
नई दिल्ली/देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से बुधवार को नई दिल्ली में लार्सन एंड टुब्रो (L&T) कंपनी के प्रतिनिधिमंडल ने शिष्टाचार भेंट की। इस दौरान एल एंड टी समूह ने हाल ही में उत्तराखंड में आई प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों की सहायता के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में ₹5 करोड़ (पांच करोड़ रुपये) की आर्थिक सहायता प्रदान की। कंपनी के इस योगदान की मुख्यमंत्री धामी ने खुले शब्दों में सराहना करते हुए कहा कि संकट की इस घड़ी में कॉर्पोरेट सेक्टर का सहयोग राज्य के पुनर्निर्माण कार्यों के लिए अत्यंत सहायक सिद्ध होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में सरकार लगातार राहत, पुनर्वास और पुनर्निर्माण कार्यों को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने बताया कि राज्य के आपदा प्रभावित इलाकों में सड़क, पुल, जलापूर्ति और संचार व्यवस्था को दुरुस्त करने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है। “निजी क्षेत्र के सहयोग से इन कार्यों में गति आएगी और प्रभावित परिवारों को शीघ्र राहत पहुंचाई जा सकेगी,” मुख्यमंत्री धामी ने कहा।
कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व का उदाहरण
एल एंड टी समूह का यह योगदान कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) के क्षेत्र में एक मिसाल के रूप में देखा जा रहा है। कंपनी ने पूर्व में भी विभिन्न राज्यों में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान सहायता प्रदान की है। एल एंड टी प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उत्तराखंड जैसे आपदा संवेदनशील राज्य में कंपनी राज्य सरकार के साथ हरसंभव सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है। प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि कंपनी अपने इंजीनियरिंग और निर्माण विशेषज्ञता के माध्यम से भविष्य में राज्य के बुनियादी ढांचे को अधिक आपदा-रोधी बनाने की दिशा में भी सहयोग कर सकती है।
उत्तराखंड की भौगोलिक चुनौतियाँ
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंड एक पर्वतीय राज्य है जहां की भौगोलिक परिस्थितियाँ इसे आपदा-संवेदनशील बनाती हैं। राज्य में समय-समय पर भूस्खलन, अतिवृष्टि और बाढ़ जैसी आपदाएँ आती रहती हैं, जिससे जीवन और संपत्ति दोनों को नुकसान होता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन प्रणाली को और अधिक सुदृढ़ बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाए हैं। जिला और ब्लॉक स्तर पर आपदा त्वरित प्रतिक्रिया दलों (SDRF, QRT) को सशक्त किया गया है। साथ ही राहत तंत्र को तकनीकी दृष्टि से भी उन्नत किया जा रहा है ताकि किसी भी आपात स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया संभव हो सके।
मुख्यमंत्री राहत कोष में निरंतर बढ़ रहा है सहयोग
मुख्यमंत्री राहत कोष में पिछले कुछ महीनों में विभिन्न संस्थाओं, उद्योग समूहों और सामाजिक संगठनों द्वारा करोड़ों रुपये की सहायता राशि दी गई है। इससे आपदा प्रभावित परिवारों को तात्कालिक राहत, पुनर्वास और आजीविका समर्थन प्रदान करने में मदद मिल रही है।
धामी सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि राहत कोष में आने वाली हर राशि का उपयोग पारदर्शी और प्राथमिकता के आधार पर किया जा रहा है। सभी जिला प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि राहत राशि सीधे लाभार्थियों के खातों में भेजी जाए।
आपदा प्रबंधन में तकनीक का उपयोग
राज्य सरकार आपदा प्रबंधन में अत्याधुनिक तकनीक के इस्तेमाल पर भी ज़ोर दे रही है। मुख्यमंत्री ने बताया कि सैटेलाइट और ड्रोन आधारित सर्वे के माध्यम से प्रभावित क्षेत्रों की वास्तविक स्थिति का त्वरित आकलन किया जा रहा है। इसके साथ ही पर्वतीय इलाकों में प्रारंभिक चेतावनी तंत्र को मज़बूत किया जा रहा है ताकि भविष्य में नुकसान को न्यूनतम किया जा सके।
‘जन-सहभागिता’ पर विशेष बल
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि केवल सरकारी प्रयासों से नहीं, बल्कि जनता की सहभागिता से ही आपदाओं का प्रभाव कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि “आपदा प्रबंधन को जनआंदोलन बनाना हमारी प्राथमिकता है। जब तक हर नागरिक आपदा की तैयारी और रोकथाम के प्रति जागरूक नहीं होगा, तब तक जोखिम को पूरी तरह खत्म नहीं किया जा सकता।”
एल एंड टी अधिकारियों की मौजूदगी
इस अवसर पर एल एंड टी समूह के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। उन्होंने मुख्यमंत्री को आश्वस्त किया कि कंपनी राज्य सरकार की पुनर्निर्माण परियोजनाओं में भी सहयोग करने के विकल्पों पर विचार कर रही है।
लार्सन एंड टुब्रो द्वारा ₹5 करोड़ की सहायता न केवल उत्तराखंड के आपदा प्रभावितों के लिए राहत का माध्यम बनेगी, बल्कि कॉर्पोरेट जगत के लिए सामाजिक दायित्व निभाने का एक प्रेरक उदाहरण भी प्रस्तुत करेगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के अनुसार, ऐसे सहयोग से राज्य के आपदा प्रबंधन प्रयासों को नई ऊर्जा मिलेगी और पुनर्निर्माण कार्य और अधिक गति से आगे बढ़ेंगे।