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कर्नाटक: चित्रदुर्ग में NH-48 पर भीषण सड़क हादसा, लोरी से टक्कर के बाद धू-धू कर जली स्लीपर बस; 12 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत

चित्रदुर्ग (कर्नाटक): कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले में मंगलवार की सुबह एक रोंगटे खड़े कर देने वाला सड़क हादसा सामने आया है। राष्ट्रीय राजमार्ग-48 (NH-48) पर एक तेज रफ्तार लोरी और प्राइवेट स्लीपर बस के बीच हुई भीषण भिड़ंत में 12 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बस में तुरंत भीषण आग लग गई, जिससे यात्रियों को बाहर निकलने का मौका तक नहीं मिला। इस अग्निकांड में 11 बस यात्री और लोरी का चालक जिंदा जल गए।

हादसे का घटनाक्रम: डिवाइडर फांदकर बस से टकराई लोरी

प्राप्त जानकारी के अनुसार, यह हादसा चित्रदुर्ग जिले के हिरियुर क्षेत्र के पास घटित हुआ। चश्मदीदों और पुलिस की शुरुआती जांच के मुताबिक, एक तेज रफ्तार कंटेनर लोरी अनियंत्रित होकर डिवाइडर को पार करते हुए सड़क के दूसरी तरफ आ गई और सामने से आ रही सीबर्ड कोच (Seabird Coach) की प्राइवेट स्लीपर बस में सीधे जा घुसी।

टक्कर होते ही बस के डीजल टैंक में विस्फोट हुआ और पूरी बस आग की लपटों के घेरे में आ गई। अंधेरा होने और आग की तीव्रता अधिक होने के कारण यात्रियों के बीच चीख-पुकार मच गई। देखते ही देखते बस लोहे के कंकाल में तब्दील हो गई।

मौत का आंकड़ा और घायलों की स्थिति

हादसे के वक्त बस में कुल 32 यात्री सवार थे। इस त्रासदी में अब तक 12 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मृतकों में बस के 11 यात्री शामिल हैं, जबकि लोरी के चालक की भी मौके पर ही जलकर मौत हो गई। वहीं, 21 अन्य यात्री गंभीर रूप से झुलस गए हैं।

प्रमुख विवरण:

  • रूट: बस बेंगलुरु से शिवमोग्गा की ओर जा रही थी।

  • घायलों का उपचार: सभी घायलों को तुरंत हिरियुर के स्थानीय अस्पताल और चित्रदुर्ग जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इनमें से 5 की हालत बेहद नाजुक बताई जा रही है, जिन्हें बेहतर इलाज के लिए बेंगलुरु रेफर करने की तैयारी है।

  • राहत कार्य: जिला प्रशासन और दमकल विभाग की टीमें मौके पर मौजूद हैं। क्रेन की मदद से क्षतिग्रस्त वाहनों को हाईवे से हटाने का काम जारी है।

लापरवाही बनी 12 जिंदगियों की दुश्मन

पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि यह मामला पूरी तरह से ड्राइविंग में लापरवाही (Negligent Driving) का लग रहा है। लोरी की रफ्तार इतनी अधिक थी कि ड्राइवर उस पर नियंत्रण खो बैठा और वह डिवाइडर तोड़कर दूसरी लेन में चली गई। बस के स्लीपर कोच होने के कारण कई यात्री गहरी नींद में थे, जिससे उन्हें संभलने या खिड़की से बाहर कूदने का समय नहीं मिल सका।

मुख्यमंत्री ने जताया दुख, मुआवजे का ऐलान संभव

कर्नाटक के मुख्यमंत्री कार्यालय ने हादसे पर गहरा शोक व्यक्त किया है। प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि घायलों के इलाज में कोई कमी न छोड़ी जाए। कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य सरकार जल्द ही मृतकों के परिजनों के लिए आर्थिक सहायता और घायलों के लिए मुआवजे की घोषणा कर सकती है।

NH-48 पर सुरक्षा पर उठे सवाल

इस हादसे ने एक बार फिर राष्ट्रीय राजमार्गों पर सुरक्षा मानकों और भारी वाहनों की गति सीमा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि NH-48 के इस स्ट्रेच पर आए दिन तेज रफ्तार के कारण हादसे होते रहते हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से गति नियंत्रण के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए हैं।


निष्कर्ष: सड़क सुरक्षा के प्रति सजगता जरूरी

चित्रदुर्ग का यह बस हादसा हमें याद दिलाता है कि सड़क पर एक पल की लापरवाही कितनी बड़ी त्रासदी ला सकती है। 12 परिवारों ने अपनों को खो दिया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और फॉरेंसिक टीम बस में आग लगने के तकनीकी कारणों की जांच कर रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

मृतकों की पहचान: पुलिस वर्तमान में शवों की शिनाख्त करने की कोशिश कर रही है, क्योंकि कई शव इतनी बुरी तरह जल चुके हैं कि उनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है। डीएनए टेस्ट का भी सहारा लिया जा सकता है।

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