उत्तराखंड सरकार ने पहाड़ी क्षेत्रों के बागवानों के लिए एक महत्वाकांक्षी पॉलीहाउस प्रोजेक्ट तैयार किया था। पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के लिए रोजगार सृजन की सोच के साथ उत्तराखंड राज्य में 17 हजार से ज्यादा पॉलीहाउस निर्माण की योजना थी। नाबार्ड से विभाग ने इस योजना हेतु मोबलाइजेशन एडवांस के तौर पर 99 करोड़ की धनराशि भी ले ली। लेकिन यह योजना भी उद्यान विभाग की लापरवाही की वजह से ग्राउंड लेबल पर नहीं आ सकी है। देखा जाये तो सरकार की महत्वपूर्ण योजनाओं पर विभाग के अधिकारीयों के द्वारा ढंग से पलीता लगाया जा रहा है।
आपको बताते चलते है कि पिछले वित्तीय वर्ष में राज्य में क्लस्टर आधारित छोटे पॉलीहाउस (Naturally Ventilated) में सब्जी एवं फूलों की खेती की योजना का निर्णय लिया था। नाबार्ड की योजना के तहत 100 वर्गमीटर के आकार के 17648 पॉलीहाउस क्लस्टर तैयार किए जाने थे। नाबार्ड से 300 करोड़ रूपये स्वीकृत भी हुए। जिसके बाद उसने 30 प्रतिशत यानिकि की 90 करोड़ मोबलाइजेशन एडवांस के तौर पर उद्यान विभाग को दे भी दिए। इसके बावजूद भी 7 माह बीत जाने के बाद भी विभाग द्वारा इस धनराशि का उपयोग नहीं किया गया है। मिडिया सूत्रों से पता चला है कि इस योजना के टेंडर फिर से एक बार नए सिरे से भरे जा रहे है।