Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/u147495553/domains/thehillindia.com/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4724
उत्तराखंडफीचर्ड

सीएम पुष्कर सिंह धामी ने पं. गोविंद बल्लभ पंत की जयंती पर दी श्रद्धांजलि

स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, भारत रत्न और देश के प्रथम गृहमंत्री पंत जी के योगदान को किया याद

देहरादून: उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, समाज सुधारक, प्रखर वक्ता और भारत रत्न पं. गोविंद बल्लभ पंत की जयंती के अवसर पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर भावपूर्ण स्मरण किया और कहा कि पंत जी का जीवन राष्ट्रसेवा और जनसेवा के लिए हमेशा प्रेरणा देता रहेगा।


पं. गोविंद बल्लभ पंत: स्वतंत्रता संग्राम से राष्ट्र निर्माण तक

पं. गोविंद बल्लभ पंत का जन्म 10 सितंबर 1887 को अल्मोड़ा (उत्तराखंड) में हुआ था। उन्होंने बाल्यावस्था से ही देशभक्ति की राह चुन ली थी और भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई। पंत जी को उनके उत्कृष्ट नेतृत्व, प्रखर वक्तृत्व और समाज सुधार की सोच के लिए जाना जाता है।

आजादी की लड़ाई के दौरान उन्होंने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ आवाज उठाई और कांग्रेस संगठन को मज़बूत करने में अहम योगदान दिया। उनकी राजनीति केवल सत्ता तक सीमित नहीं रही, बल्कि जनता के हितों और सामाजिक बदलाव की धारा से भी गहराई से जुड़ी रही।


उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री

स्वतंत्रता के बाद पं. पंत को उत्तर प्रदेश का पहला मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ। इस पद पर रहते हुए उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य और प्रशासनिक सुधारों पर विशेष ध्यान दिया। उनकी कार्यशैली ने आधुनिक उत्तर प्रदेश की नींव रखी।

उनके नेतृत्व में राज्य में भूमि सुधार कानून लागू किए गए, किसानों के हितों की रक्षा की गई और आम जनता को प्रशासन से जोड़ने के प्रयास किए गए। यही कारण है कि उन्हें एक दूरदर्शी नेता और जननायक के रूप में हमेशा याद किया जाता है।


भारत के गृहमंत्री के रूप में ऐतिहासिक योगदान

पं. गोविंद बल्लभ पंत को देश का गृहमंत्री बनने का अवसर भी मिला। इस पद पर रहते हुए उन्होंने भारत के भाषाई पुनर्गठन, हिंदी को राजभाषा का दर्जा दिलाने, और आंतरिक सुरक्षा को मज़बूत करने जैसे कई ऐतिहासिक फैसले लिए।

उन्होंने राष्ट्रीय एकता और अखंडता को सर्वोच्च महत्व दिया। गृहमंत्री रहते हुए उनके निर्णयों ने भारतीय लोकतंत्र की नींव को मज़बूत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।


सीएम धामी ने पंत जी के विचारों को बताया प्रेरणास्रोत

श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा:
“पं. गोविंद बल्लभ पंत जी ने स्वतंत्रता संग्राम से लेकर स्वतंत्र भारत के निर्माण तक अपने अमूल्य योगदान से देश को नई दिशा दी। उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री और देश के गृहमंत्री के रूप में उनका कार्यकाल भारतीय राजनीति के स्वर्णिम अध्याय हैं। उनके विचार हमें सदैव जनसेवा और राष्ट्रसेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।”

सीएम धामी ने आगे कहा कि पंत जी जैसे महानायकों के आदर्शों और संघर्षों को नई पीढ़ी तक पहुंचाना हमारा कर्तव्य है।


उत्तराखंड का गौरव: पंत जी की विरासत

पं. गोविंद बल्लभ पंत उत्तराखंड की उस महान परंपरा के प्रतीक हैं, जिसने देश को कई क्रांतिकारी, विचारक और समाज सुधारक दिए। अल्मोड़ा की धरा पर जन्मे पंत जी ने जिस राष्ट्रीय चेतना का अलख जगाया, वह आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत है।

मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि उत्तराखंडवासियों के लिए यह गर्व की बात है कि पंत जी जैसे महान नेता यहीं से निकले। उनका जीवन संघर्ष, राष्ट्रभक्ति और जनसेवा का आदर्श उदाहरण है।


राष्ट्र निर्माण में पंत जी की सोच की प्रासंगिकता

आज जब भारत 21वीं सदी में नए वैश्विक नेतृत्व की ओर बढ़ रहा है, तब पं. गोविंद बल्लभ पंत की सोच और उनके मूल्य और भी प्रासंगिक हो जाते हैं।

  • राष्ट्र की एकता: उन्होंने हमेशा भाषाई और सांस्कृतिक विविधता के बीच एकता पर बल दिया।
  • जनसेवा की भावना: पंत जी मानते थे कि राजनीति का मूल उद्देश्य जनता की सेवा होना चाहिए।
  • समाज सुधार: उन्होंने महिलाओं की शिक्षा, किसानों के अधिकार और कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण को अपनी नीतियों का हिस्सा बनाया।

सीएम धामी का संदेश: युवाओं को मिले प्रेरणा

मुख्यमंत्री ने कहा कि नई पीढ़ी को पं. पंत जैसे महापुरुषों के संघर्ष और योगदान से परिचित कराना जरूरी है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे पंत जी के आदर्शों को अपने जीवन में अपनाएं और राष्ट्र निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं।

पं. गोविंद बल्लभ पंत का जीवन और उनकी राजनीति भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का प्रतिनिधित्व करती है। स्वतंत्रता संग्राम के योद्धा से लेकर आधुनिक भारत के निर्माता तक उनकी यात्रा देशवासियों के लिए गर्व का विषय है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा जयंती पर अर्पित की गई श्रद्धांजलि केवल एक औपचारिकता नहीं, बल्कि उत्तराखंड और पूरे देश के लिए प्रेरणा का संदेश है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

Deprecated: htmlspecialchars(): Passing null to parameter #1 ($string) of type string is deprecated in /home/u147495553/domains/thehillindia.com/public_html/wp-includes/formatting.php on line 4724