जब राज्य स्तर पर लागू की जा रही योजनाएं समयबद्ध तरीके से पूरी हों।
राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण होगा स्थापित
सरकार जल्द ही एक नया ढांचा तैयार कर रही है, जिसे ‘राज्य विद्यालय मानक प्राधिकरण (State School Standards Authority)’ कहा जाएगा।
इसका उद्देश्य:
- सरकारी व निजी स्कूलों के लिए 統统一कसमान मानक तय करना
- कक्षा-कक्ष की गुणवत्ता, शिक्षण पद्धति और इंफ्रास्ट्रक्चर का मूल्यांकन
- स्कूलों को मान्यता देने की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना
प्राधिकरण की स्थापना से शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्ता और जवाबदेही सुनिश्चित की जा सकेगी।
छोटे बच्चों के लिए ‘बालवाटिका-3’ की शुरुआत
छोटे बच्चों की शिक्षा को लेकर भी राज्य सरकार एक नई पहल ‘बालवाटिका-3’ शुरू करने जा रही है।
इसका उद्देश्य उन बच्चों को शिक्षण से जोड़े रखना है जो:
- 6 वर्ष की आयु पूरी न होने के कारण पहली कक्षा में प्रवेश नहीं ले पाते
- आंगनबाड़ी केंद्रों से बाहर हो जाते हैं
मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि
“बालवाटिका-3 ऐसे बच्चों के लिए एक सांवधिक विकल्प बनेगी ताकि वे बीच सत्र में शिक्षा से वंचित न रहें।”
आपदा से क्षतिग्रस्त स्कूलों की मरम्मत को मिली मंज़ूरी
राज्य के आपदा प्रभावित 150 स्कूलों की मरम्मत के लिए भी सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है।
- मरम्मत कार्यों के लिए ₹30 करोड़ की धनराशि पहले ही स्वीकृत की जा चुकी है।
- जिलाधिकारियों को भी अधिकार दिए गए हैं कि वे आपदा राहत मद से प्रति स्कूल ₹2 लाख तक खर्च कर सकें।
इस पूरी प्रक्रिया पर नजर रखने के लिए शिक्षा विभाग में एक उच्चस्तरीय निगरानी समिति बनाई जाएगी, जिसकी अध्यक्षता विभागीय सचिव करेंगे।
शिक्षा में पारदर्शिता, गुणवत्ता और समावेशिता की ओर कदम
राज्य सरकार की यह पहल सिर्फ पाठ्यक्रम बदलाव तक सीमित नहीं है, बल्कि पूरे शैक्षणिक तंत्र को बेहतर करने का प्रयास है।
नया सिलेबस, समान स्कूल मानक, बालवाटिका जैसी योजनाएं और आपदा प्रभावित स्कूलों की मरम्मत — ये सभी प्रयास एक समग्र और दीर्घकालिक सुधार की दिशा में उठाए गए कदम हैं।



