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Dehradun: राज्यपाल गुरमीत सिंह और सीएम धामी ने किया राजभवन में ‘भगीरथ उद्यान’ का लोकार्पण

प्रतिमा का अनावरण, लोक कल्याण और कर्तव्यनिष्ठा का संदेश

देहरादून, 22 सितंबर 2025। उत्तराखंड की धरती पर एक और ऐतिहासिक पहल दर्ज हो गई है। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को राजभवन परिसर में बने ‘भगीरथ उद्यान’ का लोकार्पण किया। इस अवसर पर दोनों नेताओं ने उद्यान में स्थापित महान राजा भगीरथ की भव्य प्रतिमा का अनावरण भी किया।


10 फीट ऊंची प्रतिमा बनी प्रेरणा-स्तंभ

‘भगीरथ उद्यान’ में स्थापित प्रतिमा लगभग 10 फीट ऊंची है, जिसे 8 फीट ऊंचे ग्रेनाइट चबूतरे पर सजाया गया है। इस कलाकृति को हरिद्वार के प्रसिद्ध कलाकार शिवम चौरसिया ने फाइबर और रेज़िन से तैयार किया है। उद्यान के चारों ओर विभिन्न प्रजातियों के पौधों का रोपण किया गया है, जो वातावरण को हरियाली और आध्यात्मिकता से परिपूर्ण बनाते हैं।


राज्यपाल का संदेश – “प्रतिमा है जीवंत प्रेरणा”

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने अपने संबोधन में कहा –

“यह प्रतिमा केवल एक स्मारक नहीं है, बल्कि एक जीवंत प्रेरणा-स्तंभ है। यहाँ नक्षत्र, प्रकृति, मंदिर और पर्वत मिलकर उस दिव्य संकल्प का संदेश देते हैं कि जब ध्येय लोक कल्याण हो, तो देवत्व और प्रकृति दोनों मार्ग प्रशस्त कर देते हैं।”

उन्होंने इस उद्यान को तैयार करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों की मेहनत की सराहना करते हुए कहा कि यह स्थल आने वाली पीढ़ियों को कर्तव्य और त्याग का संदेश देता रहेगा।


मुख्यमंत्री धामी बोले – “भगीरथ प्रयत्न ही सफलता का मार्ग”

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह प्रतिमा राजभवन आने वाले प्रत्येक नागरिक और अतिथियों को कर्तव्यनिष्ठा, लोक कल्याण और भारतीय संस्कृति का संदेश देती रहेगी।

“यह प्रतिमा हमें सदा स्मरण दिलाएगी कि ‘भगीरथ प्रयत्न’ ही महान लक्ष्यों की प्राप्ति का मार्ग है। कठिनाइयाँ कैसी भी हों, समर्पण और प्रयास से असंभव को भी संभव किया जा सकता है।”

उन्होंने यह भी जोड़ा कि इस तरह की पहलें उत्तराखंड की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूती देंगी।


पूजा-अर्चना के बाद हुआ शुभारंभ

कार्यक्रम की शुरुआत राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने राजप्रज्ञेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना से की। यहां उन्होंने प्रदेश और देशवासियों की सुख-समृद्धि, खुशहाली और कल्याण के लिए प्रार्थना की। इसके बाद दोनों नेता प्रतिमा स्थल की ओर बढ़े और उद्घाटन की औपचारिकता पूरी की।


सांस्कृतिक धरोहर और प्रकृति का संगम

‘भगीरथ उद्यान’ को केवल एक स्मारक स्थल नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर का संगम माना जा रहा है। इसमें प्रतिमा के चारों ओर किए गए पौधरोपण से वातावरण में पवित्रता और हरियाली का संतुलन स्थापित होगा।

यहां आने वाले आगंतुक न केवल राजा भगीरथ की प्रेरणा से जुड़ेंगे बल्कि उत्तराखंड की परंपराओं, आध्यात्मिक धरोहर और प्रकृति के संरक्षण संदेश को भी आत्मसात करेंगे।


कौन-कौन रहा मौजूद?

इस विशेष अवसर पर कई गणमान्य हस्तियाँ मौजूद रहीं –

  • सचिव राज्यपाल – रविनाथ रामन
  • विधि परामर्शी – कौशल कुमार किशोर
  • अपर सचिव – रीना जोशी, बंशीधर तिवारी, विनीत कुमार
  • देव संस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति – डॉ. चिन्मय पंड्या
  • उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति – प्रो. दिनेश चन्द्र शास्त्री
  • वित्त नियंत्रक – डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव
  • सहायक अभियंता लो.नि.वि. – विजय धस्माना
  • उद्यान अधिकारी – दीपक पुरोहित

इसके अलावा राज्य सरकार और राजभवन के कई वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षाविद और सामाजिक कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे।


राष्ट्रीय महत्व की मिसाल

राज्यपाल और मुख्यमंत्री के संयुक्त प्रयास से लोकार्पित यह उद्यान केवल उत्तराखंड के लिए ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय महत्व की मिसाल बनता जा रहा है। राजा भगीरथ का नाम भारतीय संस्कृति में त्याग, परिश्रम और लोककल्याण के प्रतीक के रूप में लिया जाता है। ऐसे में उनकी प्रतिमा का राजभवन में स्थापित होना, देशभर से आने वाले अतिथियों के लिए प्रेरणादायी होगा।


भविष्य में होगा पर्यटक आकर्षण

जानकारों का मानना है कि आने वाले समय में यह उद्यान केवल राजभवन का हिस्सा नहीं रहेगा, बल्कि इसे पर्यटक आकर्षण स्थल के रूप में भी विकसित किया जा सकता है। यहां की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक संदेश आगंतुकों के लिए विशेष अनुभव प्रदान करेंगे।

‘भगीरथ उद्यान’ का लोकार्पण उत्तराखंड के सांस्कृतिक गौरव, आध्यात्मिक मूल्यों और लोक कल्याण की सोच को मजबूत करता है। राज्यपाल और मुख्यमंत्री द्वारा किया गया यह प्रयास आने वाली पीढ़ियों को याद दिलाता रहेगा कि कठिनाइयों के बावजूद निरंतर ‘भगीरथ प्रयत्न’ ही महान उपलब्धियों की कुंजी है।

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