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उत्तराखंड में ‘डीरिग्यूलेशन और ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस’ पर टास्क फोर्स की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक

व्यवसाय अनुकूल वातावरण निर्माण की दिशा में राज्य के सुधारात्मक प्रयासों की सराहना

देहरादून, 16 अक्टूबर 2025 (सू. ब्यूरो): भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय की एक उच्चस्तरीय टास्क फोर्स ने गुरुवार को देहरादून में उत्तराखंड राज्य में चल रही डीरिग्यूलेशन और ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस (Ease of Doing Business) पहल की प्रगति की विस्तृत समीक्षा की।

इस बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग की सचिव सुश्री मीता राजीवलोचन और उत्तराखंड के मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने संयुक्त रूप से की। बैठक में राज्य सरकार के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।


प्रधानमंत्री की प्राथमिक पहल का हिस्सा है ‘डीरिग्यूलेशन प्रोग्राम’

बैठक में बताया गया कि यह डीरिग्यूलेशन पहल माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की उस दृष्टि का हिस्सा है, जिसके अंतर्गत देशभर में व्यवसाय करने की प्रक्रियाओं को सरल, पारदर्शी और निवेश-अनुकूल बनाया जा रहा है। इस पहल की निगरानी कैबिनेट सचिव स्वयं करते हैं, जिससे यह कार्यक्रम देश के सभी राज्यों में समान रूप से प्रभावी ढंग से लागू हो सके।

डीरिग्यूलेशन फ्रेमवर्क के अंतर्गत राज्यों को भूमि, भवन एवं निर्माण, श्रम, उपयोगिताएं और अनुमतियों (Utilities & Permissions) जैसे प्रमुख क्षेत्रों में नियामकीय सुधार करने, अनावश्यक अनुपालन बोझ घटाने और प्रक्रियाओं को डिजिटल माध्यम से एकीकृत करने में सहायता दी जा रही है।

इस पहल का उद्देश्य एक “विश्वास-आधारित शासन व्यवस्था” (Trust-based Governance Framework) विकसित करना है, जो पारदर्शिता, उत्तरदायित्व और सुशासन के सिद्धांतों पर आधारित हो।


प्राथमिक क्षेत्रों की प्रगति पर की गई गहन समीक्षा

बैठक के दौरान टास्क फोर्स ने उत्तराखंड में चिन्हित प्राथमिक क्षेत्रों (Priority Areas) की समीक्षा की और राज्य सरकार द्वारा अब तक किए गए सुधारात्मक प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की।

बैठक में प्रस्तुत प्रगति रिपोर्ट के अनुसार, राज्य ने बीते कुछ महीनों में

  • कई पुराने विनियमों को सरल और डिजिटल किया है,
  • उद्योग स्थापना, भूमि स्वीकृति, और भवन निर्माण अनुमति जैसी प्रक्रियाओं को Single Window System में एकीकृत किया है,
  • तथा उद्योगों को मिलने वाली विभिन्न अनुमतियों की समयबद्ध प्रक्रिया सुनिश्चित की है।

टास्क फोर्स ने इन सुधारों को ‘निवेश आकर्षण की दिशा में ठोस कदम’ बताते हुए सराहना की और राज्य सरकार को आगे अंतरविभागीय समन्वय (Inter-Departmental Coordination) बढ़ाने की सलाह दी।


राज्य सरकार का लक्ष्य—सरल, पारदर्शी और डिजिटल प्रशासन

मुख्य सचिव श्री आनंद बर्द्धन ने बैठक में कहा कि उत्तराखंड सरकार का स्पष्ट लक्ष्य है कि “हर निवेशक और उद्यमी को न्यूनतम सरकारी हस्तक्षेप और अधिकतम सुविधा मिले।”

उन्होंने बताया कि राज्य ने ई-गवर्नेंस और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से विभागीय अनुमतियों की प्रक्रिया को सरल और ऑनलाइन किया है। इसके साथ ही, अनुपालन बोझ कम करने के लिए विभागवार नियमों की समीक्षा भी की जा रही है।

मुख्य सचिव ने कहा कि डीरिग्यूलेशन और ईज ऑफ डूइंग बिज़नेस पहल न केवल निवेश आकर्षित करने में मदद करेगी बल्कि राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी उत्पन्न करेगी।


टास्क फोर्स की अनुशंसाएँ और आगे की दिशा

टास्क फोर्स ने उत्तराखंड सरकार को सुझाव दिया कि

  • सुधारों को District Level तक प्रभावी बनाने के लिए जिलाधिकारियों और स्थानीय निकायों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए,
  • और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स को अधिक यूज़र-फ्रेंडली बनाया जाए ताकि उद्यमियों को प्रक्रियाओं में किसी प्रकार की कठिनाई न हो।

बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार और कैबिनेट सचिवालय की टीम के बीच नियमित समीक्षा संवाद जारी रहेगा ताकि प्रत्येक सुधार का प्रभाव वास्तविक रूप से उद्योगों और नागरिकों तक पहुँचे।


राज्य के अधिकारियों की उपस्थिति और सहयोग

बैठक में प्रमुख सचिव आर. मीनाक्षी सुन्दरम, सचिव विनय शंकर पांडे, अपर सचिव विजय कुमार जोगदंडे, महानिदेशक एवं आयुक्त उद्योग डॉ. सौरभ गहरवार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

टास्क फोर्स ने राज्य के उद्योग विभाग की पहल — Invest Uttarakhand Portal — की विशेष सराहना की, जिसने निवेशकों को एक ही प्लेटफॉर्म पर सभी अनुमतियाँ प्राप्त करने की सुविधा दी है।


‘विश्वास और विकास’ के मॉडल की ओर बढ़ता उत्तराखंड

बैठक का समापन इस संदेश के साथ हुआ कि उत्तराखंड सरकार व्यवसाय और निवेश के क्षेत्र में “विश्वास आधारित प्रशासनिक सुधार मॉडल” स्थापित करने के लिए दृढ़ संकल्पित है। डीरिग्यूलेशन पहल के माध्यम से राज्य शासन न केवल उद्योगों को सुविधा देने की दिशा में कार्य कर रहा है, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं को भी सरल और पारदर्शी बनाकर सुशासन के नए मानक स्थापित कर रहा है।

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