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हरियाणा में सुंदर बच्चियों से नफरत करने वाली ‘सीरियल चाइल्ड किलर’ का पर्दाफाश: महिला ने 4 मासूमों की जान ली, पूछताछ ने खोले हैरान कर देने वाले राज

पानीपत | हरियाणा के पानीपत जिले में पुलिस ने एक ऐसी सनसनीखेज वारदात का खुलासा किया है, जिसे सुनकर कोई भी सन्न रह जाए। चार मासूम बच्चों की रहस्यमयी मौतों के पीछे एक महिला का वहशीपन सामने आया है। पानीपत पुलिस ने इस महिला को गिरफ्तार किया तो उसके दिमाग में पल रही वे खौफनाक सोचें उजागर हुईं, जो किसी मनोवैज्ञानिक केस-स्टडी से कम नहीं हैं। पुलिस पूछताछ में महिला ने स्वीकार किया कि वह “सुंदर दिखने वाली बच्चियों” से चिढ़ रखती थी और इसी नफरत के चलते उसने अपनी रिश्तेदारी और परिवार की बच्चियों की हत्या की।

और सबसे दर्दनाक पहलू यह है कि शक न जाए, इसलिए उसने अपने ही बेटे को भी मौत के घाट उतार दिया।

इस चौंकाने वाले मामले ने पूरे हरियाणा में दहशत और हैरानी का माहौल पैदा कर दिया है। पुलिस इस केस को “साइको पैटर्न” वाला मान रही है और महिला की मानसिक स्थिति की भी जांच करवा रही है।


पहला संकेत—6 साल की बच्ची की रहस्यमयी मौत ने खोला राज

यह पूरा मामला तब खुला जब हाल ही में पानीपत के एक घर में 6 साल की मासूम बच्ची संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाई गई। घर का गेट बाहर से बंद था और बच्ची टब में डूबी हुई मिली थी। पुलिस की जांच में यह स्पष्ट हो गया कि एक 6 साल की बच्ची खुद टब में गिरकर नहीं मर सकती। घर बाहर से बंद होने का मतलब था—यह हत्या है और हत्यारा घर के भीतर ही है।

यहीं से पुलिस ने महिला पर शक गहराया और पूछताछ में वह टूट गई।

पानीपत एसपी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि महिला की हरकतों और पूछताछ की बारीकियों ने पुलिस को साफ संकेत दिए कि यह कोई सामान्य अपराध नहीं, बल्कि एक गहरी मनोवैज्ञानिक विकृति का परिणाम है।


पूछताछ में उजागर हुई चौंकाने वाली बातें: “सुंदर बच्चियां देखकर दिमाग खराब हो जाता था…”

पानीपत एसपी के अनुसार, आरोपी महिला ने पूछताछ में बेहद हैरान करने वाली बातें बताईं। उसने साफ स्वीकार किया कि उसे सुंदर बच्चियों को देखकर गुस्सा आता था। वह ऐसे बच्चों को अपने लिए खतरा मानती थी, मानो वे बड़े होकर उससे ज्यादा सुंदर हो जाएंगी।

एसपी के अनुसार महिला ने कबूला:

  • “मुझे सुंदर बच्चियों से नफरत हो जाती थी…”
  • “मुझे लगता था कि बड़ी होकर मुझसे ज्यादा सुंदर न हो जाए…”
  • “इसलिए मैं बच्चियों को निशाना बनाती थी…”
  • “शक न जाए, इसलिए मैंने अपने बेटे को भी मार दिया…”

यह स्वीकारोक्ति पुलिस के सामने सबसे बड़ा संकेत बनी कि महिला की मानसिक स्थिति असामान्य है और वह एक बेहद खतरनाक पैटर्न पर काम कर रही थी।


हत्या की श्रृंखला: परिवार और रिश्तेदारी की बच्चियां बनी निशाना

पुलिस जांच में सामने आया कि यह महिला पिछले दो साल में लगातार चार बच्चों की हत्या कर चुकी है। इनमें से तीन बच्चियां थीं और एक उसका अपना बेटा।

निश्चित घटनाक्रम इस प्रकार सामने आया:

1. वर्ष 2023 — दो बच्चियों की हत्या

महिला ने पहले अपनी नाते-रिश्तेदारों की दो बच्चियों को अलग-अलग समय पर मौत के घाट उतारा। दोनों मामलों को सामान्य हादसा मान लिया गया था क्योंकि कोई प्रत्यक्ष सबूत नहीं था।

2. शक हटाने के लिए अपने बेटे की हत्या

पुलिस के अनुसार, दो मौतों के बाद जब परिवार को शक होने लगा, तो महिला ने पर खुद से शक हटाने के लिए अपने ही बेटे को मार डाला। यह केस भी हादसा मान लिया गया था क्योंकि किसी को शक नहीं था कि एक मां अपने बच्चे को भी मार सकती है।

3. चौथी हत्या ने खोला राज

हाल की घटना—6 साल की बच्ची की मौत—ने पूरे मामले का खुलासा कर दिया। महिला शायद सोच भी नहीं सकती थी कि हत्या करने का उसका तरीका इस बार उसे बेनकाब कर देगा।


क्यों पकड़ में आई महिला? पुलिस ने बताए ठोस कारण

एसपी भूपेंद्र सिंह ने बताया कि महिला बेहद समझदार और चालाक किस्म की है। वह अपने अपराधों को सामान्य हादसा दिखाने में माहिर थी। लेकिन हाल ही की घटना में कई बिंदुओं ने पुलिस का ध्यान खींचा:

  1. बच्ची का अपने-आप टब में डूब जाना असंभव था
  2. घर का गेट बाहर से बंद था
  3. घर के भीतर वही अकेली थी
  4. परिवार में बार-बार बच्चों की संदिग्ध मौतें हुईं

इन सभी पहलुओं ने पुलिस को महिला पर केंद्रित कर दिया और पूछताछ में उसने सब कुछ स्वीकार कर लिया।


क्या महिला मानसिक रूप से बीमार है? पुलिस करेगी मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन

एसपी के अनुसार, प्रारंभिक पूछताछ में यह समझ आता है कि महिला की सोच सामान्य नहीं है। उसके मन में एक अजीब मनोवैज्ञानिक विकृति विकसित हो गई थी, जिसके चलते वह सुंदर बच्चियों को संभावित प्रतिद्वंदी या खतरा मानने लगी थी।

मनोविज्ञान में ऐसी स्थिति को “पैथोलॉजिकल जेलेसी” या “पर्सनैलिटी डिसऑर्डर” जैसी श्रेणियों में देखा जाता है। परंतु इस मामले में महिला की हरकतें इससे कहीं अधिक खतरनाक स्तर की प्रतीत होती हैं। पुलिस ने महिला के मानसिक स्वास्थ्य की जांच के लिए विशेषज्ञों का पैनल तैयार किया है।


अब पछता रही है महिला, लेकिन चार परिवार उजड़ चुके हैं

गिरफ्तारी के बाद अब महिला खुद को बेहद पछतावा होने की बात कर रही है। लेकिन पुलिस का कहना है कि कानून में ऐसे मामलों के लिए कड़ी सजा का प्रावधान है। चार मासूम बच्चों की मौत ने चार परिवारों को हमेशा के लिए तोड़ दिया है। पुलिस पूरे केस को चार्जशीट में विस्तार से शामिल कर रही है, ताकि आरोपी को कठोर से कठोर सजा मिल सके।


समापन: हरियाणा में दिल दहला देने वाला मामला—समाज और सिस्टम दोनों के लिए चेतावनी

हरियाणा के पानीपत में सामने आया यह मामला सिर्फ एक अपराध कहानी नहीं है, बल्कि समाज के सामने एक गंभीर सवाल खड़ा करता है—क्या हम मानसिक विकारों, घरेलू हिंसा और संदिग्ध मौतों को हल्के में ले रहे हैं?

बार-बार बच्चों की अचानक मौतें किसी भी परिवार या समाज में चेतावनी का संकेत होती हैं। इन घटनाओं को नजरअंदाज करना कभी-कभी ऐसे भयानक नतीजे दे सकता है जो पानीपत में देखने को मिले।

पुलिस की सतर्कता और वैज्ञानिक जांच ने इस सीरियल किलर महिला को पकड़ लिया है, लेकिन चार घरों का उजड़ना यह याद दिलाने के लिए काफी है कि समाज को मानसिक स्वास्थ्य, व्यवहारिक असामान्यताओं और संदिग्ध परिस्थितियों को गंभीरता से लेना ही होगा।

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