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“ऑपरेशन सिंदूर में भारत का पराक्रम”: संसद में बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, दुश्मन को मिला करारा जवाब

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नई दिल्ली | संसद: लोकसभा में सोमवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर चर्चा के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विपक्ष के सवालों को खारिज करते हुए कहा कि “प्रश्न यह नहीं होना चाहिए कि हमारे कितने विमान गिरे, बल्कि यह पूछा जाना चाहिए कि हमने आतंकियों के कितने ठिकाने तबाह किए।’’

उन्होंने साफ किया कि भारत की सेनाओं ने न केवल आतंकी ठिकानों को नष्ट किया, बल्कि दुश्मन को यह संदेश भी दे दिया कि भारत अब किसी भी हमले का जवाब ‘सिर्फ शब्दों में नहीं’ देगा, बल्कि ‘कार्रवाई’ में देगा।


🛑 विपक्ष को फटकार: “गलत सवाल पूछ रहा है विपक्ष”

रक्षा मंत्री ने विपक्ष की ओर से पूछे गए सवाल—”ऑपरेशन सिंदूर में भारत के कितने विमान गिरे?”—को ‘राष्ट्र की भावना के खिलाफ’ बताया।
उन्होंने कहा:

“विपक्ष यह क्यों नहीं पूछता कि हमने दुश्मन के कितने ठिकाने तबाह किए? क्या ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा? हां! क्या हमारी सेनाओं ने आतंकी आकाओं को निशाना बनाया? हां! क्या हमारे जांबाज़ सैनिकों को कोई क्षति हुई? नहीं!”


🔥 ऑपरेशन सिंदूर: सफलता की कहानी

रक्षा मंत्री ने बताया कि 6-7 मई 2025 को अंजाम दिए गए इस ऑपरेशन में तीनों सेनाओं—थलसेना, वायुसेना और नौसेना—का अभूतपूर्व समन्वय रहा।
उन्होंने कहा कि:

“यह केवल एक सैन्य कार्रवाई नहीं थी, यह भारत की संप्रभुता, अस्मिता और आतंकी संगठनों के खिलाफ निर्णायक नीति का उदाहरण था।”

भारत की सेनाओं ने 9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी, प्रशिक्षक और हैंडलर मारे गए। ये सभी जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिज्बुल मुजाहिदीन से जुड़े थे, जिन्हें पाकिस्तान की सेना और ISI का संरक्षण प्राप्त था।


🛰️ पाकिस्तानी हमले पूरी तरह नाकाम

राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत के एयर डिफेंस सिस्टम, काउंटर ड्रोन टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर इक्विपमेंट ने पाकिस्तान की जवाबी कोशिशों को पूरी तरह विफल कर दिया।

“पाकिस्तान न तो किसी टारगेट को हिट कर सका और न ही भारत की किसी सामरिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा सका।”


🛑 ऑपरेशन क्यों रोका गया? पाकिस्तान ने खुद मांगी थी शांति

रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन किसी दबाव में नहीं, बल्कि सैन्य और रणनीतिक लक्ष्य पूर्ण हो जाने के बाद रोका गया।
पाकिस्तान की ओर से DGMO स्तर पर संपर्क कर कार्रवाई रोकने की अपील की गई, जिसे भारत ने यह स्पष्ट करते हुए स्वीकार किया कि “अगर भविष्य में कोई दुस्साहस हुआ, तो ऑपरेशन फिर शुरू होगा।”


🎯 ऑपरेशन की रणनीति और निष्पक्षता

राजनाथ सिंह ने बताया कि भारत ने ऑपरेशन से पहले सभी सैन्य विकल्पों का गहन विश्लेषण किया और उस विकल्प को चुना जिसमें आतंकी नेटवर्क को अधिकतम क्षति पहुंचे और आम नागरिकों को कोई हानि न हो।


🧠 “पाकिस्तानी आतंकवाद कोई पागलपन नहीं, एक नीति है”

रक्षा मंत्री ने कहा:

“पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद कोई पागलपन नहीं, यह एक रणनीतिक उपकरण है जिसे पाकिस्तान की सेना और ISI एक नीति की तरह इस्तेमाल करते हैं। यह असहिष्णुता और कट्टरपंथ का हथियार है, जिसे भारत अब और सहन नहीं करेगा।”


ऑपरेशन सिंदूर भारत की सैन्य रणनीति और राजनीतिक इच्छाशक्ति का एक ऐतिहासिक उदाहरण बन गया है

राजनाथ सिंह के बयान ने यह साफ कर दिया कि नई दिल्ली अब किसी भी आतंकी हमले को सिर्फ निंदा में नहीं, निर्णायक जवाब में बदलने की नीति पर चल रही है।

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