
नई दिल्ली | Weather News Today: उत्तर भारत में सर्दी के साथ एक बार फिर घने कोहरे ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित करना शुरू कर दिया है। शनिवार की सुबह दिल्ली-एनसीआर, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और आसपास के राज्यों में हालात ऐसे रहे कि कई इलाकों में दृश्यता 50 मीटर से भी कम दर्ज की गई। एक दिन की मामूली राहत के बाद कोहरे की इस वापसी ने न सिर्फ लोगों की मुश्किलें बढ़ाई हैं, बल्कि सड़क, रेल और हवाई यातायात को भी गंभीर चुनौती दी है।
छह दिनों तक घने से अत्यधिक कोहरे की चेतावनी
मौसम विभाग ने राजधानी दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद समेत पूरे एनसीआर क्षेत्र के लिए अगले छह दिनों तक घने से अत्यधिक घने कोहरे की चेतावनी जारी की है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) के अनुसार, सुबह और देर रात के समय दृश्यता बेहद कम रहने की संभावना है, जिससे एक्सप्रेसवे, राष्ट्रीय राजमार्गों और रेलवे ट्रैक पर दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है।
दिल्ली में येलो के बाद ऑरेंज अलर्ट
दिल्ली में 19 दिसंबर को कोहरे को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया था, जबकि 20 दिसंबर के लिए ऑरेंज अलर्ट घोषित किया गया है। इसका सीधा मतलब है कि कोहरा सामान्य से कहीं अधिक घना रह सकता है और लोगों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की जरूरत होगी। विशेषज्ञों का कहना है कि ऑरेंज अलर्ट की स्थिति में अनावश्यक यात्रा से बचना ही बेहतर विकल्प है।
तापमान में बड़ी गिरावट की संभावना नहीं
हालांकि कोहरे ने लोगों को बेहाल किया है, लेकिन राहत की बात यह है कि राजधानी दिल्ली में फिलहाल तापमान में बहुत ज्यादा गिरावट दर्ज होने की संभावना नहीं है। मौसम विभाग के अनुमान के अनुसार, 19 से 25 दिसंबर (क्रिसमस तक) दिल्ली का न्यूनतम तापमान 8 से 9 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रह सकता है, जबकि अधिकतम तापमान सामान्य के आसपास रहने का अनुमान है।
उत्तर प्रदेश में भी बिगड़े हालात
उत्तर प्रदेश में भी कोहरे का असर व्यापक स्तर पर देखा जा रहा है। पश्चिमी यूपी के साथ-साथ पूर्वांचल के कई जिलों—जैसे गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज, लखनऊ और कानपुर—में घने कोहरे की चेतावनी जारी की गई है। सुबह के समय सड़कों पर वाहन रेंगते नजर आए और कई जगहों पर स्कूल जाने वाले बच्चों व दफ्तर जाने वाले कर्मचारियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
पंजाब-हरियाणा में दृश्यता बेहद कम
पंजाब और हरियाणा के कई जिलों में भी शनिवार सुबह घना कोहरा छाया रहा। अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, अंबाला और करनाल जैसे इलाकों में दृश्यता 30 से 70 मीटर के बीच रिकॉर्ड की गई। कई ट्रेनें देरी से चलीं, जबकि कुछ लंबी दूरी की ट्रेनों को एहतियातन नियंत्रित गति से चलाया गया।
यातायात पर सीधा असर
घने कोहरे का सबसे बड़ा असर यातायात व्यवस्था पर पड़ा है।
सड़क मार्ग: एक्सप्रेसवे और हाईवे पर वाहन चालकों को हेडलाइट जलाकर बेहद धीमी गति से चलना पड़ा। कई जगहों पर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी।
रेल सेवाएं: उत्तर रेलवे की कई ट्रेनें 1 से 4 घंटे तक देरी से चलीं।
हवाई सेवाएं: दिल्ली एयरपोर्ट पर भी कुछ घरेलू उड़ानों के समय में बदलाव किया गया।
क्यों बढ़ रहा है कोहरा?
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक, उत्तर भारत में कोहरे की मुख्य वजह कम हवा की गति, अधिक नमी और रात के समय तापमान में गिरावट है। इसके अलावा प्रदूषण के कण भी कोहरे को और घना बनाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। खासतौर पर दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण और कोहरे का मेल दृश्यता को और अधिक कम कर देता है।
स्वास्थ्य को लेकर भी चेतावनी
घना कोहरा सिर्फ यातायात ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज से भी खतरनाक साबित हो सकता है। डॉक्टरों का कहना है कि सांस के मरीज, बुजुर्ग और छोटे बच्चे इस मौसम में विशेष सावधानी बरतें। लंबे समय तक धुंध में रहने से आंखों में जलन, सांस लेने में दिक्कत और एलर्जी जैसी समस्याएं बढ़ सकती हैं।
प्रशासन और नागरिकों के लिए एडवाइजरी
मौसम विभाग और प्रशासन की ओर से लोगों को निम्नलिखित सावधानियां बरतने की सलाह दी गई है:
सुबह और देर रात अनावश्यक यात्रा से बचें
वाहन चलाते समय फॉग लाइट का प्रयोग करें
ट्रेनों और फ्लाइट की स्थिति पहले जांच लें
बुजुर्ग और बच्चे ठंड से बचाव के लिए गर्म कपड़े पहनें.
आने वाले दिनों का पूर्वानुमान
मौसम विभाग का कहना है कि फिलहाल उत्तर भारत को कोहरे से राहत मिलने की संभावना कम है। पश्चिमी विक्षोभ की हल्की गतिविधि के बावजूद वातावरण में नमी बनी रहेगी, जिससे अगले एक हफ्ते तक कोहरा छाया रह सकता है। ऐसे में प्रशासन के साथ-साथ आम लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है.
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, उत्तर भारत में कोहरे की यह वापसी सर्दी के मौसम की गंभीरता को दर्शाती है। दिल्ली-एनसीआर से लेकर यूपी, पंजाब और हरियाणा तक हालात चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं। मौसम विभाग की चेतावनियों को नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है। आने वाले दिनों में सतर्कता और सावधानी ही इस भयानक कोहरे से निपटने का सबसे बड़ा हथियार साबित होगी।



