पंजाब के मनसा में एक इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने हुआ है जहां पर दो मरीजों से पीछा छुड़ाने के लिए सरकारी अस्पताल ने उन्हें बाहर फिकवा दिया. सरकारी एंबुलेंस में डालकर ड्राइवर उन्हें ले गया और एक को कब्रिस्तान में छोड़ दिया तो वहीं दूसरे को एक सुनसान जगह पर सड़क के किनारे छोड़ दिया. इन दोनों मरीजों में से एक की मौत हो गई है जबकि दूसरा घायल बताया जा रहा है उसे बाद में जिला हॉस्पिटल में भर्ती किया गया. पूछताछ में सामने आया है कि दोनों मरीजों को जिस वार्ड में भर्ती किया गया था वहां से दूसरे मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करना पड़ रहा था क्योंकि इन मरीजों से दूसरे मरीजों को खतरा था.
जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला हॉस्पिटल के स्टाफ ने ही रचा था. बताया जा रहा है कि वहां पर इन दोनों लावारिस मरीजों का लंबे वक्त से इलाज चल रहा था. दोनों एचआईवी, काला पीलिया और अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित बताए जा रहे हैं. इनमें से एक की मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं बताई जा रही है और वह नशे का आदी बताया जा रहा है. इन दोनों मरीजों से छुटकारा पाने के लिए कुछ मेडिकल स्टाफ ने जुगत लगाई और कथित तौर पर एंबुलेंस वाले को कुछ पैसे देकर दोनों मरीजों को कहीं सुनसान जगह पर छोड़ आने को कहा दिया. इसके बाद एंबुलेंस चालक ने दोनों मरीजों को गाड़ी में लिटाया और एक को सुनसान कब्रिस्तान में छोड़ आया वहीं एक अन्य को रास्ते के किनारे छोड़ दिया.
इस पूरे मामले के सामने आने के बाद सीएमओ बलजीत कौर ने कहा है कि यह पूरा मामला बहुत दुखद है, इसमें जो लोग भी शामिल हैं उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने इस पूरे मामले के लिए एक जांच कमेटी बनाई है. फिलहाल जांच कमेटी पूरे हॉस्पिटल स्टाफ से पूछताछ कर रही है. वहीं घायल मरीज रिंकू नने बताया कि एक सड़क दुर्घटना में उसका हाथ और पैर टूट गया था, और तभी से उसे हॉस्पिटल में कोई देखने नहीं आ रहा है.