
देहरादून, 24 अगस्त: उत्तराखंड में खेल प्रतिभाओं को निखारने और उन्हें राष्ट्रीय मंच पर उतारने के लिए वन विभाग ने विशेष पहल शुरू की है। विभाग अब उन खिलाड़ियों की तलाश में जुट गया है जो राज्य ही नहीं, देश का नाम भी रोशन कर सकें। इसके लिए प्रदेशभर में ट्रायल आयोजित किए जा रहे हैं। चयनित खिलाड़ियों को आगे चलकर विशेषज्ञ कोचों की देखरेख में विशेष ट्रेनिंग दी जाएगी।
वन विभाग ने खिलाड़ियों की खोज और प्रतियोगिता की तैयारियों के लिए फिलहाल 10 कमेटियों का गठन कर दिया है, जबकि दो और महत्वपूर्ण कमेटियों के गठन की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
नवंबर में बड़ा आयोजन, चार हजार खिलाड़ी पहुंचेंगे उत्तराखंड
राज्य में नवंबर महीने में अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन होने जा रहा है। यह पांच दिन तक चलने वाला भव्य कार्यक्रम उत्तराखंड स्थापना दिवस से पहले संपन्न किया जाएगा। प्रतियोगिता में देशभर से करीब चार हजार खिलाड़ी शिरकत करेंगे। इसमें कुल 24 खेल और 297 इवेंट्स शामिल होंगे।
मुख्य आयोजन स्थल महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स स्टेडियम, देहरादून और परेड ग्राउंड को बनाया गया है। हालांकि, जरूरत पड़ने पर अन्य मैदानों का भी इस्तेमाल किया जाएगा।
दूसरी बार मेजबानी करेगा उत्तराखंड
यह प्रतियोगिता वन विभाग की सबसे बड़ी खेलकूद प्रतियोगिता है और उत्तराखंड दूसरी बार इसकी मेजबानी कर रहा है। इससे पहले भी राज्य ने सफल आयोजन कर अपनी छाप छोड़ी थी। इस बार आयोजन और भी भव्य होने वाला है। विभाग के अधिकारियों ने तैयारी की समीक्षा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की है। अब आयोजन की काउंटडाउन शुरू हो गई है और विभाग के पास तैयारी के लिए मात्र दो महीने का ही समय बचा है।
कमेटियों को सौंपी गई जिम्मेदारियां
वन विभाग ने बनाई गई कमेटियों को अलग-अलग जिम्मेदारियां दी हैं।
- कुछ कमेटियां खिलाड़ियों के ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था देखेंगी।
- कुछ आयोजन स्थल की तैयारियों और सजावट की निगरानी करेंगी।
- वहीं एक टीम वीवीआईपी प्रोटोकॉल की देखरेख करेगी।
इसके अलावा दो अहम कमेटियां और बनाई जानी बाकी हैं।
- एग्जीक्यूटिव कमेटी – जिसकी अध्यक्षता प्रमुख वन संरक्षक करेंगे।
- हाई पावर कमेटी – शासन स्तर पर बनेगी और यह समिति जरूरी ढांचे के निर्माण और प्रशासनिक कार्यों की मंजूरी देगी।
राज्य के खिलाड़ियों को मिलेगा सुनहरा मौका
वन विभाग की इस पहल से राज्य के खिलाड़ियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का सुनहरा अवसर मिलेगा। चयनित खिलाड़ियों को विशेषज्ञ कोचों की देखरेख में तैयार किया जाएगा ताकि वे प्रतियोगिता में शानदार प्रदर्शन कर सकें। अधिकारियों का कहना है कि यह आयोजन न केवल खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाएगा बल्कि उत्तराखंड की खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान भी दिलाएगा।



