
देहरादून, 17 अक्टूबर 2025: उत्तराखण्ड सरकार अब डिजिटल युग की अगली छलांग के लिए तैयार है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) के क्षेत्र में नवाचार, सुशासन और उद्यमिता को गति देने के उद्देश्य से सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, उत्तराखण्ड शासन द्वारा “उत्तराखण्ड एआई इम्पैक्ट समिट 2025” का आयोजन शुक्रवार, 17 अक्टूबर को देहरादून के होटल रामाडा में किया जा रहा है।
इस समिट की थीम “Hills to High-Tech” रखी गई है — जो यह दर्शाती है कि उत्तराखण्ड की पर्वतीय भूमि अब तकनीकी नवाचारों का नया केंद्र बनने की दिशा में अग्रसर है।
केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद होंगे मुख्य अतिथि
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होंगे जितिन प्रसाद, माननीय राज्य मंत्री, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY), भारत सरकार।
समिट में इंडिया एआई मिशन, एनआईसी मुख्यालय, आईआईटी रुड़की, आईआईएम काशीपुर, यूकॉस्ट, यू.पी.ई.एस., आईटीडीए और प्रदेश के कई प्रमुख स्टार्टअप्स के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे।
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के अनुसार, यह आयोजन सरकार, शिक्षा संस्थानों और उद्योग जगत के बीच तकनीकी समन्वय को मजबूत करने के लिए आयोजित किया जा रहा है ताकि उत्तराखण्ड को “एआई-प्रेरित राज्य” के रूप में विकसित किया जा सके।
कार्यक्रम की रूपरेखा: ‘डिजिटल कुंभ’ से ‘एआई गवर्नेंस’ तक
समिट की शुरुआत यूकॉस्ट के महानिदेशक डॉ. दुर्गेश पंत के स्वागत भाषण से होगी। डॉ. पंत “डिजिटल कुंभ” विषय पर अपना विचार साझा करेंगे। इसके बाद इंडिया एआई मिशन के निदेशक श्री मोहम्मद वाई. सफ़ीरुल्ला “इंडिया एआई मिशन विजन” पर अपना वक्तव्य देंगे।
इसके बाद राज्य के आईटी सचिव द्वारा “एआई इन गवर्नेंस” पर प्रस्तुति दी जाएगी — जिसमें बताया जाएगा कि किस तरह एआई आधारित सिस्टम्स शासन, नीति निर्माण और जनता तक सेवाओं की डिलीवरी को पारदर्शी व प्रभावी बना रहे हैं।
तकनीकी सत्र: स्टार्टअप्स और संस्थानों की भूमिका पर फोकस
तकनीकी सत्र में एआई आधारित नवाचार, उद्यमिता और रोजगार सृजन पर विस्तृत चर्चा होगी। इस सत्र में आईआईटी रुड़की (TIDES), आईआईएम काशीपुर (FIED) और ओम्निप्रेजेंट टेक के प्रमुख विशेषज्ञ अपने विचार साझा करेंगे। साथ ही, STPI एवं आईआईएम काशीपुर समर्थित स्टार्टअप्स अपने अभिनव प्रोजेक्ट्स का प्रदर्शन करेंगे।
इन प्रस्तुतियों के माध्यम से प्रदेश के युवाओं और स्टार्टअप समुदाय को यह समझने का अवसर मिलेगा कि एआई तकनीक का उपयोग किस प्रकार वास्तविक जीवन की समस्याओं के समाधान में किया जा सकता है — चाहे वह स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि या ई-गवर्नेंस का क्षेत्र हो।
एनआईसी की एआई सेवाओं पर विशेष सत्र
एनआईसी मुख्यालय की उपमहानिदेशक शर्मिष्ठा दास “एनआईसी की एआई सेवाओं” पर विशेष प्रस्तुति देंगी।
इस सत्र में सरकारी विभागों में पहले से चल रहे एआई समाधानों जैसे डेटा एनालिटिक्स, नागरिक सेवा डैशबोर्ड, और स्मार्ट प्रशासन के उदाहरण प्रस्तुत किए जाएंगे।
पैनल चर्चा: “वैश्विक एआई प्रवृत्तियाँ एवं विकास: उत्तराखण्ड पर प्रभाव”
कार्यक्रम का प्रमुख आकर्षण होगा पैनल चर्चा, जिसका विषय रहेगा –“वैश्विक एआई प्रवृत्तियाँ एवं विकास: उत्तराखण्ड पर प्रभाव”। इस चर्चा की अध्यक्षता प्रो. राम शर्मा, कुलपति, यू.पी.ई.एस. करेंगे। पैनल में शिक्षा, उद्योग, तकनीक और शासन के विशेषज्ञ शामिल होंगे जो बताएंगे कि एआई भविष्य की अर्थव्यवस्था, रोजगार और नीतिगत निर्णयों को कैसे प्रभावित करेगा।
समापन और भविष्य की दिशा
कार्यक्रम का समापन आईटीडीए के महाप्रबंधक (इमर्जिंग टेक्नोलॉजी) राम एस. उनियाल के धन्यवाद ज्ञापन से होगा। उन्होंने कहा कि यह समिट राज्य के तकनीकी भविष्य के लिए एक मजबूत बुनियाद रखेगी।
“उत्तराखण्ड एआई इम्पैक्ट समिट 2025 राज्य को एआई-प्रेरित विकास के पथ पर अग्रसर करने वाला एक प्रभावशाली मंच बनेगा, जो सरकार, शिक्षा जगत और उद्योग के बीच दीर्घकालिक सहयोग को सुनिश्चित करेगा।”
एआई के जरिये ‘नए उत्तराखण्ड’ की ओर
उत्तराखण्ड सरकार का यह कदम न केवल राज्य की तकनीकी पहचान को सशक्त करेगा, बल्कि पर्वतीय क्षेत्रों में डिजिटल उद्यमिता, रोजगार और नवाचार के नए अवसर भी खोलेगा। “हिल्स टू हाई-टेक” की थीम इस बात का प्रतीक है कि अब उत्तराखण्ड केवल प्राकृतिक सौंदर्य का प्रदेश नहीं, बल्कि प्रौद्योगिकी और नवाचार का उभरता केंद्र भी बनेगा।