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आंध्र प्रदेश के अल्लूरी सीताराम राजू जिले में भीषण बस दुर्घटना: 9 की मौत, 22 घायल; घने कोहरे को माना जा रहा कारण

चिंतूर (आंध्र प्रदेश): अल्लूरी सीताराम राजू जिले में शुक्रवार तड़के हुए एक दर्दनाक सड़क हादसे में कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई, जबकि 22 यात्री घायल हो गए। यह दुर्घटना चिंतूर–मारेडुमिल्ली घाट रोड पर उस समय हुई, जब एक निजी बस सड़क से फिसलकर नीचे जा गिरी और पलट गई। पुलिस ने बताया कि हादसा सुबह लगभग 4:30 बजे दुर्गा मंदिर के पास हुआ।

बस में कुल 37 लोग सवार थे, जिनमें चालक और सहायक भी शामिल थे। इनमें से छह लोग दुर्घटना में बिना किसी चोट के बच निकले हैं। घायल यात्रियों को तत्काल भद्राचलम एरिया हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है, जहां चार घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।


घने कोहरे के कारण मोड़ दिखाई नहीं दिया — पुलिस

अल्लूरी जिले के पुलिस अधीक्षक अमित बरदार ने बताया कि प्रारंभिक जांच के अनुसार बस चालक घने कोहरे की वजह से सड़क का मोड़ देख नहीं पाया और वाहन नियंत्रण खो बैठा। उन्होंने कहा—

“घाट रोड से बस के नीचे फिसलकर गिरने के कारण कम से कम नौ लोगों की मौत हो गई और 22 यात्री घायल हुए। बस पूरी तरह घाटी में नहीं गिरी, बल्कि पलटकर वहीं फंस गई, जिससे और बड़ी त्रासदी टल गई।”

हादसा मोतुगुडेम थाना क्षेत्र के अंतर्गत आता है। पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्य चलाया और घायलों को तुरंत अस्पताल भेजा।


भद्राचलम मंदिर के दर्शन कर लौट रहे थे यात्री

पुलिस के अनुसार, बस चित्तूर से तेलंगाना के भद्राचलम जा रही थी। यात्रियों का दल श्री राम मंदिर दर्शन के बाद वापसी यात्रा पर था। ठीक इसी दौरान यह हादसा हुआ। इससे हादसे की पीड़ा और भी मार्मिक हो गई, क्योंकि अधिकांश यात्री धार्मिक यात्रा से लौट रहे थे।

प्रशासन ने बताया कि जिस स्थान पर बस गिरी वह तुलसी पकाला–मारेडुमिली के पास एक चुनौतीपूर्ण घाट मार्ग है, जहां घुमावदार मोड़ और खड़ी ढलानें नियमित रूप से दुर्घटनाओं का कारण बनते रहे हैं।


घटना के बाद राहत एवं बचाव कार्य तेज

दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस, फायर ब्रिगेड और स्थानीय ग्रामीण तेजी से मौके पर पहुंचे।
बस के पलटने के कारण कई लोग सीटों और खिड़कियों के बीच फंस गए थे, जिन्हें निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।

घटनास्थल की तस्वीरें यह दर्शाती हैं कि समय रहते बस का घाटी में पूरी तरह न गिरना कई और जानें बचा ले गया।


बार-बार खतरा पैदा करते हैं ये घाट मार्ग

चिंतूर-मारेडुमिल्ली क्षेत्र का यह घाट मार्ग अपनी

  • घनी धुंध
  • तीखे मोड़
  • सीमित दृश्यता
  • और चुनौतीपूर्ण ढलानों
    के चलते दुर्घटना-प्रवण माना जाता है। स्थानीय लोग लंबे समय से इस मार्ग पर
    ✔ चेतावनी संकेत बढ़ाने,
    ✔ बैरियर लगाने
    ✔ और सड़क चौड़ी करने
    की मांग करते रहे हैं।

यह हादसा एक बार फिर उस मांग को मजबूत करता है।


प्रशासन ने शुरू की जांच, मृतकों के परिवारों के लिए मदद की तैयारी

जिला प्रशासन ने हादसे के कारणों की जांच के आदेश दिए हैं। यह भी देखा जा रहा है कि कहीं बस की गति अधिक तो नहीं थी, या वाहन में कोई तकनीकी खराबी मौजूद थी।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, मृतकों के परिवारों को मुआवज़ा देने और घायलों के इलाज में किसी प्रकार की कमी न रहने देने के निर्देश दे दिए गए हैं।


निष्कर्ष

भद्राचलम मंदिर के दर्शन से लौटते श्रद्धालुओं की यह यात्रा दर्दनाक हादसे में बदल गई। घाट मार्गों पर कोहरा, कम दृश्यता और तीखे मोड़ मिलकर अक्सर जानलेवा परिस्थिति बना देते हैं। प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है, लेकिन स्थानीय स्तर पर सुरक्षा उपायों में सुधार की आवश्यकता एक बार फिर सामने आ गई है।

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