
वक्फ संशोधन विधेयक पर शुक्रवार को संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) की दूसरी बैठक हुई. इसमें मुस्लिम संगठनों के विचार जाने गए. इसमें ऑल इंडिया सुन्नी जमीयत उलेमा ने बिल का किया विरोध. उलेमा ने कहा कि हमें संशोधन मंजूर नहीं है. वक्फ मुसलमानों का मामला है. सरकार दखल ना दे. इंडियन मुस्लिम फॉर सिविल राइट्स संस्था ने भी जेपीसी के सामने संशोधन का विरोध किया. संस्था के अध्यक्ष पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब हैं. संस्था ने वक्फ संशोधन के मामले को मुसलमानों के मामले में दखलंदाजी बताया.
आज नई दिल्ली में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 संबंधी संयुक्त समिति की बैठक में ऑल इंडिया सुन्नी जमीयतुल उलमा मुंबई, इंडियन मुस्लिम फार सिविल राइट्स (आईएमसीआर), दिल्ली एवं उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड व राजस्थान मुस्लिम वक्फ के हितधारको का मौखिक साक्ष्य सुना गया। pic.twitter.com/NVTxf56MHW
— Jagdambika Pal (@jagdambikapalmp) August 30, 2024
लोकसभा सचिवालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, बीजेपी के वरिष्ठ नेता जगदंबिका पाल की अगुवाई वाली समिति ने विधेयक के व्यापक प्रभावों को देखते हुए आम जनता, गैर सरकारी संगठनों, विशेषज्ञों, हितधारकों और संस्थानों से विशेष रूप से विचार मांगे हैं. अगले 15 दिनों के भीतर लोगों से लिखित में सुझाव साझा करने को कहा गया है. इसमें कहा गया है कि समिति को सौंपे गए ज्ञापन और सुझाव, समिति के रिकॉर्ड का हिस्सा होंगे. उन्हें गोपनीय माना जाएगा. विधेयक को 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था. चर्चा के बाद संसद की संयुक्त समिति को भेजा गया था.