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अबूझमाड़ में ऐतिहासिक नक्सल ऑपरेशन: 27 माओवादी ढेर, महासचिव बसवराजू का खात्मा, पीएम मोदी और अमित शाह ने जवानों को दी बधाई

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नारायणपुर/बस्तर, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ जंगलों में बुधवार सुबह देश के इतिहास का सबसे बड़ा नक्सल विरोधी ऑपरेशन अंजाम दिया गया। इस “ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट” में सुरक्षाबलों ने सीपीआई (माओवादी) के महासचिव और टॉप मोस्ट नक्सली नेता नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू समेत कुल 27 खूंखार माओवादियों को मार गिराया। यह पहली बार है जब किसी महासचिव स्तर के माओवादी नेता को सुरक्षा बलों ने एनकाउंटर में ढेर किया हो।

तीन दशक में सबसे बड़ी सफलता, पूरे देश में जश्न

बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि मुठभेड़ के दौरान DRG का एक जवान शहीद हुआ है, जबकि कुछ अन्य घायल हुए हैं। सभी को समय पर इलाज मिल चुका है और वे खतरे से बाहर हैं। इस सफलता के बाद पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत केंद्र और राज्य सरकार के कई बड़े नेताओं ने जवानों को बधाई दी है।

ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट: कैसे चला यह मिशन?

  • ऑपरेशन की शुरुआत 19 मई को हुई जब नारायणपुर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कोण्डागांव जिलों से DRG की संयुक्त टीमें अबूझमाड़ के जंगलों में रवाना हुईं।

  • 21 मई की सुबह माओवादियों ने अचानक अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी।

  • सुरक्षाबलों ने रणनीति और संयम के साथ मोर्चा संभाला और जवाबी कार्रवाई में 27 माओवादी मारे गए।

  • मारे गए माओवादियों में कई वरिष्ठ स्तर के लीडर शामिल हो सकते हैं।

बसवराजू कौन था? माओवादी नेटवर्क का मास्टरमाइंड

  • नाम: नंबाला केशव राव

  • उपनाम: बसवराजू, बीआर दादा, गगन्ना

  • उम्र: करीब 70 वर्ष

  • निवास: जियान्नापेटा गांव, श्रीकाकुलम जिला, आंध्र प्रदेश

  • शिक्षा: B.Tech, वारंगल रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज

  • पद: CPI (माओवादी) महासचिव, पोलित ब्यूरो सदस्य, केंद्रीय सैन्य आयोग प्रमुख

  • इनाम: ₹1.5 करोड़ (केंद्र + राज्य सरकारें मिलाकर)Naxal Leader Namballa Keshava Rao

बसवराजू 1970 के दशक से प्रतिबंधित वामपंथी आंदोलन से जुड़ा था और पिछले कुछ दशकों में छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, तेलंगाना, ओडिशा जैसे राज्यों में कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड रहा। वह माओवादी संगठन का सबसे बड़ा नेता और नीति-निर्माता था।

भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद

जंगल में तलाशी अभियान के दौरान सुरक्षाबलों ने AK-47, INSAS, SLR, कार्बाइन और भारी मात्रा में गोलाबारूद बरामद किए हैं। मारे गए माओवादियों की पहचान की जा रही है, और कुछ घायल या फरार नक्सलियों की तलाश के लिए सघन सर्च ऑपरेशन चल रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान

“छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों द्वारा 27 माओवादियों को मार गिराना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। हमें अपने जवानों पर गर्व है। हमारी सरकार माओवाद को पूरी तरह खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

गृह मंत्री अमित शाह ने कहा – ‘तीन दशक में पहली बार महासचिव रैंक का नक्सली ढेर’

गृह मंत्री अमित शाह ने जवानों को बधाई देते हुए कहा:

“नक्सलवाद के खिलाफ यह सबसे बड़ी जीत है। बसवराजू जैसे नेता का खात्मा माओवादी नेटवर्क की रीढ़ तोड़ देने जैसा है। ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट के बाद छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और तेलंगाना में 54 नक्सली गिरफ्तार हुए और 84 ने आत्मसमर्पण किया है। मोदी सरकार 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद का समूल नाश करने के लिए प्रतिबद्ध है।”

सीएम विष्णुदेव साय:

“यह निर्णायक सफलता केंद्र सरकार के नेतृत्व और सुरक्षाबलों की बहादुरी का परिणाम है। शहीद जवान को श्रद्धांजलि और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करता हूं।”

गृह मंत्री विजय शर्मा:

“30 साल में पहली बार महासचिव रैंक का नक्सली मारा गया है। सुरक्षाबलों का शौर्य अभिनंदनीय है। मार्च 2026 तक बस्तर समेत पूरे देश को नक्सलमुक्त करेंगे।”

डिप्टी सीएम अरुण साव:

“DRG के साहसी जवानों ने 27 नक्सलियों को ढेर किया है। बसवराजू का खात्मा इस अभियान की ऐतिहासिक उपलब्धि है।”

पूर्व सीएम भूपेश बघेल:

“यह बड़ी ऑपरेशनल सफलता है। मेरी सरकार ने 600 गांव नक्सलियों से मुक्त कराए। जवानों को बधाई और शहीद को श्रद्धांजलि।”

अबूझमाड़ का यह ऑपरेशन सिर्फ 27 नक्सलियों को खत्म करना नहीं है — यह नक्सली नेटवर्क की रीढ़ को तोड़ने वाला एक निर्णायक मोड़ है। बसवराजू के खात्मे के बाद माओवादियों की रणनीति, नेटवर्क और संगठनात्मक ताकत को गहरा झटका लगा है। सुरक्षाबलों ने यह सिद्ध किया है कि भारत अब नक्सलवाद को जड़ से उखाड़ने के लिए तैयार है।

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