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मुश्किल में ‘महुआ मोइत्रा’ की सदस्यता, एथिक्स कमेटी ने भेजी ‘लोकसभा से निष्कासित’ करने की सिफारिश

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टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की लोकसभा सदस्यता को रद्द कर दिया जाए लोकसभा की एथिक्स कमेटी ने सिफारिश की है । कैश फॉर क्वेरी मामले में एथिक्स पैनल गुरुवार (9 नवंबर) को एक बैठक करेगी, जिसमें तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी मामले में एक मसौदा रिपोर्ट स्वीकार की जा सकती है। बता दें कि कैश फॉर क्वेरी केस में एथिक्स कमेटी बनाई गई है जिसमें 15 सदस्य शामिल हैं। इन सदस्यों में बीजेपी के सात, कांग्रेस के तीन सदस्य हैं और बीएसपी, शिवसेना, वाईएसआरसीपी, सीपीआई (एम) और जेडीयू से भी एक-एक सदस्य शामिल हैं।

तृणमूल कांग्रेस की महुआ मोइत्रा को सांसद के रूप में बने रहने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए और उनकी सदस्यता समाप्त कर दी जानी चाहिए, उनके खिलाफ कैश-फॉर-क्वेरी आरोपों की जांच कर रही संसदीय आचार समिति ने सिफारिश की है। समिति ने महुआ मोइत्रा के कार्यों को “अत्यधिक आपत्तिजनक, अनैतिक, जघन्य और आपराधिक” बताते हुए कहा कि वह कड़ी सजा की मांग करती है। 500 पन्नों की रिपोर्ट में समिति ने यह भी सिफारिश की है कि केंद्र द्वारा पूरे मामले की कानूनी, गहन, संस्थागत और समयबद्ध जांच की जाए।

पिछले 2 नवंबर को एथिक्स समिति की बैठक हुई थी, जिसमें महुआ मोइत्रा ने अपना पक्ष रखा था. उसके बाद जब चेयरमैन विनोद सोनकर और समिति के अन्य सदस्यों ने महुआ मोइत्रा से सवाल जवाब किए तो महुआ मोइत्रा के साथ-साथ दानिश अली ने भी समिति के चेयरमैन के खिलाफ असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया था. महुआ मोइत्रा पर मुंबई के बिजनेसमैन दर्शन हीरानंदानी से रिश्वत लेने और सदन के अंदर अडाणी समूह और पीएम मोदी को टारगेट करने का आरोप लगा है. महुआ पर यह आरोप बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लगाया था.

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