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उत्तर प्रदेश में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल — 46 IAS अफसरों के तबादले, 10 जिलों के डीएम बदले

योगी सरकार ने किया व्यापक पुनर्गठन, कई जिलों में नए जिलाधिकारी और मंडलायुक्त नियुक्त

लखनऊ, 29 अक्टूबर: उत्तर प्रदेश सरकार ने रविवार देर रात एक बड़ा प्रशासनिक reshuffle करते हुए 46 IAS अधिकारियों के तबादले किए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के बाद कार्मिक विभाग ने इन तबादलों की सूची जारी की। इस फेरबदल में 10 जिलों के जिलाधिकारी (DM) बदले गए हैं, साथ ही कई मंडलायुक्तों, नगर आयुक्तों और प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारियों को नई जिम्मेदारियाँ सौंपी गई हैं। सरकार के इस कदम को नौकरशाही में कार्यक्षमता बढ़ाने और प्रशासनिक व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने की कवायद के तौर पर देखा जा रहा है।


मंडलायुक्त स्तर पर बड़े बदलाव

सूत्रों के अनुसार, सरकार ने इस बार मंडलायुक्त स्तर पर भी कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। IAS रूपेश कुमार को सहारनपुर का नया मंडलायुक्त बनाया गया है, जबकि भानु चंद्र गोस्वामी को मेरठ मंडलायुक्त की जिम्मेदारी सौंपी गई है। वहीं, वरिष्ठ अधिकारी राजेश प्रकाश को विंध्याचल मंडल का मंडलायुक्त नियुक्त किया गया है। इन तबादलों को पश्चिमी उत्तर प्रदेश और पूर्वांचल दोनों इलाकों में प्रशासनिक संतुलन को मजबूत करने के तौर पर देखा जा रहा है।


महिला IAS अधिकारियों को मिली अहम जिम्मेदारियाँ

महिला अधिकारियों को भी इस बार प्रमुख दायित्व दिए गए हैं। IAS धनलक्ष्मी के. को मत्स्य विभाग का महानिदेशक बनाया गया है। वहीं, कृत्तिका ज्योत्सना को बस्ती का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है।
दोनों अधिकारी अपने-अपने कार्यक्षेत्र में पूर्व में भी बेहतर प्रदर्शन के लिए जानी जाती रही हैं।


10 जिलों के डीएम बदले गए — रामपुर, हाथरस, सीतापुर शामिल

इस व्यापक फेरबदल में कुल 10 जिलों के जिलाधिकारी (DM) बदले गए हैं।
प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं:

  • रामपुर: नए जिलाधिकारी की नियुक्ति के साथ जिले में प्रशासनिक सख्ती बढ़ाने की कवायद।
  • हाथरस: अभी तक गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की जिम्मेदारी निभा रहे अतुल वत्स को हाथरस का जिलाधिकारी बनाया गया है।
  • सीतापुर: राजा गणपति आर. को सीतापुर का नया जिलाधिकारी नियुक्त किया गया है।
  • बस्ती: कृत्तिका ज्योत्सना को डीएम का पदभार दिया गया है।
  • गाजियाबाद: प्रशासनिक रोटेशन के तहत नए अधिकारी की तैनाती की जाएगी।

वहीं, राहुल पांडेय, जो अब तक हाथरस के डीएम थे, उन्हें राज्य कर विभाग में विशेष सचिव बनाया गया है।


वरिष्ठ स्तर पर भी कई अहम नियुक्तियाँ

राज्य सरकार ने वरिष्ठ स्तर पर भी कई बदलाव किए हैं।
बालकृष्ण त्रिपाठी को सामान्य प्रशासन विभाग का सचिव नियुक्त किया गया है। मयूर माहेश्वरी को विद्युत उत्पादन निगम का प्रबंध निदेशक (MD) बनाया गया है। अभिषेक आनंद को आबकारी विभाग में विशेष सचिव की नई जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन तैनातियों को सरकार की “कार्य निष्पादन आधारित” नीति के अनुरूप माना जा रहा है, जिसमें बेहतर प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को अधिक प्रभावशाली पद दिए जा रहे हैं।


नगर आयुक्तों और सीडीओ स्तर पर भी बदलाव

नगर निकाय और विकास प्राधिकरणों में भी कई अधिकारी बदले गए हैं। कई जिलों में मुख्य विकास अधिकारी (CDO) बदले गए हैं ताकि विकास योजनाओं की गति को और तेज किया जा सके। सरकार का मानना है कि राज्य में 2025-26 की विकास परियोजनाओं और G-20 प्रभाव क्षेत्रों में काम को गति देने के लिए यह प्रशासनिक फेरबदल जरूरी था।


फेरबदल के पीछे रणनीति — विकास और प्रशासन दोनों पर फोकस

सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है कि जिला स्तर पर कानून-व्यवस्था, राजस्व वसूल और विकास कार्यों की गति में कोई कमी न आए। इसलिए, जिन जिलों में शिकायतें या प्रगति की धीमी रफ्तार थी, वहां अधिकारियों को बदला गया है। राज्य सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,

“मुख्यमंत्री ने साफ कहा है कि किसी भी जिले में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रशासनिक फेरबदल का उद्देश्य प्रदेश के हर कोने में सुशासन सुनिश्चित करना है।”


पश्चिम से पूर्व तक संतुलित पुनर्गठन

इस फेरबदल की खासियत यह है कि यह सिर्फ राजधानी या प्रमुख जिलों तक सीमित नहीं है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश (मेरठ, सहारनपुर, गाजियाबाद) से लेकर पूर्वी हिस्से (बस्ती, विंध्याचल, सीतापुर) तक अधिकारियों का रोटेशन किया गया है। इससे न केवल प्रशासनिक अनुभव का आदान-प्रदान होगा, बल्कि नई जगहों पर कार्यकुशलता का भी परीक्षण होगा।


विश्लेषण — “पोस्टिंग्स के ज़रिए मैसेज भी”

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह फेरबदल आगामी विधान परिषद चुनावों और लोकसभा 2026 की तैयारी से भी जुड़ा हो सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता अब “ग्राउंड पर डिलीवरी” है। जहां योजनाओं का असर जनता तक नहीं पहुंच रहा, वहां नए अधिकारियों को मौका दिया जा रहा है। लखनऊ विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग के प्रो. अनिल मिश्रा कहते हैं,

“यह सिर्फ नौकरशाही फेरबदल नहीं है, बल्कि संदेश है कि राज्य सरकार अपने सिस्टम में गति और पारदर्शिता चाहती है।


हालिया तबादलों की पृष्ठभूमि

यह इस साल का तीसरा बड़ा फेरबदल है।
पिछले चार महीनों में राज्य सरकार ने 100 से अधिक IAS/IPS अधिकारियों की जिम्मेदारियों में बदलाव किया है। अगस्त में भी 27 IAS और 19 IPS अफसरों को नए पद दिए गए थे। इस बार का reshuffle उस श्रृंखला का विस्तार है, जिसका मकसद “संतुलित प्रशासनिक ऊर्जा” सुनिश्चित करना है।

योगी सरकार का यह 46 IAS अधिकारियों का फेरबदल एक मजबूत प्रशासनिक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। राज्य सरकार अब विकास, कानून-व्यवस्था और जनकल्याण योजनाओं की जमीनी मॉनिटरिंग को लेकर और सख्त होती दिख रही है। नई तैनातियों से उम्मीद की जा रही है कि जिलों में कामकाज की गति बढ़ेगी और शासन-प्रशासन में पारदर्शिता आएगी।

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