

रायपुर : केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज छत्तीसगढ़ की राजधानी में नक्सलवाद उन्मूलन को लेकर दो उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठकों की अध्यक्षता की। पहली बैठक अंतरराज्यीय समन्वय के तहत छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, झारखंड और ओडिशा के DGP/ADGP और वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारियों के साथ आयोजित हुई, वहीं दूसरी बैठक में छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद की स्थिति की विस्तृत समीक्षा की गई।
बैठक में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, केंद्रीय गृह सचिव, आसूचना ब्यूरो प्रमुख, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
अमित शाह ने कहा कि बीते डेढ़ साल में छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सलवाद विरोधी अभियानों को नई धार दी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और गृह मंत्री विजय शर्मा की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने रुके हुए अभियानों को गति दी, सुरक्षा बलों का मनोबल बढ़ाया और रणनीतिक मार्गदर्शन भी सुनिश्चित किया।
“यह छत्तीसगढ़ सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धि है कि राज्य अब निर्णायक रूप से नक्सलवाद की जड़ों को उखाड़ने की दिशा में बढ़ चला है,” – अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री ने विश्वासपूर्वक घोषणा की कि 31 मार्च 2026 तक देश नक्सलवाद से पूर्णतः मुक्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि सुरक्षाबलों की वीरता और खुफिया एजेंसियों की सटीक रणनीतियों के चलते यह लक्ष्य अब दूर नहीं।
“बरसात के मौसम में छिपने वाले नक्सली इस बार चैन की नींद नहीं सो पाएंगे। हमारी कार्रवाई जारी रहेगी,” – श्री शाह
अमित शाह ने हथियार उठाने वाले युवाओं से आत्मसमर्पण करने और राज्य सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाने की अपील की। उन्होंने कहा कि समाज की मुख्यधारा में लौटकर ही युवा अपने जीवन को सुरक्षित और समृद्ध बना सकते हैं।
“जो वादे सरकार ने आत्मसमर्पण करने वालों से किए हैं, उन्हें निभाया जाएगा – बल्कि आवश्यकता पड़ी तो उससे अधिक सहायता दी जाएगी,” – अमित शाह
बैठक में बॉर्डर स्टेट्स के बीच बेहतर समन्वय, संयुक्त अभियानों, खुफिया साझाकरण और नए तकनीकी उपायों पर विशेष बल दिया गया। केंद्र सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि वह राज्य सरकारों को हरसंभव सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है।
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब छत्तीसगढ़, झारखंड और महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियों में गिरावट आई है, लेकिन कुछ सीमावर्ती इलाकों में चुनौतियाँ अब भी बनी हुई हैं। केंद्रीय गृह मंत्री का यह दौरा न केवल राजनीतिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है बल्कि नक्सलवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की रणनीतिक नींव भी मजबूत करता है।
2026 तक नक्सलवाद के पूर्ण उन्मूलन का संकल्प केंद्र और राज्यों के बेहतर समन्वय, सुरक्षाबलों की सतत कार्रवाई और युवाओं के पुनर्वास पर आधारित है। अमित शाह की इस पहल को देश की आंतरिक सुरक्षा रणनीति में एक मील का पत्थर माना जा रहा है।