
रुद्रप्रयाग : उत्तराखंड की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र श्री केदारनाथ धाम इस बार केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आर्थिक दृष्टिकोण से भी ऐतिहासिक साबित हो रहा है। बाबा केदार के कपाट खुलने के महज एक महीने में करीब 200 करोड़ रुपए का कारोबार हुआ है। ये आंकड़े न सिर्फ आस्था की गहराई दर्शाते हैं, बल्कि यह भी बताते हैं कि कैसे यह यात्रा अब राज्य की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है।
एक माह में 7 लाख श्रद्धालु पहुंचे केदारपुरी
2 मई को बाबा के कपाट खुलने के बाद से लेकर 1 जून तक, केदारपुरी में 7 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। औसतन प्रतिदिन 24 हजार तीर्थयात्री बाबा केदार के दर पर पहुंचे, जिससे स्थानीय सेवाओं, परिवहन, होटल और पर्यटन कारोबार में अप्रत्याशित तेजी आई है।
घोड़ा-खच्चर सेवा से रिकॉर्ड 40.5 करोड़ की कमाई
करीब 1.39 लाख श्रद्धालु घोड़ा-खच्चर की मदद से यात्रा कर चुके हैं। इस सेवा से अब तक 40 करोड़ 50 लाख रुपए की आय हो चुकी है। यह सेवा विशेष रूप से बुजुर्गों और कठिन मार्ग पर चलने में असमर्थ लोगों के लिए जीवनरेखा जैसी है।
हेली सेवा ने भी भरा खजाना, 35 करोड़ का कारोबार
इस वर्ष 8 हेली कंपनियों ने 9 हेलीपैड से संचालन किया है। अब तक 33,000 से अधिक श्रद्धालु हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचे, जिससे 35 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार हुआ। वहीं, मेडिकल आपात स्थिति में हेली सेवाएं तीर्थयात्रियों के लिए वरदान बनकर उभरी हैं।
डंडी-कंडी से 1.16 करोड़ की आय, 7 हजार से अधिक लोग जुड़े
डंडी-कंडी सेवा से 29,275 श्रद्धालु केदारनाथ पहुंचे। यह सेवा खासतौर से बच्चों और असहाय तीर्थयात्रियों के लिए सुरक्षित मानी जाती है। 1 करोड़ 16 लाख रुपए से अधिक की आय इस सेवा से हुई, जिससे हजारों स्थानीय युवाओं को रोजगार मिला।
शटल टैक्सी सेवा से 7 करोड़ की आमदनी, महिला-बुजुर्गों के लिए खास गाड़ियां
सोनप्रयाग से गौरीकुंड तक चलने वाली 225 पंजीकृत टैक्सियों ने अब तक 7 करोड़ रुपए की कमाई की है। खास बात यह कि 25 टैक्सियां महिला और वरिष्ठ नागरिकों के लिए आरक्षित की गई हैं – एक सराहनीय पहल।
होटल, रेस्तरां और टेंट व्यवसाय में 100 करोड़ से अधिक का कारोबार
गौरीकुंड से केदारनाथ तक फैले सैकड़ों होटल, टेंट और रेस्तरां में श्रद्धालुओं के रुकने और खाने-पीने की व्यवस्था है। व्यापार संघ के अनुसार, प्रति यात्री औसतन 1500–2000 रुपए का खर्च हुआ, जिससे होटल व्यवसायियों ने अब तक 100 करोड़ से अधिक का कारोबार किया है।
वहीं GMVN (गढ़वाल मंडल विकास निगम) के 15 स्थलों पर, जिनमें ध्यान गुफा भी शामिल है, 3.80 करोड़ रुपए का सरकारी राजस्व अर्जित हुआ है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा,
“श्री केदारनाथ यात्रा उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान के साथ-साथ स्थानीय रोजगार और आर्थिक सशक्तिकरण का बड़ा माध्यम बन चुकी है। सरकार का उद्देश्य केवल तीर्थयात्रियों को सुविधा देना नहीं, बल्कि हर गांव, हर परिवार तक समृद्धि की यात्रा पहुंचाना है।”
श्री केदारनाथ धाम यात्रा ने यह सिद्ध कर दिया है कि जब प्रशासनिक व्यवस्था, स्थानीय सहभागिता और श्रद्धालुओं की भावना एक साथ मिलती हैं, तो वह न सिर्फ धार्मिक बल्कि सामाजिक-आर्थिक विकास की प्रेरक गाथा बन जाती है। आने वाले दिनों में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या के साथ यह कारोबार और ऊंचाइयों को छूने की संभावना रखता है।