
वॉशिंगटन/नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनके तीन साथी अंतरिक्षयात्री जल्द ही धरती पर वापसी के लिए तैयार हैं। नासा ने शुक्रवार को जानकारी दी कि एक्सिओम-4 मिशन के अंतर्गत सभी चालक दल के सदस्य 14 जुलाई को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से पृथ्वी पर लौटेंगे। इस ऐतिहासिक मिशन में भारत, अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं।
नासा का बड़ा अपडेट
नासा कमर्शियल क्रू प्रोग्राम के मैनेजर स्टीव स्टिच ने मीडिया से बात करते हुए कहा:
“हम एक्सिओम-4 की प्रगति पर बारीकी से नजर बनाए हुए हैं। हम 14 जुलाई को इस मिशन को अनडॉक करने की योजना बना रहे हैं। वापसी के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।”
अंतरिक्ष में ‘कृषक’ बने शुभांशु शुक्ला
अपनी अंतरिक्ष यात्रा के अंतिम चरण में शुभांशु शुक्ला ने वैज्ञानिक प्रयोगों की एक अनोखी मिसाल पेश की।
उन्होंने वहां मूंग और मेथी के बीजों को ‘पेट्री डिश’ में उगाया और उनका अंकुरण सफल रहा।
इन बीजों को ISS के फ्रीजर में संरक्षित किया गया है। इस प्रयोग का उद्देश्य यह जानना है कि सूक्ष्म गुरुत्वाकर्षण पौधों के विकास को कैसे प्रभावित करता है। शोधकर्ता इन बीजों की अगली पीढ़ियों का अध्ययन कर पोषण, अनुवांशिकी और पारिस्थितिकी पर इसके प्रभाव का विश्लेषण करेंगे।
जानिए क्या है एक्सिओम-4 मिशन?
- लॉन्च तिथि: 25 जून 2025
- स्थान: कैनेडी स्पेस सेंटर, फ्लोरिडा (अमेरिका)
- वाहन: स्पेसX का ड्रैगन अंतरिक्ष यान
- ISS पर आगमन: 26 जून (28 घंटे की यात्रा के बाद)
चालक दल में शामिल अंतरिक्ष यात्री:
- शुभांशु शुक्ला (भारत) – पायलट
- पेग्गी व्हिटसन (अमेरिका) – कमांडर
- स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की (पोलैंड) – मिशन विशेषज्ञ
- टिबोर कापू (हंगरी) – मिशन विशेषज्ञ
भारत के लिए ऐतिहासिक पल
शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा ने भारत को वैश्विक अंतरिक्ष मानचित्र पर एक बार फिर गौरवान्वित किया है। वे न केवल निजी अंतरिक्ष मिशन में शामिल पहले भारतीयों में से एक हैं, बल्कि उनके विज्ञान-आधारित प्रयोगों ने भविष्य की अंतरिक्ष खेती की दिशा में भी एक बड़ा कदम उठाया है।