
नई दिल्ली/हरिद्वार: श्रावण मास की शुरुआत के साथ ही शुक्रवार से देशभर में कांवड़ यात्रा 2025 की आधिकारिक शुरुआत हो गई। भगवान शिव की आराधना के इस पवित्र महीने में देशभर से लाखों श्रद्धालु गंगाजल लेकर अपने-अपने शिवालयों की ओर रवाना हो गए हैं। इस वर्ष 9 अगस्त तक चलने वाली इस यात्रा में 4.5 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के उत्तराखंड के हरिद्वार, गंगोत्री और अन्य तीर्थस्थलों तक पहुंचने की संभावना है।
हरिद्वार में उमड़ा भक्तों का सैलाब
हरिद्वार के हर की पौड़ी और गंगा घाटों पर सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। शिवभक्त अपने कंधे पर कांवड़ रखकर गंगाजल भरते हुए “बोल बम” के जयघोष के साथ पवित्र यात्रा पर निकल पड़े हैं।
यात्रा की बढ़ती संख्या और भीड़ को देखते हुए उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकारों ने सुरक्षा, चिकित्सा और यातायात से जुड़ी व्यवस्थाएं चाक-चौबंद कर दी हैं। पूरे कांवड़ मार्ग पर CCTV निगरानी, कंट्रोल रूम, ड्रोन कैमरे और विशेष पुलिस बल की तैनाती की गई है।
खाने-पीने और ट्रैफिक की सख्त निगरानी
कांवड़ मार्ग पर स्वच्छता और शुद्धता बनाए रखने के लिए फूड एंड सेफ्टी विभाग की टीमें तैनात हैं, जो दुकानों से लगातार खाद्य पदार्थों के नमूने ले रही हैं। वहीं, प्रशासन ने मीट व मदिरा से जुड़ी दुकानों को लेकर भी सख्ती बरती है, ताकि धार्मिक आस्था को ठेस न पहुंचे।
गाजियाबाद में स्थानीय विधायक नंद किशोर गुर्जर द्वारा खुले मीट की दुकानों पर कार्रवाई को लेकर पुलिस प्रशासन को निर्देश भी दिए गए हैं।
कुछ इलाकों में बढ़ा तनाव, सांप्रदायिक संतुलन की चुनौती
उत्तर प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में धार्मिक संगठनों द्वारा दुकानों पर पोस्टर लगाए जाने और कांवड़ यात्रा में शामिल महिलाओं के साथ छेड़छाड़ के आरोपों को लेकर स्थिति संवेदनशील बनी हुई है। प्रशासन ने लोगों से सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की है।
इसी बीच हरिद्वार में कांवड़ निर्माण को लेकर विवाद उठ खड़ा हुआ है। कुछ संत संगठनों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर मांग की है कि मुस्लिम समुदाय के कारीगरों को हरिद्वार की सीमा में कांवड़ निर्माण की अनुमति न दी जाए।
वहीं, ज्वालापुर क्षेत्र के मुस्लिम कारीगरों ने प्रतिक्रिया दी है कि वे पीढ़ियों से यह परंपरा निभाते आ रहे हैं और यह रोजगार से जुड़ा कार्य है, न कि किसी मजहबी नीयत से प्रेरित।
प्रशासन की अपील: संयम रखें, निर्देशों का पालन करें
दिल्ली पुलिस के एडिशनल कमिश्नर दिनेश गुप्ता ने कांवड़ियों से अपील करते हुए कहा कि वे निर्धारित मार्गों का ही पालन करें। यातायात नियंत्रण और सुविधा के लिए GPS आधारित ट्रैकिंग, हेल्प डेस्क और मोबाइल मेडिकल यूनिट्स भी सक्रिय हैं।
आगामी तिथियां और श्रद्धा का सिलसिला
इस बार 23 जुलाई को सावन की शिवरात्रि बड़े धूमधाम से मनाई जाएगी। उसके बाद भी 9 अगस्त तक लाखों श्रद्धालु जल चढ़ाने का पुण्य कार्य जारी रखेंगे। पिछले साल 4 करोड़ से अधिक कांवड़ियों ने यात्रा की थी, और इस वर्ष यह आंकड़ा पार होने की संभावना है।
सावन के महीने में शिवभक्तों की आस्था और श्रद्धा एक नई ऊंचाई पर पहुंच रही है। जहां सरकारें व्यवस्थाएं दुरुस्त करने में जुटी हैं, वहीं समाज को भी सांप्रदायिक सौहार्द, सम्मान और संयम के साथ इस आध्यात्मिक पर्व में भागीदारी निभानी होगी।