
नई दिल्ली/फरीदाबाद: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार तड़के सुबह 5 बजे अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े कई ठिकानों पर एक साथ बड़ी कार्रवाई शुरू की। वित्तीय अनियमितताओं और पुराने आपराधिक मामलों से जुड़े आरोपों के आधार पर की गई इस कार्रवाई ने दिल्ली-एनसीआर में हलचल मचा दी है।
सूत्रों के अनुसार, ईडी यह छापेमारी PMLA (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत कर रही है और यह पूरा मामला NIA तथा दिल्ली पुलिस द्वारा दर्ज की गई FIR से जुड़ा हुआ है।
दिल्ली-NCR में कई ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापे
ईडी की टीमें आज सुबह से ही दिल्ली-एनसीआर के कई स्थानों पर तलाशी ले रही हैं।
सबसे महत्वपूर्ण छापेमारी यूनिवर्सिटी के ओखला स्थित दफ्तर पर की गई, जहां कई अहम दस्तावेज और डिजिटल रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं।
इसके अलावा:
- फरीदाबाद
- दिल्ली
- और एनसीआर के अन्य स्थानों
पर भी ईडी की संयुक्त टीमें तैनात हैं।
छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने कई फाइलें, बैंक स्टेटमेंट्स और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जब्त किए हैं। माना जा रहा है कि जांच एजेंसी यूनिवर्सिटी की फंडिंग और लेन-देन से जुड़े रिकॉर्ड खंगाल रही है।
फंडिंग में अनियमितता और संदिग्ध ट्रांजैक्शन के आरोप
सूत्रों का कहना है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी के खाते और ट्रस्ट से जुड़े वित्तीय लेन-देन लंबे समय से जांच के दायरे में थे।
कथित तौर पर—
- फंडिंग में बड़े पैमाने पर अनियमितता
- संदिग्ध दान और विदेशी लेन-देन
- ट्रस्टियों द्वारा कथित फर्जीवाड़ा
- और यूनिवर्सिटी संचालन में वित्तीय पारदर्शिता की कमी
जैसे आरोप एजेंसियों के पास दर्ज थे।
इन्हीं शिकायतों को आधार बनाते हुए ईडी ने व्यापक कार्रवाई शुरू की है।
लाल किले बम धमाका केस से भी जुड़ा रहा है नाम
गौरतलब है कि अल-फलाह यूनिवर्सिटी का नाम कुछ पुराने आपराधिक मामलों, खासकर लाल किले के पास हुए बम धमाकों से भी जुड़ा रहा है।
जांच एजेंसियों के अनुसार, उस मामले में शामिल कुछ आरोपियों के संबंध इस यूनिवर्सिटी या उससे जुड़े व्यक्तियों से मिले थे।
हालांकि अदालत में इस मामले की सुनवाई अभी भी जारी है, लेकिन ईडी की कार्रवाई ने एक बार फिर यूनिवर्सिटी को सुर्खियों में ला दिया है।
अल-फलाह यूनिवर्सिटी: पृष्ठभूमि और विवाद
हरियाणा के फरीदाबाद में स्थित यह प्राइवेट यूनिवर्सिटी अल-फलाह चैरिटेबल ट्रस्ट द्वारा स्थापित की गई थी।
पिछले कई वर्षों में यूनिवर्सिटी पर—
- अनियमित प्रवेश
- संदिग्ध फंडिंग
- और प्रशासनिक फर्जीवाड़े
जैसे आरोप लगते रहे हैं।
ईडी की मौजूदा छापेमारी को इन सभी संदेहों की संयुक्त जांच माना जा रहा है।
अगले चरण में हो सकती हैं गिरफ्तारियाँ
सूत्रों के मुताबिक ईडी को इस छापेमारी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले हैं, जिनसे मनी ट्रेल और ट्रस्ट की गतिविधियों की पूरी तस्वीर साफ हो सकती है।
यदि जांच में वित्तीय गड़बड़ियों के पुख्ता सबूत मिलते हैं तो आने वाले दिनों में ट्रस्टियों व संबंधित व्यक्तियों की गिरफ्तारियाँ भी हो सकती हैं।
जांच जारी
इस वक्त ईडी की टीमें कई स्थानों पर अपनी कार्रवाई जारी रखे हुए हैं। अधिकारियों का कहना है कि जब तक यूनिवर्सिटी और ट्रस्ट की संपूर्ण फंडिंग व लेन-देन की परतें नहीं खुल जातीं, छापेमारी और पूछताछ का दायरा और बढ़ाया जा सकता है।



