
नई दिल्ली: भारत की हवाई यात्रा सेवाओं में अक्टूबर का महीना ऐतिहासिक साबित होने जा रहा है। देश को इस महीने ऐसे दो नए एयरपोर्ट मिलने जा रहे हैं, जो लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट और न्यूयॉर्क के जॉन एफ. केनेडी इंटरनेशनल एयरपोर्ट जैसी विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस होंगे। ये दो एयरपोर्ट हैं — नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NMIA) और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर)।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 8 अक्टूबर को नवी मुंबई एयरपोर्ट का उद्घाटन करेंगे, जबकि 30 अक्टूबर को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को देश को समर्पित करेंगे। इन दोनों एयरपोर्ट्स के शुरू होने से भारत की विमानन क्षमता और अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी।
देश को मिलेंगे दो-दो एयरपोर्ट वाले मेट्रो शहर
नवी मुंबई एयरपोर्ट के शुरू होने के बाद मुंबई देश का दूसरा शहर बन जाएगा जिसके पास दो बड़े फुल-स्केल इंटरनेशनल एयरपोर्ट होंगे। इसी तरह, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के उद्घाटन से दिल्ली-एनसीआर रीजन में भी दो एयरपोर्ट्स का नेटवर्क तैयार हो जाएगा — इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट (दिल्ली) और जेवर एयरपोर्ट (नोएडा)।
इन दोनों हवाई अड्डों के संचालन से भारत का एविएशन सेक्टर नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा और देश को इंटरनेशनल एविएशन हब बनने की दिशा में मजबूती मिलेगी। नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट को फ्लाइट ऑपरेशंस के लिए एयरोड्रम लाइसेंस जारी कर दिया है, जबकि नोएडा एयरपोर्ट को यह लाइसेंस जल्द मिलने की संभावना है।
नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट: पश्चिम भारत का नया गेटवे
नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (NMIA) महाराष्ट्र इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (CIDCO) और अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग लिमिटेड (AAHL) का संयुक्त उपक्रम है। इसमें AAHL की हिस्सेदारी 74 प्रतिशत और CIDCO की 26 प्रतिशत है। एयरपोर्ट का पहला चरण करीब 19,647 करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ है और 1160 हेक्टेयर में फैला है।
पहले चरण में यह एयरपोर्ट सालाना दो करोड़ यात्रियों को संभालने की क्षमता रखेगा, जबकि पूरा प्रोजेक्ट तैयार होने के बाद यहां से सालाना 9 करोड़ यात्री यात्रा कर सकेंगे। इसके अलावा, एयरपोर्ट की सालाना 32.5 लाख मीट्रिक टन माल ढुलाई क्षमता होगी।
नवी मुंबई एयरपोर्ट को पांच चरणों में विकसित किया जा रहा है। पहला चरण दिसंबर 2025 से पूर्ण रूप से फ्लाइट संचालन के लिए खुल जाएगा। फिलहाल एयर इंडिया, इंडिगो और अकासा एयर ने यहां से उड़ान संचालन की तैयारी पूरी कर ली है।
लंदन-न्यूयॉर्क जैसी सुविधाएं
नवी मुंबई एयरपोर्ट की डिजाइन और सुविधाएं पूरी तरह इंटरनेशनल स्टैंडर्ड पर आधारित हैं। इसमें अत्याधुनिक रनवे, अत्याधुनिक बैगेज हैंडलिंग सिस्टम, हाई-टेक सिक्योरिटी कंट्रोल, कार्गो विलेज और स्मार्ट टर्मिनल बिल्डिंग शामिल हैं। एयरपोर्ट को ग्रीन एयरपोर्ट की श्रेणी में रखा गया है, जहां सोलर एनर्जी से अधिकांश बिजली की आपूर्ति होगी।
एयरपोर्ट की वास्तुकला को ‘सस्टेनेबल डिवेलपमेंट’ के सिद्धांत पर तैयार किया गया है, ताकि कार्बन उत्सर्जन को न्यूनतम किया जा सके। यहां यात्री अनुभव को बढ़ाने के लिए स्वचालित चेक-इन, फेस रिकग्निशन सिस्टम, और डिजिटल बोर्डिंग जैसी तकनीकों का उपयोग होगा।
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर): उत्तर भारत का नया एविएशन हब
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट उत्तर भारत का सबसे बड़ा ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट प्रोजेक्ट है। इसका पहला चरण करीब 200 करोड़ डॉलर (लगभग ₹16,000 करोड़) की लागत से तैयार हो रहा है। यह एयरपोर्ट स्विट्जरलैंड की कंपनी Zurich Airport International AG के सहयोग से बनाया जा रहा है और इसका संचालन यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (YIAPL) करेगी।
नोएडा एयरपोर्ट का पहला चरण एक रनवे और एक टर्मिनल के साथ तैयार हो रहा है, जो सालाना 1.2 करोड़ यात्रियों को संभाल सकेगा। परियोजना के चौथे और अंतिम चरण में इसकी क्षमता बढ़कर 7 करोड़ यात्रियों प्रति वर्ष तक पहुंच जाएगी।
नोएडा एयरपोर्ट के उद्घाटन के लगभग 45 दिनों के भीतर यहां से फ्लाइट संचालन शुरू हो जाएगा। संभावना है कि पहली घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें दिसंबर 2025 के अंत तक आरंभ होंगी।
टिकट बुकिंग की शुरुआत
नवी मुंबई एयरपोर्ट के लिए टिकट बुकिंग पहले ही शुरू हो चुकी है। एयर इंडिया, इंडिगो और अकासा एयर ने दिवाली सीजन को ध्यान में रखते हुए प्रारंभिक फ्लाइट शेड्यूल जमा कर दिए हैं। वहीं नोएडा एयरपोर्ट की टिकट बुकिंग नवंबर के अंत या दिसंबर के शुरुआती सप्ताह से शुरू हो सकती है।
एविएशन इंडस्ट्री को नई रफ्तार
विशेषज्ञों का मानना है कि इन दोनों एयरपोर्ट्स के शुरू होने से भारत की विमानन क्षमता में कम से कम 15% की वृद्धि होगी। मुंबई, दिल्ली और बेंगलुरु पहले से ही इंटरनेशनल हब हैं, लेकिन नवी मुंबई और नोएडा एयरपोर्ट्स के जुड़ने से एयर ट्रैफिक का दबाव कम होगा और यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
इंडस्ट्री एनालिस्ट्स का अनुमान है कि 2030 तक भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा एविएशन मार्केट बन जाएगा, और इन दोनों प्रोजेक्ट्स की भूमिका इसमें निर्णायक होगी।
सरकार की ‘उड़ान’ नीति को मिलेगा बल
इन दोनों हवाई अड्डों को भारत सरकार की ‘उड़ान’ (Ude Desh ka Aam Nagrik) योजना का हिस्सा माना जा रहा है, जो क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को मजबूत करने के उद्देश्य से शुरू की गई थी। नागर विमानन मंत्रालय के अनुसार, आने वाले पांच वर्षों में देश में 220 से अधिक हवाई अड्डों, हेलीपोर्ट्स और वाटर एयरोड्रम्स का नेटवर्क विकसित किया जाएगा।
नवी मुंबई और नोएडा एयरपोर्ट्स इस दिशा में दो प्रमुख मील के पत्थर साबित होंगे, जिनसे रोजगार, निवेश और क्षेत्रीय विकास को गति मिलेगी।
भारत की हवाई यात्रा कहानी में अक्टूबर 2025 एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। नवी मुंबई और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट्स न केवल देश की विमानन क्षमता को कई गुना बढ़ाएंगे, बल्कि यात्री अनुभव, पर्यावरणीय जिम्मेदारी और तकनीकी नवाचार के लिहाज से भारत को विश्वस्तरीय स्तर पर खड़ा करेंगे।
दिवाली के पहले जब आसमान में नई उड़ानें भरेंगी, तो यह केवल विमानों की उड़ान नहीं होगी — यह भारत के नई ऊंचाइयों की ओर बढ़ते कदमों की प्रतीक होगी।