छत्तीसगढ़: सुकमा, बीजापुर, बस्तर और संभाग छत्तीसगढ़ के ये जिलों में पिछले तीन दशकों से नक्सली उग्रवाद के खतरे से जूझ रहे हैं। पुलिस ने सोमवार को कहा कि छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र के छह दूरदराज के गांवों में देश की आजादी के बाद आज पहली बार राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि इन गांवों के पास सुरक्षा बलों द्वारा नए शिविर स्थापित करने से यहां विकास का मार्ग प्रशस्त हो रहा है।
पुलिस महानिरीक्षक सुंदरराज ने पी ने पीटीआई को बताया, “मंगलवार को बीजापुर जिले के चिन्नागेलुर, तिमेनार व हिरोली और सुकमा जिले के बेद्रे, दुब्बामरका और टोंडामरका गांवों में आज पहली बार तिरंगा झंडा फहराया जाएगा। इससे पहले इन गांवों में आजादी के बाद से ऐसा आयोजन नहीं देखा गया है।”
उन्होंने बताया कि इसके अलावा सुकमा जिले के पिडमेल, डुब्बाकोंटा, सिलगेर और कुंडेड गांवों में भी आज पहली बार स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा, जहां इस साल गणतंत्र दिवस पर पहली बार तिरंगा फहराया गया। उन्होंने कहा कि नए शिविरों की स्थापना से सरकारी कल्याणकारी योजनाओं को लोगों, मुख्य रूप से आदिवासियों तक पहुंचने में मदद मिली है और इन क्षेत्रों में विकास का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है।
एक सरकारी जनसंपर्क अधिकारी ने कहा सुकमा और बीजापुर बस्तर संभाग के सात जिलों में से हैं, जो पिछले तीन दशकों से वामपंथी उग्रवाद के खतरे से जूझ रहे हैं। इस बीच, राज्य सरकार ने राजधानी रायपुर सहित सभी जिलों में स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारी पूरी कर ली है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सुबह रायपुर के पुलिस परेड ग्राउंड में तिरंगा फहराएंगे और सुरक्षा कर्मियों की विभिन्न टुकड़ियों द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर प्राप्त करेंगे।