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मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एन्कॉर्ड बैठक: नशे के खिलाफ उत्तराखंड में राज्यव्यापी सख्ती का ऐलान, युवाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता

📍 देहरादून | उत्तराखंड में नशे के बढ़ते खतरे को लेकर राज्य सरकार ने गंभीर रुख अपनाया है। मुख्य सचिव श्री आनन्द बर्द्धन ने गुरुवार को सचिवालय में राष्ट्रीय नार्को समन्वय पोर्टल (एन्कॉर्ड) की उच्चस्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए युवाओं को नशे के दलदल से निकालने और नशा तस्करी पर लगाम कसने के लिए एक समन्वित राज्यव्यापी अभियान की घोषणा की।

मुख्य सचिव ने बैठक में चिंता जताते हुए कहा कि नशे की प्रवृत्ति अब केवल शहरी नहीं रही, बल्कि मैदानी इलाकों के साथ-साथ पर्वतीय क्षेत्रों के युवा भी इसकी चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस ‘नशा ईकोसिस्टम’ को जड़ से खत्म करने के लिए सभी विभागों को एक साथ मिलकर कार्य करना होगा

मुख्य सचिव ने एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह को राज्य स्तरीय सिंगल पॉइंट नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए नशे के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि उन्हें इस मिशन में पूर्ण स्वतंत्रता और सभी आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए जाएंगे

सभी जिलों में डीएम और एसपी को विशेष भूमिका निभाने की हिदायत देते हुए कहा गया कि नशे की बिक्री व तस्करी को रोकने के लिए प्रवर्तन तंत्र को मजबूती से सक्रिय करना होगा

मुख्य सचिव ने शिक्षण संस्थानों व हॉस्टलों में विद्यार्थियों की मेडिकल स्क्रीनिंग के लिए व्यापक अभियान चलाने के निर्देश दिए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा टेस्टिंग उपकरण व सामग्री की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने अभिभावकों से भी इस पहल में सहयोग की अपील की।

प्रदेशभर में गृह, सूचना, स्वास्थ्य, विद्यालयी शिक्षा और उच्च शिक्षा विभागों को मिलकर एक दिन तय कर व्यापक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने को कहा गया है। इसमें सोशल मीडिया और इन्फ्लुएंसर्स की भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी।

मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि:

  • जिला मानसिक स्वास्थ्य प्राधिकरण की हर महीने बैठकें हों।

  • सरकारी नशा मुक्ति व मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों की क्षमता बढ़ाई जाए।

  • रिक्त सरकारी भवनों का उपयोग नशा मुक्ति केंद्रों के रूप में किया जाए।

  • रायवाला समेत अन्य स्थानों पर एक महीने के भीतर नए नशा मुक्ति केंद्र चालू किए जाएं।

मुख्य सचिव ने कहा कि प्राइवेट नशा मुक्ति केंद्रों का भौतिक निरीक्षण अनिवार्य किया जाए और जो संस्थान तय मानकों पर खरे नहीं उतरते, उन पर नियमानुसार कार्रवाई की जाए।

उन्होंने एनसीसी, एनएसएस, महिला मंगल दलों और अन्य जनभागीदारी संगठनों को इस मुहिम में सक्रिय भागीदार बनाने की बात कही। इसके अलावा, स्कूल-कॉलेजों में वार्षिक हेल्थ चेकअप को नियमित करने पर भी बल दिया गया।

इस महत्वपूर्ण बैठक में सचिव श्री शैलेश बगोली, स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर डॉ. वी. मुरूगेशन, एसएसपी एसटीएफ श्री नवनीत सिंह सहित अनेक वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

उत्तराखंड सरकार ने अब नशे के खिलाफ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर दिया है। युवाओं के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए प्रशासनिक मशीनरी को पूरी तरह से सक्रिय किया गया है। आने वाले दिनों में प्रदेशभर में इस अभियान के तहत कड़ी निगरानी, जागरूकता और उपचार—तीनों मोर्चों पर बड़ा असर देखने को मिल सकता है।

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