
नई दिल्ली: नेपाल में जारी हिंसक प्रदर्शनों और राजनीतिक उथल-पुथल ने हालात बेहद संवेदनशील बना दिए हैं। जगह-जगह आगजनी, तोड़फोड़ और उपद्रवियों की हिंसा के बीच नेपाल सरकार ने कई अहम फैसले लिए हैं। प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और मंत्रियों के इस्तीफे के बाद नेपाल की कमान सेना ने संभाल ली है। इस गंभीर स्थिति के मद्देनजर भारत सरकार ने अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी करते हुए नेपाल यात्रा को स्थगित करने की सलाह दी है।

विदेश मंत्रालय की एडवाइजरी
भारत के विदेश मंत्री कार्यालय की ओर से 9 सितंबर को जारी एडवाइजरी में साफ कहा गया है कि मौजूदा हालात बेहद अस्थिर हैं। ऐसे में भारतीय नागरिक स्थिति सामान्य होने तक नेपाल यात्रा न करें।
एडवाइजरी में नेपाल में पहले से मौजूद भारतीय नागरिकों को सख्त हिदायत दी गई है कि वे अपने वर्तमान निवास स्थान से बाहर न निकलें, सड़कों पर जाने से बचें और स्थानीय प्रशासन तथा भारतीय दूतावास की सलाह का पालन करें।
हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए गए हैं:
- +977-980 860 2881 (व्हाट्सएप कॉल भी)
- +977-981 032 6134 (व्हाट्सएप कॉल भी)
विदेश मंत्रालय ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर भारतीय नागरिक तत्काल काठमांडू स्थित भारतीय दूतावास से संपर्क करें।
नेपाल में एयरपोर्ट बंद, फ्लाइट्स कैंसिल
हिंसा और आगजनी के चलते नेपाल की राजधानी काठमांडू का एयरपोर्ट अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है। इससे भारत-नेपाल के बीच हवाई यातायात बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
- एयर इंडिया और इंडिगो ने मंगलवार को अपनी काठमांडू उड़ानें रद्द कर दीं।
- नेपाल एयरलाइंस ने भी दिल्ली से काठमांडू की फ्लाइट कैंसिल की।
- स्पाइसजेट और एयर इंडिया ने बुधवार की उड़ानें रद्द करने का ऐलान किया है।
- इंडिगो एयरलाइंस ने साफ किया कि काठमांडू से आने-जाने वाली सभी उड़ानें 10 सितंबर को दोपहर 12 बजे तक निलंबित रहेंगी।
इससे बड़ी संख्या में यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा है। कई भारतीय नागरिक और छात्र फिलहाल नेपाल में फंसे हुए हैं।
नेपाल में बिगड़े हालात
पिछले कई दिनों से नेपाल हिंसा और राजनीतिक उथल-पुथल की गिरफ्त में है।
- Gen-Z प्रदर्शनकारी सरकारी दफ्तरों, नेताओं के घरों और संसद तक में आगजनी कर चुके हैं।
- प्रधानमंत्री केपी ओली, राष्ट्रपति और कई मंत्रियों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है।
- फिलहाल नेपाल की बागडोर सेना के हाथों में है और राजधानी काठमांडू में कर्फ्यू जैसे हालात हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और वीडियो में देखा जा सकता है कि कई जगहों पर भीड़ ने पुलिस चौकियों, सरकारी वाहनों और आम जनता की संपत्ति को निशाना बनाया।
भारत-नेपाल सीमा पर सख्ती
भारत और नेपाल के बीच 1,751 किलोमीटर लंबी खुली सीमा है, जो उत्तराखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और सिक्किम से होकर गुजरती है। आम तौर पर यहां दोनों देशों के नागरिकों की आवाजाही पर कोई रोक नहीं होती, लेकिन मौजूदा हालात को देखते हुए भारत ने सीमा पर चौकसी बढ़ा दी है।
- उत्तराखंड और बिहार से लगी सीमाओं पर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
- सीमा चौकियों पर गहन चेकिंग अभियान चल रहा है।
- संदिग्ध व्यक्तियों और वाहनों की तलाशी ली जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि नेपाल की राजनीतिक अस्थिरता का असर सीधे भारत की सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने पर पड़ सकता है। इसीलिए भारत ने समय रहते सख्त कदम उठाए हैं।
पीएम मोदी की अपील और CCS बैठक
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल के हालात पर चिंता जताई है। उन्होंने हाल ही में ट्वीट करते हुए कहा कि नेपाल की स्थिरता, शांति और समृद्धि भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। पीएम मोदी ने नेपाल के नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की।
प्रधानमंत्री ने नेपाल संकट को लेकर सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की उच्चस्तरीय बैठक भी बुलाई थी, जिसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर शामिल हुए। बैठक में नेपाल की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की गई और सभी आवश्यक सुरक्षा उपायों की समीक्षा की गई।
सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट
भारत सरकार ने नेपाल की स्थिति पर लगातार नजर रखने के लिए एक विशेष निगरानी तंत्र भी सक्रिय कर दिया है।
- केंद्रीय खुफिया एजेंसियां नेपाल बॉर्डर पर गतिविधियों पर पैनी नजर रख रही हैं।
- उत्तराखंड, यूपी और बिहार पुलिस को सीमा क्षेत्रों में सघन गश्त के निर्देश दिए गए हैं।
- नेपाल में मौजूद भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी के विकल्पों पर भी चर्चा चल रही है।
नेपाल इस समय सबसे बड़े राजनीतिक और सामाजिक संकट से गुजर रहा है। प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के इस्तीफे के बाद सेना की कमान संभालने से हालात और गंभीर हो गए हैं। भारत सरकार ने अपने नागरिकों को पूरी सतर्कता बरतने और यात्रा टालने की सलाह दी है। एयरलाइंस ने उड़ानें रद्द कर दी हैं और सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी गई है।
भारत के लिए नेपाल की स्थिरता और शांति न केवल एक पड़ोसी देश के रिश्ते से, बल्कि साझा सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जुड़ाव की वजह से भी बेहद अहम है। ऐसे में दुनिया की निगाहें नेपाल की स्थिति पर टिकी हुई हैं।



