
हैदराबाद/अमरावती: आंध्र प्रदेश में सामने आए 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। एसआईटी (विशेष जांच दल) को एक ऐसा वीडियो हाथ लगा है, जिसमें वाईएसआरसीपी के पूर्व विधायक चेविरेड्डी भास्कर रेड्डी के करीबी सहयोगी वेंकटेश नायडू बड़ी मात्रा में नकदी की गड्डियां गिनते नजर आ रहे हैं। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है और चर्चा में है कि यह रकम पिछले विधानसभा चुनावों से पहले नकदी बांटने के लिए छिपाई गई थी।
11 करोड़ रुपये जब्त, बक्सों में छिपाकर रखी गई थी नकदी
एसआईटी ने तेलंगाना के रंगारेड्डी जिले के शमशाबाद स्थित सुलोचना गेस्ट हाउस में छापेमारी कर 12 बक्सों में छिपाकर रखी गई नकदी जब्त की है।
- जब्त रकम: ₹11 करोड़
- नोटों के स्वरूप: ₹2000 और ₹500 के बंडल, जिनमें से कई ₹2000 के नोट अब बंद हो चुके हैं।
कई बड़े नेता जांच के घेरे में
- वेंकटेश नायडू का फोन भी जब्त, जिसमें वॉट्सऐप के जरिए पैसे की योजना बनाते हुए वीडियो मिला।
- वाईएसआरसीपी सांसद पेड्डीरेड्डी वेंकट मिधुन रेड्डी समेत कई नेताओं को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।
- आरोपी राज केसी रेड्डी ने बयान दिया है कि उसका हालिया बरामद राशि से कोई लेना-देना नहीं है।
मुख्य आरोपी दुबई से लौटते ही पकड़ा गया
मुख्य आरोपी वरुण पुरुषोत्तम, जो केस में ए-40 नंबर का आरोपी है, को दुबई से लौटने पर हिरासत में लिया गया। उसी की सूचना पर एसआईटी ने नकदी की पहचान कर उसे जब्त किया।
वहीं, वाईएसआरसीपी ने दावा किया है कि वीडियो पुराना है और यह चुनावी बदनाम करने की साजिश हो सकती है, जबकि टीडीपी ने इसे चुनाव में नकद बांटने का प्रमाण बताया।
क्या है आंध्र का शराब घोटाला?
एसआईटी की जांच के अनुसार, आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में ₹3,200 करोड़ का शराब घोटाला हुआ।
- मुख्य आरोपी: वाईएसआरसीपी के तत्कालीन आईटी सलाहकार केसीरेड्डी राजा शेखर रेड्डी
- मामला: राज्य की शराब नीति के दुरुपयोग से लोकप्रिय ब्रांड हटाकर अज्ञात ब्रांडों को बढ़ावा देना और इसके बदले हजारों करोड़ रुपये रिश्वत लेना
- गिरफ्तारी: राजा शेखर रेड्डी को 21 अप्रैल को हैदराबाद एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था।
राजनीतिक हलकों में हड़कंप
यह घोटाला आंध्र प्रदेश की राजनीति में भूचाल लेकर आया है। नकदी, वीडियो, नेताओं की गिरफ्तारी और घोटाले की मात्रा ने विपक्ष को सत्ताधारी पार्टी पर हमले का बड़ा मौका दिया है। अब देखना होगा कि एसआईटी की आगामी जांच में और कौन-कौन इस भ्रष्टाचार की जद में आता है।



